युवराज सिद्धार्थ सिंह
आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप, 50 ओवरों की एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) चैम्पियनशिप है। यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा हर चार साल में आयोजित किया जाता है, जिसमें क्वालिफिकेशन राउंड, अंतिम टूर्नामेंट तक ले जा सकता है। यह टूर्नामेंट दुनिया के सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले खेल आयोजनों में से एक है व इसे ‘आईसीसी द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कैलेंडर का प्रमुख कार्यक्रम’ माना जाता है। इसे क्रिकेट की शिखर चैंपियनशिप माना जाता है। पहला विश्व कप जून 1975 में इंग्लैंड में आयोजित किया गया था। पहले तीन टूर्नामेंट इंग्लैंड में ही आयोजित हुए। 1987 के बाद से, टूर्नामेंट की मेज़बानी, अनौपचारिक रोटेशन प्रणाली के तहत देशों के बीच साझा की गई है, जिसमें चौदह आईसीसी सदस्यों ने टूर्नामेंट में कम से कम एक मैच की मेज़बानी की है। टूर्नामेंट आरंभिक दौर में, क्वालीफाइंग मेज़बान देश सहित 10 टीमें लगभग एक महीने तक विभिन्न राज्यों पर खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं। 2027 में, विस्तारित 14-टीम की अंतिम प्रतियोगिता को समायोजित करने के लिए प्रारूप को बदल दिया जाएगा। टूर्नामेंट के 13 संस्करणों में कुल बीस टीमों ने प्रतिस्पर्धा की है, जिसमें 2023 टूर्नामेंट में दस टीमों ने प्रतिस्पर्धा की। ऑस्ट्रेलिया ने छह बार, भारत, वेस्टइंडीज ने दो-दो बार, पाकिस्तान, श्रीलंका व इंग्लैंड ने एक-एक बार टूर्नामेंट जीता है। आईसीसी विश्व कप क्रिकेट फाइनल 2023 आयोजकों के लिए ज़बरदस्त सफलता रही व वैश्विक दर्शक टीवी स्क्रीन से निगाहें नहीं हटा पाये। निस्संदेह कट्टर क्रिकेट प्रशंसक पूरे भारत के मैच स्थलों तक पहुंचे। 19 नवंबर 2023 को उत्कृष्ट क्रिकेटर ट्रैविस हेड के नाम पर अंकित किया गया है। ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत को छह विकेट से हराकर चौंका दिया, क्योंकि स्कोर ऑस्ट्रेलिया (241-4) व उसने भारत (240) को छह विकेट से हरा दिया। यह ऑस्ट्रेलिया का लाजवाब प्रदर्शन रहा। ऑस्ट्रेलिया के लिए 50 ओवर क्रिकेट में यह 50वां खिताब है। भारत के प्रधान मंत्री श्री. नरेंद्र मोदी, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में, गृह मंत्री अमित शाह, परिवार के साथ शाहरुख खान व अनेेक दिग्गज क्रिकेटर दिखे। जैसे ही ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस व उनके खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के छठे पुरुष विश्व कप खिताब के जश्न में डूबे, लगभग 1.25 लाख भारतीय अविश्वास में चौंक गए! रोहित शर्मा की अगुवाई वाले भारतीय दल के प्रदर्शन का क्या हुआ? भारत के पास विराट कोहली, के.एल. राहुल व रोहित शर्मा थे, लेकिन लगातार 10 जीतों के उपरांत, अंतिम चरण में भारत को हार का सामना करना पड़ा। पैट कमिंस ने योग्यतम जीत हासिल की। धीमी पिच पर भारत लड़खड़ाकर 240 रन पर सिमट जाने के बाद भी, सात बेहद खराब ओवरों में तीन विकेट पर 47 रन बनाकर, एलबीडब्ल्यू पर आउट होने वाले, ऑस्ट्रेलियन खिलाड़ी स्टीव स्मिथ ने रिव्यू नहीं लिया, जिससे शायद वे बच सकते थे? दो बल्लेबाजों ट्रैविस हेड व मार्नस लाबुस्चगने ने लचीलेपन व क्रिकेट कौशल का प्रदर्शन किया, जिसे अच्छी तरह से क्रियान्वित किया गया। ट्रैविस हेड, हाथ में फ्रैक्चर के कारण टूर्नामेंट की पहले पांच गेमों मेें नहीं खेल पाए। लेकिन पेट कमिंस ने पलक नहीं झपकाई व उन्हें अंतिम गेम में शामिल करने का समझदार निर्णय लिया। 120 गेंदों में शानदार 137 रन और लाबुशैन के नाबाद 58 रनों की बदौलत टीम सात ओवर शेष रहते लक्ष्य की ओर बढ़ी। 24वें ओवर में हेड ने 90 गेंद में शतक पूरा किय। हेड जीत के लक्ष्य से दो रन पहले आउट हो गए। विराट कोहली ने ट्रैविस हेड की सराहना करते हुए उनकी पीठ थपथपाई। ट्रैविस हेड, एडम गिलक्रिस्ट व रिकी पोंटिंग के बाद विश्व कप फाइनल में शतक बनाने वाले तीसरे ऑस्ट्रेलियाई बन गए हैं। सचमुच बढ़िया! पैट कमिंस ने विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप जीती व इंग्लैंड में एशेज़ (Ashes) भी बरकरार रखी। भारत नेेे क्रिकेट के राज्याभिषेक में प्रवेश तो किया पर ताज नहीं जीत पाये! कमिंस की भौंहें तब तनीं, जब भारतीय वायु सेना के 52वें स्क्वाड्रन के एरोबेटिक्स के ओवरहेड प्रदर्शन के बाद, उन्होंने टॉस जीता और गेंदबाजी करने के लिए दो उंगलियों से सीम-अप का इशारा किया। ये विचार तब और बढ़ गए जब उनके विपरीत, रोहित शर्मा ने 31 गेंदों में तीन छक्कों की मदद से 47 रन बनाए। इससे पहले की मैक्सवेल व हेड के स्पार्कलिंग कैच ने रोहित को आउट कर दिया। विराट कोहली अपने स्टंप्स पर बैकफुट पर, 63 में से 54 रन पर पहुंच गए। विराट कोहली ने इस टूर्नामेंट में रनों का रिकॉर्ड तोड़े, जो 765 पर रुके। इसमें 29 ओवर लगे, जो भारत के लिए एक कठिन हो गया। 12 सीमाओं के 80 रन के पावरप्ले की जगह 40 ओवर की यातनापूर्ण परिस्थिति उत्पन्न हुई। ऑस्ट्रेलिया ने एक बार फिर जीवंत क्षेत्ररक्षण प्रदर्शन किया, जोश इंगलिस विश्व कप फाइनल में पांच कैच पकड़ने वाले पहले विकेट-कीपर बने और एडम ज़ुम्पा ने स्पिनर के रूप में मुथैया मुरलीधरन के रिकॉर्ड की बराबरी करने के लिए 23 वां विकेट लिया। भारत के लिए संघर्ष, जो 11वें ओवर की तीसरी गेंद पर कमिंस द्वारा श्रेयस अय्यर को आउट करने के बाद काफी हद तक शुरू हो गया था। के.एल. राहुल की 107 गेंदों में 66 रन की पारी से समाप्त हो गया। स्टार्क व हेज़लवुड ने शानदार प्रदर्शन किया। बोर्ड पर स्कोर व उपमहाद्वीप में स्पिन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की पिछली कमियों ने अभी भी भारत को मौका दिया। डेविड वार्नर, मिच मार्श और स्मिथ के आउट होने पर भी पेंडुलम भारतीय दिशा में घूम सकता था। ऑस्ट्रेलिया शुरुआती लक्ष्य का पीछा करने के लिए कमर तोड़ कोशिश कर रहा था। हेड और लाबुस्चगने ने शांतिपूर्वक एक साझेदारी व एक जीत का निर्माण किया। क्रिकेट के प्रति जुनूनी ऑस्ट्रेलिया को 1987, 1999, 2003, 2007 और 2015 के विश्व कप क्रिकेट कप में ताज मिला। भारत ने अपने उपविजेता पदक एकत्र किए। पी.एम. नरेंद्र मोदी व ऑस्ट्रेलियाई वाइस प्रीमियर रिचर्ड मार्ल्स ने मंच सांझा किया। पी.एम. नरेंद्र मोदी ने विश्व कप क्रिकेट ट्रॉफी-2023 ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस को सौंपी व हाथ मिलाकर मुबारक दी। भारत के लिए 46-दिवसीय उत्सव के अंत में, एक संदेश हासिल हुआ, कि खेलों में, कुछ भी पहले से निर्धारित या स्वीकृत नहीं होता है, ऐसा मुझे प्रतीत है! अगला विश्व कप 2027 को दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे व नामीबिया में संयुक्त रूप से आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक खेल को, खेल की भावना से खेला जाना चाहिए, क्रिकेट में अक्सर खिलाड़ी एक-दूसरे से भिड़ते हैं। नरेंद मोदी स्टेडियम में भारी भीड़ आस्ट्रेलियाई टीम का ‘हूटिंग’ करना कोई दुखदाई दृश्य था। कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों ने वास्तविक खेल से पहले ही भारत को विजयी घोषित कर दिया था। यह निंदनीय है! भारत फाइनल हार गया, जैसा कि रोहित शर्मा ने रवि शास्त्री से कहा, “हमने अच्छा नहीं खेला। हमारे लिए कुछ भी काम नहीं कर रहा था”! यही खेल की अनिश्चितता है। विश्व कप जीत के बाद पैट कमिंस की सराहना करते हुए डेविड वॉर्नर ने कहा, “महान खिलाड़ी तब खड़े हो जातें हैं जब प्रदर्शन करने का समय होता है।” कोई भी, जब तक, वास्तव में विश्व कप क्रिकेट ट्रॉफी को हासिल न किया जाए, संयम व सहजता जरूरी है। यह दौर ऑस्ट्रेलिया को जाता है, जो अपनी क्रिकेट तकनीकी व एकजुट टीम-भावना के लिए प्रशंसनीय हैं। और खेलनतौ चलता रहता है! किसी अन्य समय, किसी अन्य देश मेें, जीतने की हमेशा आशा रखनी होगी!
युवराज सिद्धार्थ सिंह
(लेखक पूर्व क्रिकेटर, खेल पत्रकार, कमेंटेटर, सेंट स्टीफंस कॉलेज क्रिकेट टीम कप्तान, हरियाणा राज्य क्रिकेट टीम सदस्य, रांझी ट्रॉफी, प.ए. चिदंबरम ट्रॉफी व कूच बिहार ट्रॉफी विजेता, बीसीसीआई प्रमाणपत्र धारक हैं)