सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : पिछली उपविजेता भारत और पिछली चैंपियन जापान की महिला हॉकी टीमें अजेय रहकर अपने अपने पूल में शीर्ष पर रहने के बाद हंगजू(चीन) में 19 वें एशियाई खेलों में अपने अपने सेमीफाइनल हारने के साथ सीधे 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने का सपना टूटने के बाद अब शनिवार को कांसा जीतने कर सम्मान बचाने के मकसद से उतरेंगी। बृहस्पवितार को सेमीफाइनल में भारतीय टीम मेजबान चीन से 0-4 से जबकि जापान की टीम दक्षिण कोरिया से निर्धारित समय में दो-दो की बराबरी के बाद शूटआउट में 3-4 से हार कर स्वर्ण की होड़ से बाहर हो गई थी। तीन बार चैंपियन रही चीन और पांच बार चैंपियन रही दक्षिण कोरिया की टीमें फाइनल में शनिवार को स्वर्ण जीत सीधे पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने के मकसद से आमने सामने होंगी।
जापानी महिला हॉकी ने भारत से अब तक 28 में से 15 मैच जीते है। वहीं भारत की टीम जापान से दस मैच ही जीत पाई और तीन मैच ड्रॉ रहे। भारत 2018 के जकार्ता एशियाई खेलों के फाइनल में जापान की महिला हॉकी टीम ने भारत को 2-1 से हरा स्वर्ण पदक जीता था। भारत की कप्तान सविता ने जापान के खिलाफ कांस्य पदक के लिए खेले जाने वाले मैच की बाबत कहा, ‘हमने हंगजू एशियाई खेलों में अपना अभियान स्वर्ण पदक जीतने के लक्ष्य को जेहन में शुरू किया औैर पूल चरण में बढिय़ा हॉकी खेली पर बदकिस्मती से हम सेमीफाइनल में हार गए। हम अब अपने अभियान का समापन जापान को हरा कांसा जीतकर सकारात्मक अंदाज में करना चाहते हैं और इसके लिए हम जापान के खिलाफ अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे।’
भारत की उपकप्तान दीप ग्रेस एक्का ने कहा, ‘ हंगजू एशियाई खेलों में बेशक हमारा अभियान खासा उतार-चढ़ाव वाला रहा लेकिन हमारा हौसला अभी भी कायम है। अब हमारा लक्ष्य अब पदक जीत कर स्वदेश वापस लौटना है।’
कांस्य पदक मैच : भारत व जापान (दोपहर डेढ़ बजे से)। भारतीय समयानुसार