रविवार दिल्ली नेटवर्क
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग की ओर से करियर आस्पेक्ट्स ऑफ इंजीनियरिंग इन डिफेंस पर हुई वर्कशॉप
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग की ओर से करियर आस्पेक्ट्स ऑफ इंजीनियरिंग इन डिफेंस पर हुई वर्कशॉप में कर्नल जेके शर्मा ने इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को डिफेंस में करियर के तमाम टिप्स दिए। उन्होंने कहा, जिसमें देशभक्ति, सेवा संकल्प, समर्पण सरीखा जुनून है तो उन्हें डिफेंस में अपना स्वर्णिम करियर बनाना चाहिए। कर्नल शर्मा टीएमयू में फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशन विभाग की ओर से करियर आस्पेक्ट्स ऑफ इंजीनियरिंग इन डिफेंस पर हुई वर्कशॉप में बतौर की-नोट स्पीकर बोल रहे थे। इससे पहले ऑडी में कर्नल जेके शर्मा ने बतौर की-नोट स्पीकर, वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, सीसीएसआईटी एंड एफओई के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, सीटीएलडी के निदेशक प्रो. आरएन कृष्णिया, ईसीई के एचओडी डॉ. राहुल शर्मा, ज्वाइंट रजिस्ट्रार रिसर्च एंड डवलपमेंट प्रो. ज्योति पुरी आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। रक्षा क्षेत्र में इंजीनियरिंग करियर को लेकर आयोजित इस कार्यशाला में वीसी के अलावा रजिस्ट्रार, सीसीएसआईटी के निदेशक, सीटीएलडी के निदेशक ने भी अपने सारगर्भित विचार साझा किए। वर्कशॉप में फैकल्टी के संग-संग इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं से सवाल-जवाब का भी दौर चला। अंत में की-नोट स्पीकर को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। वर्कशॉप का संचालन सुश्री इंदु त्रिपाठी ने किया।
की-नोट स्पीकर कर्नल शर्मा ने डिफेंस के इंजीनियरिंग महकमों में करियर को लेकर फेज वन से फेज थ्री तक अपना नजरिया रखा। उन्होंने 10+2 के बाद डिफेंस में करियर को लेकर बताया, युवा कौन-कौन सी परीक्षा उत्तीर्ण करके डिफेंस में अपना भविष्य बना सकते हैं? फेज-01 में उन्होंने इंजीनियरिंग को परिभाषित किया। रोल से लेकर एसेट्स और लायबिलिटीज़ के बारे में विस्तार से बताया। फेज-02 में टाइप ऑफ एंट्री, सैलरी स्ट्रक्चर, पर्कस, खान-पान, आवासीय सुविधा, स्पोट्स सरीखे कोटे की सुविधा, प्रमोशन पॉलिसी पर प्रकाश डाला। की-नोट स्पीकर कर्नल शर्मा ने फेज-03 में लाइफ ऑफ ऑफिसर को लेकर संवाद किया। उन्होंने डिफेंस में चयन होने के बाद गुणों पर भी बात की। वह बोले, एयरफोर्स, नेवी और आर्मी में करियर से आपको सच्ची देशसेवा का शिद्दत से अहसास होता है। दुश्मन को सूंघने में दक्ष हो जाते हैं। वर्कशॉप में सवाल-जवाब के दौर के तहत उन्होंने पूछा, इंजीनियर कौन होता है? ज्वाइंट रजिस्ट्रार रिसर्च एंड डवलपमेंट प्रो. ज्योति पुरी ने तर्कसंगत जवाब दिया, क्रिटिकल थींकिंग के संग-संग इन्नोवेशन ही इंजीनियरिंग है। उन्होंने युवाओं को यह भी टिप्स दिए कि इंटरव्यू के वक्त कौन-कौन सी क्वालिटी होनी चाहिए। वर्कशॉप में एफओई के वाइस प्रिंसिपल डॉ. पंकज गोस्वामी, सीसीएसआईटी के वाइस प्रिंसिपल प्रो. आशेन्द्र कुमार सक्सेना, ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के सदस्य- डॉ. अलका वर्मा, श्री प्रशान्त कुमार, श्री नीरज कौशिक, डॉ. जरीन फारूक, श्री राहुल विश्नोई, डॉ. शंभु भारद्वाज आदि मौजूद रहे।