संदीप ठाकुर
तारीख घोषित करने से पहले चुनाव आयोग की टीम 3 अत्तूबर यानी आज तेलांगना
के दाैरे पर पहुंची। शेष राज्यों का अंतिम दौरा आयाेग के अधिकारी कर चुके
हैं। सूत्राें के मुताबिक आगामी 6 अक्तूबर काे आयाेग ने राज्याें का
दाैरा कर लाैटे पर्यवेक्षकाें की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक के
बाद चुनाव आयोग इस हफ्ते के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के
लिए अधिसूचना जारी कर सकता है। चुनाव नवंबर के तीसरे हफ्ते से लेकर
दिसंबर के पहले हफ्ते तक होंगे। चुनाव छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश,
तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले हैं। 2018 में 6 अक्टूबर को चुनाव की
तारीख घोषित किए गए थे।आयोग ने नक्सल प्रभावित इलाकों के मद्देनजर
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान करवाया था.पहले चरण में 12 नवंबर को
18 सीटों पर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को 72 हलकों में वोट डाले गए थे।
मध्य प्रदेश, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में एक चरण में ही मतदान
करवाया गया था। इस विधानसभा चुनाव को अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले
आम चुनाव से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है लेकिन हकीकत में ये चुनाव
सेमीफाइनल साबित हाेंगे इसका काेई गारंटी नहीं है।
अभी राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, जबकि मध्य प्रदेश
में बीजेपी, तेलंगाना में बीआरएस और मिजोरम में गैर कांग्रेस,गैर भाजपा
सरकार है। राजनीति के जानकाराें का मानना है कि ये चुनाव राष्ट्रीय चुनाव
का सेमीफाइनल है। लेकिन ट्रेंड इस तरफ इशारा नहीं करते हैं। 2018 में
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में जीत हासिल की लेकिन
लोकसभा चुनाव में पार्टी का बेहद खराब प्रदर्शन रहा । वहीं, तेलंगाना में
केसीआर ने विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की लेकिन लोकसभा में भाजपा
ने बड़ी चुनौती दी। उसी तरह 2004 में एनडीए सरकार ने इन्हीं तीनों
राज्यों में भाजपा की बड़ी जीत के बाद लोकसभा चुनाव 7 महीने पहले कराने
का फैसला कर लिया था। लेकिन इसका ठीक उलट नतीजा निकला। कांग्रेस
अप्रत्यशित तरीके से भाजपा से सत्ता छीनने में कामयाब रही। 2009 में
चुनाव से पहले भाजपा ने एमपी और छत्तीसगढ़ में अपनी मजबूती बनाए रखी,
लेकिन लोकसभा चुनाव के ट्रेंड अलग दिखे थे।