गोपेंद्र नाथ भट्ट
उदयपुर/नई दिल्ली ।स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण भारत सरकार राष्ट्रीय योजना स्वीकृत समिति के सदस्य तथा उदयपुर के प्रमुख समाजसेवी और डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति के के गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह सहित केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी एवं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, को पत्र लिखकर उदयपुर के सर्वांगीण विकास के लिए एक कार्य योजना बनाकर उसे शीघ्र लागू करने का आग्रह किया है।
के के गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि जैसे-जैसे राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है वैसे-वैसे प्रदेश की जनता राज्य एवं भारत सरकार से रुके हुए विकास कार्यों को पूरा होना देखना चाहती हैं ।ये वह कार्य है जिससे आमजन प्रभावित होगा तथा भारत सरकार कि घोषणा के अनुरूप है तथा राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर सीधे-सीधे प्रभाव डालती हैं।
गुप्ता ने गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की तरह उदयपुर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का विशाल स्टैच्यू बनवाने का आग्रह किया । ताकि पूरी दुनिया उससे प्रेरणा ले सके।
गुप्ता ने उदयपुर पासपोर्ट सेवा केन्द्र को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में अपग्रेड करने का आग्रह करते हुए बताया कि उदयपुर को 2017 में पासपोर्ट सेवा केन्द्र की सौगात दी गई थी। शुभारम्भ के पश्चात् तत्कालीन विदेश मंत्री ने विश्वास दिलाया था कि 5 वर्ष बाद उदयपुर पासपोर्ट सेवा केन्द्र को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में अपग्रेड कर दिया जायेगा। इसी वर्ष जनवरी में विदेश मंत्रालय की संसदीय समिति ने भी उदयपुर का दौरा किया और संसदीय समिति के अध्यक्ष महोदय सहमत होकर उदयपुर पासपोर्ट सेवा केन्द्र को पासपोर्ट कार्यालय में 4 माह में प्रमोट किये जाने की घोषणा की थी। वर्तमान में पासपोर्ट सेवा केन्द्र पर प्रतिदिन औसतन 250 आवेदन प्रोसेस हो रहे हैं। हर वर्ष लगभग 50 हजार पासपोर्ट आवेदन उदयपुर पासपोर्ट सेवा केन्द्र से प्रोसेस हो रहे है। क्षेत्रफल की दृष्टि से दक्षिणी राजस्थान में एक पासपोर्ट कार्यालय होने की अति-आवश्यकता है ।दक्षिणी राजस्थान में उदयपुर मुख्यालय के सीमावर्ती 8 जिलों डूंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ, चित्तोडगढ, भीलवाड़ा, राजसमन्द, पाली, सिरोही से समुचित साधन एवं सुविधा उक्त केन्द्र पर है। उदयपुर संभाग से विदेश जाने वालों में अधिकांश, गरीब, मजदूर, आदिवासी अंचल से है जो खाडी देशों में रोजगार के लिए जाते है। इसके अतिरिक्त विद्यार्थी, व्यापारी, पर्यटन के लिए भी काफी व्यक्ति विदेश यात्रा करते रहते है। पासपोर्ट आवेदकों के कई मामले में पासपोर्ट सेवा केन्द्र उदयपुर पर निर्णय नहीं हो पाता है। इस वजह से इन आवेदकों की पत्रावली जयपुर पासपोर्ट कार्यालय को स्थानान्तरित कर दी जाती है और आवेदकों को फिर एपोईमेन्ट लेकर पुन: जयपुर पासपोर्ट कार्यालय में जाना पड़ता है। ऐसे मामलों में न्यायालय की अनुमति के बाद आवेदकों को जयपुर जाना पड़ता है। यही नहीं जन्म तारीख में संशोधन के मामलों में भी जयपुर जाना पड़ता है। तलाकशुदा, एकल महिला को भी छोटे बच्चों को साथ लेकर जयपुर पासपोर्ट कार्यालय जाने के बाद ही उनके आवेदन पर निर्णय होता है। इस प्रकार सैकडों किलो मीटर की दूरी पर आवेदक को जयपुर पासपोर्ट कार्यालय जाने में कई परेशानियों का सामना करना पडता है। यह भी ज्ञात हुआ है कि कोटा में शीघ्र ही क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय खुलने जा रहा है यह खुशी की बात है लेकिन मेवाड़ वागड़ क्षेत्र के सभी जिलों को उक्त क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय के क्षेत्राधिकार में सम्मिलित किया गया है। इस प्रकार अब मेवाड़-वागड़ क्षेत्र के आवेदकों को अज्ञानतावश होने वाली छोटी-मोटी कमियों/त्रुटियों जो उपर उल्लेखित है के लिए कोटा जाना पड़ेगा। दक्षिणी राजस्थान के 9 जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ, चित्तौडगढ का सम्बन्ध पाली तथा सिरोही जिलों के क्षैत्राधिकार को शामिल करते हुए एवं इन जिलों के तथा पासपोर्ट सेवा केन्द्र, उदयपुर का प्रस्तुत आवेदन की संख्या एवं क्षेत्र की भौगोलिक दृष्टि को ध्यान में रखते हुए उदयपुर पासपोर्ट सेवा केन्द्र को पासपोर्ट कार्यालय में अपग्रेड़ किये जाने के आदेश जारी करावे ताकि इस सम्बन्ध में सभी परेशानियों का निवारण उदयपुर पासपोर्ट कार्यालय में ही हो सके तथा उदयपुर में ही पासपोर्ट प्रिन्ट होकर शीघ्र ही जनता को मिल सके। उदयपुर पासपोर्ट सेवा केन्द्र का उदयपुर पासपोर्ट कार्यालय में अपग्रेडेशन होने से उक्त क्षेत्र की जनता को भारी परेशानियों से राहत मिलेगी।
गुप्ता ने सडक़ परिवहन के क्षेत्र मे उदयपुर के समीप के स्थान काया से देबारी हाईवे बाईपास का कार्य शीघ्र पूर्ण करके आम जनता को समर्पित करने का आग्रह किया जिससे कि बलीचा बाईपास चितौडगढ पर भारी वाहन यातायात दबाव कम हो सकें।
गुप्ता ने उदयपुर से मुम्बई वाया डूंगरपुर, अहमदाबाद नियमित रेल शीघ्र शुरू किये जाने की माँग भी की जिससे धार्मिक पर्यटन, मेडिकल उपचार, व्यापार क्षेत्र एवं शिक्षा आदि हेतु मुम्बई तथा दक्षिण भारत की सीधी कनेक्टिीविटी हो सके और इसका सुलभ लाभ मेवाड़-वागड़ की आम जनता को मिल सके।
उन्होंने बताया कि उदयपुर पर्यटन के लिहाज़ से विश्व पटल पर है तथा जी-20 की प्रथम शेरपा मीटिंग का सफल आयोजन भी उदयपुर में सम्पन्न हुआ। इससे देश विदेश से उदयपुर आने वाले पर्यटकों की संख्या में एकाएक वृद्धि भी हुई है। मेवाड़ वागड़ क्षेत्र से काफी लोग खाड़ी देशों में रोजगाररत भी है। इसलिए उदयपुर स्थित महाराणा प्रताप हवाई अड्डे को शीघ्र अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा देकर शीघ्र यहां से अन्तर्राष्ट्रीय फ्लाईट शुरू करवाए जानी चाहिए ।
गुप्ता ने उदयपुर में राजस्थान उच्च न्यायालय की एक बेंच स्थापित किए जाने की मांग करते हुए बताया कि इस संभाग में विगत कई वर्षों से इसकी माँग की जा रही है। इसके अभाव में यहां की जनता को न्याय प्राप्ति के लिए माननीय जोधपुर और जयपुर बेंच तक जाना पड़ता है। उदयपुर में माननीय न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना होने से यहां के अधिवक्ताओं को माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष अपने प्रकरण लेकर उपस्थित होने में आसानी होंगी । इसके साथ ही किसी अपराध से पीड़ित जनता को भी माननीय उच्च न्यायालय की न्यायमूर्तियों से न्याय प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
गुप्ता ने बताया कि यें सभी कार्य उदयपुर संभाग के हर व्यक्ति के लिए आवश्यक हैं जिससे आने वाले समय में न केवल आमजन को राहत मिलेगी अपितु उदयपुर में टूरिस्ट की संख्या में भी भारी मात्रा में बढ़ने से रोजगार एवं विकास को भी बल मिलेगा।