गोपेंद्र नाथ भट्ट
भारत सरकार ने राजस्थान के हीरालाल सामरिया को देश का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया है। वे देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त है।राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने उन्हें एक सादे समारोह में शपथ दिलाई।उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामरिया को इस संविधानिक पद के लिए बधाई दी है।
पूर्वी राजस्थान के डीग जिले के पहाड़ी कस्बे के मूल निवासी सामरिया के देश का मुख्य सूचना आयुक्त बनने से उनके परिवार और गाँव में खुशी का माहौल है ।
सामरिया के परिवार ने शुरू से ही परिवार के लोगों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया फलस्वरूप सामरिया ने अपनी मेहनत और लगन से उच्च पदों पर रहते हुए आज देश के मुख्य सूचना आयोग का पद प्राप्त किया है। सामरिया का परिवार उनके साथ ही रहता है। उनका बेटा पीयूष सामरिया आईएएस और वधु मोनिका आयकर विभाग में कमिश्नर हैं। एक बेटी पल्लवी डॉक्टर है।
हीरालाल सामरिया ने चित्तौडगढ़ से सिविल इंजीनियर की पढ़ाई की। इसके बाद वह आईएएस की परीक्षा में बैठे और उसमें उनका चयन भी हो गया तथा उन्हें आंध्र प्रदेश कैडर मिला । 1985 के बैच के आईएएस सामरिया भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव रहे भी है।
सांवरिया का जन्म 1961 में भरतपुर डींग जिले के पहाड़ी गाँव में हुआ। उनके पिता नत्थीलाल सामरिया राजस्थान पुलिस अधिकारी (आरपीएस) रहे। उनकी नौकरी राजस्थान में विभिन्न स्थानों पर रही। इस कारण हीरालाल सामरिया ने भी अपनी शिक्षा गाँव से बाहर विभिन्न स्थानों पर प्राप्त की।
सामरिया के पिता नत्थीलाल सामरिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से रिटायर्ड हुए और वर्ष 2000 में उन्होंने नगर गाँव से पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्धंदी से मुकाबला जीत गए। तीन वर्ष बाद नत्थीलाल सामरिया का स्वर्गवास हो गया।
सामरिया अपनी उपलब्धियों का क्षेय अपने माता पिता और परिवार को देते है।