रविवार दिल्ली नेटवर्क
- तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज की ओर से चार दिनी लॉ फेस्ट का शुभारम्भ
- एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त ने बतौर मुख्य अतिथि मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वल करके किया लेक्स कॉर्निवाल का शंखनाद
- पक्ष और विपक्ष में 65 लॉ स्टुडेंट्स ने बतौर मॉक सांसद की बहस
- पक्ष के सांसद बोले, डेटा प्रोटेक्शन बिल वक्त की दरकार, लेकिन विपक्षी सांसद एक स्वर में बोले, यह बिल नितांत गोपनीयता का विषय
यूं तो यह कक्ष तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज का है, लेकिन आज कानून के विद्यार्थी बतौर सांसद नजर आए। मॉक पार्लियामेंट में करीब 65 लॉ स्टुडेंट्स ने डेटा प्रोटेक्शन बिल पर अपने-अपने तर्क-संगत विचार रखे। ढाई घंटे तक चली इस जिरह में पक्ष के सांसदों ने कहा, डेटा प्रोटेक्शन बिल अविलम्ब पास होना चाहिए, लेकिन विपक्ष के सांसदों की राय एकदम जुदा नज़र आई। उन्होंने एक सुर में कहा, यह हमारी निजता पर हमला होगा। अतः इसे कतई पास न किया जाए। इस जोरदार बहस के बरेली-मुरादाबाद स्नातक क्षेत्र के एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त साक्षी रहे। उन्होंने पूरी संजीदगी से लॉ विद्यार्थियों की जिरह और बॉडी लैग्वेंज को अंत तक देखा। संसदीय अध्यक्ष की भूमिका स्टुडेंट अभय गोस्वामी ने निभाई, जबकि निर्णायक मंडल में डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, एचओडी डॉ. अमित वर्मा और फैकल्टी प्रो. मनीष यादव शामिल रहे। इससे पूर्व एलटी-2 में मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके पार्लियामेंट्री डिबेट का शुभारम्भ हुआ। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त के संग-संग सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह, लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित, लॉ कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसके सिंह आदि की गरिमामयी मौजूदगी रही। संचालन डॉ. माधव शर्मा ने किया।
लॉ फेस्ट का उद्घाटन करते हुए एमएलसी डॉ. व्यस्त ने कहा, यह पार्लियामेंट्री डिबेट लॉ स्टुडेंट्स के लिए मील का पत्थर साबित होगी। कानून के विद्यार्थी इस बहस से संवैधानिक बारीकियां समझ सकेंगे। उन्होंने कार्यप्रणाली से लेकर संसदीय गरिमा पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने लॉ कॉलेज के डीन प्रो. हरबंश दीक्षित को साधुवाद देते हुए कहा, समय-समय पर इस तरह के व्यावहारिक और ज्ञानवर्धक प्रोग्राम्स होते रहने चाहिए। सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी ने संस्कृत के श्लोक- यतो धर्माः, ततो जयाः को कोट करते हुए बोले, छात्र-छात्राओं को कतर्व्यपरायण होना चाहिए। डीन स्टुडेंट्स वेलफेयर प्रो. एमपी सिंह अपने संक्षिप्त संबोधन में बोले, ऐसी पार्लियामेंट्री डिबेट से लॉ स्टुडेंट्स में आत्मविश्वास पैदा होता है। भारतीय संसदीय परम्पराओं पर प्रकाश डालते हुए डीन प्रो. हरबंश दीक्षित बोले, ऐसे कार्यक्रमों से लॉ विद्यार्थियों की हिचक खत्म होती है। भविष्य में वह एक उत्कृष्ट वक्ता के रूप में देश और समाज के सामने उभर कर आते हैं। पार्लियमेंट्री डिबेट में डेटा प्रोटेक्शन बिल के पक्ष में स्टुडेंट्स मानसी भारती, देवेन्द्र जैन, ओम श्रीवास्तव, मो. कैफ विपक्ष में शौर्य सक्सेना, मो. शैफ, लक्ष्मी मनोहर, आयुषी अग्रवाल आदि ने जोरदार बहस की। कार्यक्रम में फैकल्टीज़ डॉ. विष्णानंद दुबे, डॉ. सुशीम शुक्ला, डॉ. कृष्णमोहन मालवीय, डॉ. करिश्मा अग्रवाल, मिस राधा बिज, श्री अक्षय भार्गव, श्री योगेश गुप्ता, डॉ. बीआर मौर्य, श्री अपार शर्मा, श्री डीसी गौतम, डॉ. प्रदीप कश्यप, श्री अरूणो राज सिंह, श्री सौरभ बटार, डॉ. हरेन्द्र सिंह के संग-संग लॉ रिसर्च स्कॉर्ल्स आदि की मौजूदगी रही।