प्रीती पांडेय
सैम पित्रोदा , एक ऐसा नाम जो लगभग एक दशक पहले तक भारतीय राजनीति में वो कद रखता था जिसकी सलाह के बिना देश की सबसे पुरानी पार्टी में पत्ता भी हिलाने का फैसला नहीं लिया जाता था । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी अक्सर जब विदेश के दौरे पर जाते हैं तो सैम पित्रोदा को उनके इर्द गिर्द जरूर देखा जा सकता है । विदेश में तमाम व्यापारी वर्ग या बौद्धिक वर्ग के लोगों के साथ होने वाली राहुल की मुलाकात के दौरान भी सैम पित्रोदा की मौजूदगी होना बेहद आम सी बात मानी जाती थी । लेकिन इन दिनों खबर ये है कि राजीव गांधी के ज़माने से कांग्रेस शीर्ष और सैम पित्रोदा के इस अटूट जोड़ में गांठ सी पड़ गई जिसकी वजह सैम पित्रोदां की वो चूक बताया जा रहा है जो उनकी तरफ से राहुल के हालिया दौरें के दौरान हुई और नतीजा ये कि अब सैम पित्रोदा को राहुल की नाराजगी का भार उठाना पड़ रहा है । करीब 3 दशक तक गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाने वाले , पार्टी के रणनीतिकार माने जाने वाले सैम पित्रोदां से अचानक राहुल ने लगभग लगभग खुद को अलग कर लिया है । रिश्तों में आई इस खटास के मूल में कारण में मौजूद है उद्दोगपति गौतम अडानी।
बताया जा रहा है, घटना सात समंदर पार पेश आई । अक्सर राहुल जब विदेश के दौरे पर होते हैं तो राहुल से मिलने के लिए वहां के बुद्धीजीवी, उद्योगपति , सिविक सोसाइटी से जुड़े लोग मिलने आते हैं । ऐसे ही एक विदेशी दौरे के दौरान जिस पांच सितारा होटल में राहुल ठहरे थे , राहुल से मिलने के लिए वहां के कई व्यापारी, उद्योगपति, बुद्धीजीवी समुदाय के लोग बिजनेस लाउंज में राहुल गांधी का इंतजार कर रहे थे । इसी बीच राहुल से मिलने के लिए वहां एक और शख्सियत मौजूद था, जिसका नाम गौतम अडानी बताया जा रहा है । तय समय पर राहुल अपने रूम से बाहर निकले , बाहर निकल कर उन्होंने सैम पित्रोदा से अपना कार्यक्रम पूछा तो उन्हें बताया गया कि बुद्धिजीवी, व्यापारी वर्ग के लोग बिजनेस लाउंज में उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं । लेकिन इससे पहले 5 मिनट के लिए किसी और से भी मिलना है अलग से , राहुल को एक बार को यकीन नहीं हुआ उन्होने दोबारा पूछा कौन – कहां ? पित्रोदा ने जवाब दिया अडानी साहब । राहुल ने पूछा कौन अडानी कौन ? पित्रोदां ने कहा गौतम अडानी । राहुल ने कहां- कैसे , ये हिम्मत कैसे हुई, मुझ तक लेकर उन्हें कैसे आप आएं ? ये कह कर नाराज राहुल वापस अपने कमरे में लौट गए और पूरे दिन कमरे से बाहर नहीं निकले और अगले दिन राहुल गांधी देश वापस लौट आएं । तब से लेकर अब तक हुआ ये कि गांधी परिवार और कांग्रेस के मुख्य सलाहकार सैम पित्रोदां अचानक सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगे और भरसक प्रयास ये करते फिर रहें हैं राहुल , गांधी परिवार को ये समझा सकें कि वो उनके सच्चे हितैषी हैं और जो करना चाह रहे थे वो कांग्रेस की भलाई के लिए थी ।
बहरहाल, कहां ये जाता है कि व्यापारी किसी का सगा नहीं होता, सत्ता जिसके हाथ में व्यापारी और उसकी सारी स्वामीभक्ति उसकी । इस प्रकरण से भी कुछ यहीं झलक दिखाई पड़ती है । लगता है भारत जोड़ो आंदोलन के बाद राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता और हालियां सर्वे में कांग्रेस के प्रति लोगों की बदलती सोच ने गौतम अदानी को भी सोचने पर मजबूर कर दिया कि अगर हिंदोस्तां में सत्ता परिवर्तन फिर हुआ तो कांग्रेस से उनकी दूरी और राहुल के तमाम भ्रष्टाचार संबंधित आरोपों का पुलिंदा उनके खिलाफ खुल जाएगा लिहाजा पहले से ही राहुल के द्वारा वो अपनी बदलती आस्थां को साबित करने और खुद के लिए सत्ता परिवर्तन होने पर भी अभयदान हासिल करने की असफल चेष्टा कर रहे थे जो राहुल ने मुमकिन होने नहीं दी ।