दीपक कुमार त्यागी
‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में दर्ज हुआ एडवोकेट शेष नाथ शुक्ल के नाम अनूठा रिकॉर्ड, एक दिन में 152 मुकदमे दाखिल करके किया देश व दुनिया में नाम रोशन।
लग्नशील व जुनूनी व्यक्ति एक ना एक दिन जन मानस के सामने सफलता की एक बड़ी लकीर खींच ही देता है। ऐसा ही एक कीर्तिमान एक साधारण किसान परिवार में जन्मे एडवोकेट शेष नाथ शुक्ल ने भी अपनी मेहनत के बलबूते के दम पर करके आम जनमानस को करके दिखाया है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जनपद के सिरखड़ी मेजा गांव में जन्मे शेष नाथ शुक्ल एडवोकेट के पिता का नाम रामकृष्ण शुक्ल व माता का नाम अमरावती है। वह सात भाई बहनों में सबसे छोटे हैं। शेष नाथ शुक्ल के पिताजी ने खेती-किसानी करके अपने पूरे परिवार का उचित ढंग से लालन-पालन किया और बच्चों को अपने पैरों पर खड़े करने का कार्य किया। उनके बड़े भाई भोलानाथ शुक्ल पत्रकार हैं और भारतीय पत्रकार संघ में मंडल उपाध्यक्ष हैं। वहीं शेष नाथ शुक्ल ने अपने गृहनगर से सैंकड़ों किलोमीटर की दूरी पर आकर के गाजियाबाद जनपद को अपनी कर्मभूमि बनाया, वह गाजियाबाद के जिला व सत्र न्यायालय में एक अधिवक्ता के रूप में कार्य करते है, कानूनी मसलों में उनकी विशेषज्ञता कंपनी एवं बैंक से संबंधित मामलों के साथ-साथ बैंक व फाइनेंस कंपनी के रिकवरी से जुड़े मसले व चेक बाउंसिंग जैसे मुकदमों में हैं।
बचपन से ही शेष नाथ शुक्ल पर परिवार का नाम रोशन करने का जुनून सवार था, वह चाहते थे कि उनका व उनके परिवार का नाम देश व दुनिया में रोशन हो। इसके चलते ही एक दिन शेष नाथ शुक्ल को विधि व्यवसाय में एक अनूठा कीर्तिमान बनाने की सूझी, जिसके लिए उन्होंने एक दिन में सबसे अधिक संख्या में मुकदमे दाखिल करने के बेहद चुनौती पूर्ण लक्ष्य को चुना, लक्ष्य चुनने के बाद एडवोकेट शेष नाथ शुक्ल ने दिन-रात एक करके उसको तय समय में हासिल करने की तैयारी शुरू कर दी और उन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते एक दिन में गाजियाबाद जनपद के जिला व सत्र न्यायालय में 152 मुकदमा दाखिल करके ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड’ में एक अनूठा रिकॉर्ड पर अपना नाम दर्ज करवाने में सफलता हासिल की है। जिसके बाद से ही शेष नाथ शुक्ल व उनके परिजनों को खूब बधाई मिल रही हैं।