प्रीति पांडे
इजरायल-हमास के बीच जंग जारी है । आशंका जताई जा रही है कि यह युद्ध लंबा चलने वाला है। इस जंग से जान-माल का भी नुकसान हो रहा है। वहीं, इस जंग का प्रभाव विश्व की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। भारत में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है। सिर्फ शेयर बाज़ार ही नहीं इजरायल -हमास के बीच चल रहे युद्ध से उद्योगों पर भी असर पड़ रहा है, कई उद्योंगों को माल नहीं मिल पा रहा तो निर्यात में भी कमी आ गई है ।
इजराइल-हमास संघर्ष को लेकर RBIगवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, “बेशक, जो कुछ भी हो रहा है उससे हम प्रभावित होते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है। हमारी आर्थिक बुनियादें मजबूत बनी हुई हैं। हमारे वित्तीय क्षेत्र मजबूत बने हुए हैं। इस अनिश्चित समय में जो मायने रखता है, वह यह है कि आपके सूक्ष्म आर्थिक बुनियादी क्षेत्र कितने मजबूत हैं और आपका वित्तीय क्षेत्र कितना मजबूत है। मुझे लगता है कि दोनों चीजों में भारत अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।”ब्याज दर को लेकर शक्तिकांत दास ने कहा कि ‘ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेंगी और आगे समय ही बताएगा कि यह कितने समय तक ऊंचे स्तर पर रहेगी। मौजूदा भू-राजनीतिक संकट के मद्देनजर दुनिया भर के प्रमुख केंद्रीय बैंकों ने उच्च मुद्रास्फीति से निपटने के लिए अपनी प्रमुख नीतिगत दरें बढ़ा दी हैं।’वहीं मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए रिजर्व बैंक ने इस साल फरवरी से अब तक नीतिगत दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। यह 6.5 प्रतिशत पर अभी बनी हुई है।पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। ब्याज दर पर शक्तिकांत दास ने कहा, “ब्याज दर फिलहाल ऊंची बनी रहेगी, कब तक यह ऊंची रहेगी यह तो समय ही बताएगा।’
इजरायल-हमास युद्ध के चलते भारत समेत दुनियाभर के देशों पर युद्ध का असर दिख रहा है। इजरायल के हमले के बाद गाजा पट्टी में भयंकर तबाही मची है। इससे भारत के शेयर बाजार में भी नुकसान हुआ है। शेयर बाजार में गिरावट के कारण निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है। सोने की कीमत में युद्ध के बीच बढ़ोतरी हुई है। गोल्ड की कीमत में तेजी देखने को मिल रही है।
इजरायल और हमास के बीच जारी जंग का असर सिर्फ वहीं तक सीमित नहीं है। युद्ध का इफेक्ट भारत समेत दुनियाभर के देशों पर दिखने लगा है। भारत का शेयर बाजार भी इससे अछूता नहीं रह गया है। शेयर बाजार लगातार गिरावट के साथ बंद हो रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों बुरी तरह से गिरावट देखने को मिला है। बीते हफ्ते से शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। शेयर बाजार में गिरावट के चलते निवेशकों को भारी भरकम नुकसान हो रहा है।
इज़रायल हमास युद्ध के चलते औद्योगिक सैक्टर भी अछूता नहीं है । भारत की ही बात करें तो गुरुग्राम के उद्दोगों पर ज़बरदस्त असर देखने को मिल रहा है । यहां से गारमेंट, फूड और हस्तशिल्प उद्योगो से माल की सप्लाई होती है, उड़ाने रद्द होने की वजह से उद्यमियों को करोड़ो का माल भेजने की चिंता सताने लगी है । कई नए ऑर्डर रूक गए हैं । युद्ध लंबा चला तो इन सेक्टर में काम करने वाले हजारो लोगों के रोजगार पर भी संकट आएगा । गुरुग्राम जिले में 12 हजार उद्योग हैं , जिनमें ऑटोमोबाइल के बाद ढाई हजार गारमेंट्स उद्योग , दो सौ फूड और हस्तशिल्प उद्योग है । इन उद्योगो से माल की सप्लाई इजरायल को होती है । ऑर्डर पर तैयार करके माल भेजा जाता है । अब युद्ध की वजह से उद्यमियों के सामने माल भेजने का संकट खड़ा हो गया है । इतना ही नहीं नया ऑर्डर भी नहीं मिल रहा और जो तैयार है वो भेजा नहीं जा पा रहा । त्यौहारी सीजन में कपड़ा और खाद्य उत्पाद की सप्लाई पर असर से उद्यमियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है । अकेले गुरुग्राम से 4 प्रतिशत माल गारमेंट्स उद्यमी इजरायल में भेजते थे । वहीं फूड प्रोडक्ट्स के खराब होने की चिंता उन्हें सताने लगी है । प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के चेयरमैन दीपक मैनी के मुताबिक, युद्ध का सीधा असर गारमेंट्स, फूड और हस्तशिल्प उद्योग पर पड़ रहा है । जिसका असर उद्मियों की आर्थिक स्थिती पर भी पड़ेगा ।
युद्ध में चाहे जीत किसी की भी हो, कोई भी पलड़ा हावी रहे , कोई भी खेमा हार का सामना करें , लेकिन इसके दूरगामी परिणाम सिर्फ दो खेमों तक ही सीमित नहीं रहते बल्कि उन पहलूओं को भी प्रभावित करते हैं जिनका इनसे परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सरोकार होता है ।