- श्रीलंका से भारत के विजयरथ को रोकने की उम्मीद बेमानी
- भारत की अकेली चिंता श्रेयस का लगातार दूसरी बार शॉर्ट गेंद पर आउट होना
- शमी, बुमराह व कुलदीप के सामने श्रीलंका के बल्लेबाजों का इम्तिहान
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : रंग में चल रहे धुरंधर विस्फोटक सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा की अगुआई में जीत का ‘छक्का’ जड़ चुके भारत की निगाहें अब श्रीलंका को भी बृहस्पतिवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हरा कर मौजूदा आईसीसी वन डे क्रिकेट विश्व कप में अपनी जीत का सिलसिला जारी रख लगातार सातवीं जीत के साथ शीर्ष पर बने रहने पर लगी हैं। वहीं अपने छह में से चार मैच हारने और मात्र दो जीतने वाली श्रीलंका से भारत के हाल ही के दमदार प्रदर्शन के मद्देनजर उसके विजयरथ को रोकने की उम्मीद बेमानी है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला मैच विराट कोहली की जीवट भरी बल्लेबाजी और इंग्लैंड के खिलाफ छठा मैच अपने तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के गेंद से कहर से कुछ लडख़ड़ाने के बाद जीता। इंग्लैंड के खिलाफ चाहे वह तेज गेंदबाज बुमराह हों या फिर मोहम्मद शमी और निचले मध्यक्रम में बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव ने विश्वास से बल्ले से प्रदर्शन कर दर्शाया कि भारत के पास हर मुश्किल स्थिति से उबारने के लिए अलग -अलग नायक हैं। भारत की कोशिश 2003 और 2007 में ऑस्ट्रेलिया की तरह अजेय रहकर खिताब जीतने पर लगी है। बहुत क्रिकेट पंडितों व भारतीय प्रशंसक बस यही कामना कर रहे हैं सेमीफाइनल में पहुंचने पर भी उसके कौशल के साथ तकदीर भी साथ रहे और फाइनल में पहुंचे।
लगातार छह जीत के साथ एक पैर सेमीफाइनल में रख चुके की बुधवार को श्रीलंका के खिलाफ जीत उसके अंतिम चार में पहुंचने को लेकर किसी भी गुणाभाग और अगर मगर को खत्म कर देगी। तब भारत के लगातार सातवीं जीत के साथ 14 अंक हो जाएगे और वह सबसे पहले सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीम होगी। भारत की कोशिश शीर्ष पर रह कर सेमीफाइनल में स्थान बनाने पर लगी है और उसने इस ओर अपने मजबूत कदम बढ़ा भी दिए हैं। भारत और श्रीलंका ने अब तक वन डे विश्व कप के इतिहास में हुए कुल नौ मुकाबले में से चार-चार जीते हैं जबकि एक बेनतीजा खत्म हुआ है। भारत ने 2019 में पिछले संस्करण में कप्तान रोहित शर्मा और केएल राहुल के शतकोंं और जसप्रीत बुमराह के गेंद से कमाल की बदौलत श्रीलंका को सात विकेट से शिकस्त दी थी। भारत ने श्रीलंका से एशिया कप फाइनल सहित अपने पिछले लगातार पांच मैच जीते हैं। भारत ने मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड को लखनउ में पहली बार पहले बल्लेबाजी की दावत पाकर कम स्कोर वाले मैच में जिस तरह अपने अनुभवी सदाबहार रफ्तार के सौदागर मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह के गेंद से कहर से सौ रन से शिकस्त दी उससे यह साफ हो गया कि उसके गेंदबाजों को भी अपनी टीम को मझधार से निकालना आता है। मोहम्मद सिराज (6/23) के गेंद से ‘छक्के’ से भारत ने श्रीलंका को सितंबर में एशिया कप फाइनल में मात्र 50 रन पर ढेर करने के बाद बिना क्षति इस लक्ष्य को बिना विकेट खोए हासिल कर दस विकेट से जीत हासिल करने कर उसके खिलाफ लगातार पांचवीं जीत दर्ज की।
अब तक मौजूदा संस्करण में एक एक शतक जड़ चुके पहले स्थान पर चल रहे कप्तान रोहित शर्मा (कुल 398 रन), दूसरे स्थान पर चल रहे विराट कोहली (कुल 354 रन) के साथ केएल राहुल (कुल 271 रन) ने मैच के मिजाज के मुताबिक जोश के साथ होश भी दिखाकर भारत को अब तक के लगातार छहों मैच जीत दिलाने में योगदान किया। शुभमन गिल ने चार मैच खेल कर एक अद्र्धशतक सहित भले ही अब कुल 104 रन बनाए हैं लेकिन वह क्रीज पर एकदम सहज दिखे। बल्लेबाजी में भारत की अकेली चिंता शुरू के छहो मैच खेलने वाले श्रेयस अय्यर (कुल 134रन) का पहले न्यूजीलैंड और फिर इंग्लैंड के खिलाफ शॉर्ट गेंद पुल करने की कोशिश में कैच थमा अपना विकेट गंवाना है। श्रेयस को ऐसे में एकादश में बने रहने के लिए सूर्यकुमार यादव और बाएं हाथ का बल्लेबाज होने के कारण इशान किशन से चुनौती मिल रही है। वानखेड़े स्टेडियम में श्रेयस ने खासतौर पर शॉर्ट पिच गेंदबाजी से बेहतर ढंग से निपटने के लिए कड़ी मेहनत की। पुणे में बांग्लादेश के खिलाफ मैच में चोट के चलते एकादश से बाहर हार्दिक पांडया जल्द ही टीम जुड़ सकते हैं। हार्दिक फिट होकर जब भी लौटेंगे तो तब वह तो सीधे एकादश में जगह पा लेंगे । श्रेयस को तब एकादश मे जगह बनाए रखने के लिए खासतौर पर सूर्य कुमार यादव से चुनौती मिलेगी। श्रीलंका की टीम में बाएं हाथ के कई बल्लेबाजों की मौजूदगी में भारत मुमकिन है कि वानखेड़े की पिच पर आफ स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन को मौका दे और ऐसे में श्रेयस अथवा सूर्य कुमार यादव के रूप में कोई एक ही एकादश में जगह पा सकेगा।
भारत की लगातार छह जीत का सबब यह है कि हार्दिक पांडया के चौथे मैच में चोट खाने के बाद उपलब्ध न होने के बावजूद शानदार जीत दर्ज कर बताया कि उसके पास उसे मुश्किल स्थिति से उबारने वाले खिलाड़ी हैं। भारत ने शुरू के पांच मैचों में लगातार लक्ष्य का पीछा करते हुए हासिल की। कप्तान दसुन षणाका और तेज गेंदबाज लाहिरु कुमार जैसे अपने कई शीर्ष खिलाडिय़ों के चोट के चलते श्रीलंका टीम से बाहर होने से श्रीलंका की टीम की टीम सही संयोजन के लिए मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड को हराने को छोड़ बराबर संघर्ष करती दिखी। श्रीलंका की बल्लेबाज एक शतक व एक अद्र्धशतक जडऩे वाले सदीरा समरविक्रम (कुल 331 रन), एक शतक व एक अद्र्बशतक जडऩे उवाले कुशल मेंडिस (268 रन) के साथ सबसे सधा प्रदर्शन करने वाले पथुम निसांका(289रन) और चरित असालंका(171) पर निर्भर है। एशिया कप में सिराज के सामने जिस तरह श्रीलंका की बल्लेबाज ताश के पत्तों की ढह गई थी। ऐसे अब तक एक एक शतक जड़ चुके श्रीलंका के समरविक्रमा व कुशल मेंडिस के साथ चार अद्र्धशतक जडऩे वाले पथुम निसांका का उसके मद्देनजर विश्व कप जैसे बड़े मंच पर उसके बल्लेबाजों का गेंद से कहर बरपा रहे भारत के मौजूदा विश्व कप में अब तक के कामयाब अभियान का सबब खासतौर पर तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह (14 विकेट), पिछले मात्र दो मैचों से मौका पाने वाले मोहम्मद शमी (कुल 9 विकेट ), बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव (10 विकेट) और रवींद्र जडेजा (कुल आठ विकेट) की स्पिन सामने असल इम्तिहान होगा।
मैच : भारत वि. ाीलंका, मुंबई( दोपहर दो बजे से)