पिंकी सिंघल
अब योग करेंगें बस हम न रुकेंगे
असाध्य रोगों के सामने अब हम न झुकेंगे
इस बात से आज के समय में कोई इनकार नहीं कर सकता कि स्वस्थ रहने के लिए योग से अधिक महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। अपने आप को तंदुरुस्त और चुस्त रखने के लिए योग अत्यधिक कारगर सिद्ध हुआ है। योग तो भारतीय संस्कृति की पहचान रहा ही है। पुरातन समय से ही योग भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग माना जाता रहा है। हमारे ऋषि-मुनियों तक ने योग की महत्ता को स्वीकारा है। अब तो भारतीय संस्कृति के इस अभिन्न अंग को पाश्चात्य संस्कृति के लोग भी बढ़-चढ़कर अपनाने लगे हैं जो कि भारत के लिए अत्यंत गर्व का विषय है पाश्चात्य सभ्यता के लोगों द्वारा भारतीय संस्कृति को अपनाया जाना एक सुखद पहल है।
भारतीय संस्कृति की पुरातन पहचान है योग
जीवन को जीना करता कितना आसान है योग
तन और मन दोनों के शुद्धीकरण और चित्त की शांति के लिए योग से बेहतर कुछ भी नहीं इस बात से शायद ही कोई इनकार कर पाए। आज के समय की भागदौड़ और संघर्षपूर्ण जिंदगी के चलते योग की जरूरत पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। आज के समय में जब व्यक्ति अधिक से अधिक कमाने की होड़ में लगा हुआ है और कम समय में ज्यादा पाने की लालसा मन में रखता है तो मन को शांत करना और भी ज़्यादा आवश्यक हो जाता है और हृदय के स्वास्थ्य और मन की शांति के लिए योग से बेहतर कुछ नहीं।
योग ही है जीवन और अब योग ही है माया
योग रखे चित्त को स्वस्थ और सुंदर हो काया
आधुनिक युग में योग की महत्ता को देखते हुए कई निजी संस्थानों ने फीस लेकर योग सिखाने की पहल की है और सबसे सुखद बात यह है कि लोग योग के प्रति अपनी रूचि भी दिखा रहे हैं ,फिर चाहे इसके लिए उन्हें शुल्क ही क्यों ना देना पड़े। शुल्क देने के बाद वे नियमित रूप से योग क्लासेज अटेंड करते हैं और अपनी जान पहचान के लोगों को भी योग कक्षाओं में आने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं। परंतु यह भी सत्य है कि प्रत्येक व्यक्ति की जेब उन्हें अनुमति नहीं देती कि वे पैसे देकर योग सीख पाएं। इसलिए योग की महत्व को जानने के पश्चात भी वे चाहते हुए भी जो कक्षाएं अटेंड नहीं कर पाते क्योंकि जीवन की अन्य आवश्यकताओं की तुलना में योग उनके लिए ज्यादा मायने नहीं रखता इसलिए वे योग कक्षाएं अटेंड नहीं कर पाते।
पैसों का अभाव देता उनकी सब इच्छाओं को मार
स्वास्थ्य को भी रखते फिर वो सदा दरकिनार
आर्थिक रूप से अक्षम और सभी आय वर्ग के लोगों को मध्य नजर रखते हुए दिल्ली सरकार ने एक बहुत ही सुंदर पहल की है जनवरी 2022 से दिल्ली वालों को बिना किसी शुल्क के योग सीखने की सुविधा दिल्ली सरकार दे रही है। अपनी इस मुहिम में दिल्ली सरकार योग और मेडिटेशन की निशुल्क सुविधा को घर बैठे दिल्लीवासियों तक पहुंचाना चाहती है। जाहिर सी बात है कि दिल्ली सरकार भी दिल्ली वालों के स्वास्थ्य को लेकर अत्यधिक सजग है ।सरकार चाहती है कि दिल्लीवासी अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हों और इसके लिए वे नियमित रूप से योग कक्षाएं लेख तथा मैडिटेशन की सुविधा का भरपूर फायदा उठाएं इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का शुल्क देने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि दिल्ली सरकार ने अपने फंड से ही योग सिखाने के लिए 400 टीचर्स को प्रशिक्षित किया है जो आगे पूरे दिल्ली वासियों को योग में प्रशिक्षित करेंगे ।योग संबंधी कक्षाओं का पूरा खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी, इस खर्च का प्रावधान बजट में भी सुनिश्चित किया गया था।दिल्लीवासियों को केवल इतना करना है कि अपने आसपास के लगभग 25 व्यक्तियों को योग कक्षाएं लेने के लिए प्रोत्साहित करना है और एक ऐसा शांत, सुखद स्थान सुनिश्चित करना है जहां आकर प्रशिक्षित योग अध्यापक उन सभी को योग सिखा सकें और स्वस्थ दिल्ली की नींव को और भी अधिक मजबूत कर सकें। यह तो साफ है कि दिल्ली सरकार योग के महत्व को जानते हुए अब योग और मेडिटेशन को एक आंदोलन का रूप देना चाहती है ताकि जन जन तक योग कक्षाएं पहुंचाई जा सकें।
जन जन तक योग पहुंचाएंगे
स्वस्थ दिल्ली का स्वप्न सजाएंगे
देश में अपने प्रकार का यह एक अनोखा ही कार्यक्रम है क्योंकि देश के किसी अन्य राज्य में इस प्रकार की शुरुआत नहीं की गई है। दिल्ली सरकार की यह पहल निसंदेह नितांत सराहनीय है। दिल्ली सरकार दिल्ली वाली वासियों के स्वास्थ्य को लेकर काफी सजग दिखाई देती है। सरकार चाहती है कि दिल्ली के हर तबके के लोगों को निशुल्क योग सुविधाएं हासिल हो सके क्योंकि जब योग करेगी दिल्ली तभी तो स्वस्थ होगी दिल्ली। और स्वस्थ दिल्ली ही एक दिन स्वस्थ भारत के निर्माण की नींव बनेगी।
दिल्ली सरकार की पहल इस साल
योग और मेडिटेशन सुविधा गज़ब बेमिसाल