- देर रात पाँचवीं सूची हुई जारी
- सूची में राहुल गाँधी और वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री द्वारा उठायें गए मुद्दों का असर दिखा
- भाजपा के शेष उम्मीदवारों के नामों की घोषणा का भी काउंट डाउन शुरु
गोपेंद्र नाथ भट्ट
राजस्थान विधान सभा चुनाव के लिए प्रदेश में नामांकन प्रक्रिया प्रारम्भ होने के दूसरे दिन कांग्रेस ने अपनी चौथी और पाँचवीं सूची में क्रमशः 56 एवं 5 उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए है। कांग्रेस ने मंगलवार को दो किस्तों में सूचियाँ जारी की।पहले 56 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई और उसके बाद देर रात 5 उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की गई ।
कांग्रेस अब तक 156 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। पार्टी को अब अपने सिर्फ 44 उम्मीदवारों की घोषणा करना बाकी है।जिनमें से कुछ नामों की घोषणा बुधवार को भी हों सकती है लेकिन,अभी भी स्वायत शासन शासन मंत्री शान्ति धारीवाल,जल प्रदाय मंत्री डॉ.महेश जोशी और राजस्थान पर्यटक विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के नामों पर कोई स्पष्ट तस्वीर सामने नही आ सकी है। बताया जा रहा है कि इनका फैसला सोनिया गाँधी,मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के स्तर पर ही होगा।
चौथी और देर रात जारी पाँचवीं सूची में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ही दबदबा दिख रहा है लेकिन इस सूची में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के कई समर्थकों को भी टिकट दी गई है। सूची में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री द्वारा उठायें गए मुद्दों का असर भी दिखाई दे रहा है ।सूची में कांग्रेस ने कई नए प्रयोग किए है और कई युवाओं एवं महिला नेताओं तथा हारे हुए विधायको को भी प्रत्याशी बनाया हैं । इसमें तेरह वर्तमान विधायकों को रीपिट किया गया है तथा सात विधायकों और तीन निर्दलियों के टिकट भी काटे गए है। दूसरी ओर अपने बेटों के लिए टिकट माँगने वाले पूर्व विधान सभा अध्यक्ष वयोवृद्ध दीपेन्द्र सिंह शेखावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री महादेव सिंह खण्डेला को टिकट देकर सभी को अचरज में डाला गया है। सूची में करीब 26 नए चेहरे शामिल है जिनमें पार्टी सर्वे में आगे रहे, बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए तथा गहलोत सरकार को समर्थन देने वाले विधायक शामिल है।
सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम उदयपुर शहर से कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोविन्द वल्लभ का बताया जा रहा है। गोविन्द वल्लभ के श्वसुर अखिलेश जोशी हिंदुस्तान ज़िंक में बहुत ही प्रभावशाली अधिकारी रहें है और उन्होंने अनेक लोगों को उपकृत किया है। पार्टी उनके इन रसूकों को भुनाना चाहती है। उदयपुर शहर में इस बार भाजपा से लगातार बीस वर्षों तक विधायक रहें असम के राज्यपाल और भाजपा के क़द्दावर नेता गुलाब चंद कटारिया और कांग्रेस की पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ गिरिजा व्यास के परिवार का कोई प्रतिनिधि मुक़ाबला करते हुए नही दिखाई देगा।
कांग्रेस को अब अपने जिन 49 उम्मीदवारों की घोषणा करना शेष है उसमें जयपुर और जोधपुर संभाग की कई प्रतिष्ठित सीटें शामिल है । इनमें जयपुर शहर में सांसद दिया कुमारी और भाजपा के अन्य दिग्गजों के सामने आने वाले चेहरों को लेकर उत्सुकता बनी हुई है।
राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के मंगलवार को कांग्रेस और भाजपा ने शेष उम्मीदवारों के नामों पर फिर से महामंथन किया। कांग्रेस केन्द्रीय चुनाव समिति की लगातार दूसरे दिन बैठक हुई जिसमें तेलंगाना यात्रा पर जाने के कारण आज राहुल गाँधी शामिल नही हुए लेकिन बैठक में सोनिया गाँधी,के सी वेणु गोपाल के साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई,सह प्रभारी अमृता धवन,काजी निजामुद्दीन और वीरेंद्र सिंह आदि नेता शामिल हुए ।
इधर भाजपा कोर समिति ने भी नई दिल्ली में अपने उम्मीदवारों की शेष सूची पर एक से अधिक बार मन्थन पर मन्थन किया। कई दौर की अलग अलग स्थानों पर हुई बैठकों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राजस्थान के प्रभारी केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोर समिति के सदस्यों केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल , कैलाश चौधरी आदि के साथ बैठकें कर गहन विचार विमर्श किया।अब बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद भाजपा भी अपने शेष उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है।
भाजपा ने अब तक 124 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी हैं और 76 उम्मीदवारों के नामों की सूचियाँ जारी करना शेष हैं।
भाजपा और कांग्रेस तथा अन्य दलों द्वारा अपने शेष उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद राजस्थान की राजनीति का रण पूरी तरह सज जायेगा तथा 9 नवम्बर के बाद चुनावी मैदान में योद्धा अपने-अपने तरीक़े से चुनाव का समर जीतने का प्रयास करेंगे। देखना होंगा कि देश के सबसे बड़े मैदानी सूबे में होने वाली इस चुनावी लड़ाई में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेंगा ?