रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी में परंपरागत रूप से बड़े पैमाने पर लाल धान (चरधान) की खेती की जाती है। किसानों की बेहतरी की व्यापक संभावना को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला की पहल पर कृषि विभाग ने पहली बार जिले की गंगा घाटी में भी लाल धान पैदा करने की योजना तैयार की थी। शुरूआती दौर में चिन्यालीसौड, डुंडा और भटवाड़ी ब्लॉक के पैंतीस गांवों के लगभग साढे चार सौ किसानों को इस प्रायोगिक मुहिम से जोड़ा गया। साठ कुंतल बीज की नर्सरी तैयार कर लगभग दो सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में लाल धान की रोपाई की गई थी।
फसलों की कटाई संपन्न होने पर यह मुहिम अंजाम तक पहुँची तो नतीजे उत्साहजनक और उम्मीदों के अनुरूप देखने को मिले हैं। वैज्ञानिक ढंग से एकत्र किए गए क्रॉप कटिंग के आंकड़ों तथा काश्तकारों की प्रतिक्रिया के आधार पर गंगा घाटी में लालधान उगाने का शुरुआती प्रयोग सफल माना जा रहा है। जिले की गंगा घाटी में लाल धान की खेती को बढावा देने के प्रयास फलीभूत हो रहे हैं। उम्मीद है कि गंगा घाटी में भी लाल धान की खेती किसानों जीवन में नई रंगत लाएगी।