सुनील तिवारी
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं. यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन और मिशन को मुख्यमंत्री धामी राज्य में भी लागू करना चाहते हैं. गौरवतलब है कि 2014 में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव लड़ते समय भाजपा ने देश के लोगों से तीन प्रमुख वादे (राम मंदिर का निर्माण, अनुच्छेद 370 को हटाना एवं समान नागरिक संहिता को लागू करना ) किये थे. उपरोक्त तीन वादों में से प्रथम दो वादे पीएम मोदी पूरी कर चुके हैं. अब बारी है तीसरे वादे को पूरा करने का अर्थात समान नागरिक संहिता को देशभर में लागू करने का.
2022 के विधानसभा चुनाव के पहले जब अधिकांश चुनावी सर्वे में कांग्रेस की सरकार बनती दिखाई दे रही थी तो वहीं 6 माह पूर्व ही मुख्यमंत्री बने पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता का मुद्दा उछालकर सियासी बढ़त बना ली और स्वयं चुनाव हारकर भी भाजपा को बहुमत दिला दिया. पुष्कर सिंह धामी की इसी सूझ-बूझ के कायल होकर भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें हार के बावजूद भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा दिया. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी यह पता है कि धामी जी भाजपा के लिए लम्बी रेस का घोड़ा हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं भी सीएम पुष्कर सिंह धामी के मुरीद है. सीएम धामी के प्रधानमंत्री से होने वाली लम्बी-लम्बी मुलाकातें इसका प्रमाण है. पीएम मोदी सार्वजानिक मंचों पर भी सीएम धामी की पीठ थपथपा चुके हैं.
2024 के लोकसभा चुनाव में समान नागरिक संहिता ही सर्वप्रमुख मुद्दा बनने वाला है. उत्तराखंड सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता के लिए गठित कमेटी द्वारा ड्राफ्ट तैयार करने के बाद उसके द्वारा दिल्ली में की गयी प्रेस वार्ता और उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समान नागरिक संहिता पर दिया गया प्रसिद्द भाषण इसका गवाह हैं. सीएम धामी ने समान नागरिक संहिता के लिए पीएम मोदी की राह को आसान बना दिया है.
समान नागरिक संहिता ही वो पहला मुद्दा है जिसकी वजह से सीएम पुष्कर सिंह धामी को देशभर में प्रसिद्धि मिली. उसके बाद नक़ल माफियाओं पर लिया गया सख्त एक्शन एवं लैंड जिहादियों पर की गयी कार्यवाही ने सीएम धामी की पॉपुलरटी का ग्राफ देशभर में सातवें आसमान पर पहुंचा दिया. आज इन्हीं मुद्दों की वजह से पूरे देश के लोग उत्तराखंड की चर्चा करते हैं.
आगामी दिसम्बर माह में सीएम धामी देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए “इन्वेस्टर समिट” का आयोजन करने जा रहे हैं, जिसकी जोर-शोर से तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. ध्यातव्य है कि देश में निवेशक सम्मेलन की शुरुआत भी पीएम मोदी ने ही गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए की थी. उसके बाद अन्य राज्य उनका अनुसरण करना शुरू किये. इस प्रकार सीएम धामी भी निवेशक सम्मलेन का आयोजन कर पीएम मोदी के पदचिन्हों का अनुसरण करने की कोशिश कर रहे हैं.
“ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा” पीएम मोदी का भ्रष्टाचार पर दिया गया प्रमुख नारा है. सीएम धामी भी भी इस नारे का अक्षरशः पालन कर रहे हैं. नक़ल माफियाओं को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाना हो या अपने पूर्व निजी सचिव पर कानूनी कार्यवाही करवाना हो, इसी का प्रमाण है.
सीएम धामी भी पीएम मोदी की तरह दो तरह की योजनाओं पर काम कर रहे हैं. एक तत्कालिक या अल्पकालिक औरदूसरी दीर्घकालिक धामी जी अल्पकालिक योजनाएं वो है जिन्हें 2025 तक पूरा करना है और दीर्घकालिक वे हैं जिन्हें इस दशक के अंत तक पूरा करना है. यदि इसी तरह सीएम धामी पीएम मोदी के पदचिन्हों पर चलते रहें तो निश्चय ही पीएम मोदी जी के कहे अनुसार यह दशक उत्तराखंड का होगा.