गोपेंद्र नाथ भट्ट
नई दिल्ली : दिल्ली में प्रवासी राजस्थानियों की संस्थाओं के महासंघ राजस्थान संस्था संघ के संरक्षक और बीकानेर वाला संस्थान के फाउंडर केदारनाथ अग्रवाल के निधन पर गुरुग्राम में आयोजित प्रार्थना सभा में देश भर की विभिन्न संस्थाओं के सेकडों प्रतिनिधियों ने भाग लिया और उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।
दिल्ली पश्चिम के सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने प्रार्थना सभा में कहा कि बीकानेरवाला ब्रांड को विश्व स्तर पर मशहूर कर काकाजी केदार नाथ अग्रवाल ने भारतीय व्यंजनों के खान पान और स्वाद की दुनिया में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर पविश्व भर में राजस्थान के स्वाद की विजय पताका लहराई । उन्होंने पच्चास के दशक में राजस्थान से देश की राजधानी दिल्ली में आकर अपने परिवार के साथ छोटे से स्तर से शुरू किए व्यवसाय को बुलंदियों पर पहुँचाया। प्रार्थना सभा में कई धार्मिक पीठों के धर्म गुरुओं और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने काकाजी केदार नाथ के जीवन व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और उनकी सामाजिक कार्यों और समाज सेवा के कार्यों को रेखांकित किया।
इस मौके पर वैदिक ऋचाओं एवं मंत्रों तथा धार्मिक पाठ के साथ ही काकाजी केदार नाथ अग्रवाल के जीवन वृत पर एक डॉक्युमेंटरी का प्रदर्शन भी किया गया। साथ ही सामाजिक धार्मिक व्यावसायिक औद्योगिक प्रवासी प्रशासनिक राजनीतिक आदि संस्थानों से जुड़े प्रतिनिधियों के शोक सन्देशों का वाचन किया गया। राजस्थान संस्था सँघ के अध्यक्ष सुरेश खण्डेलवाल, राजस्थान रत्नाकर के चेयरमेन राजेन्द्र गुप्ता,राजस्थान अकादमी के अध्यक्ष गौरव गुप्ता राजस्थान क्लब के पूर्व अध्यक्ष पोद्दार तथा राजस्थान के पूर्व सूचना एवं जन सम्पर्क अतिरिक्त निदेशक जी एन भट्ट सहित अनेक लोगों ने काकाजी केदार नाथ अग्रवाल को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उल्लेखनीय है कि मिठाई और नमकीन की मशहूर चेन बीकानेर वाला के फाउंडर लाला केदारनाथ अग्रवाल का पिछलें दिनों दिल्ली में निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। काकाजी के नाम से मशहूर अग्रवाल शुरुआती दिनों में पुरानी दिल्ली में राजस्थानी भुजिया और रसगुल्ले टोकरी में रखकर बेचते थे। अपनी मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने बड़ा मुकाम हासिल किया। आज देश में बीकानेरवाला की अनगिनत शाखाएँ हैं। वर्ष 1988 में बीकानेरवाला ब्रांड को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए कंपनी ने बिकानो लॉन्च किया। साल 2003 में कंपनी ने बिकानो चैट कैफे खोलने शुरू किए। ये एक किस्म का फास्ट फूड सर्विस रेस्टोरेंट है। आज कंपनी का कारोबार अमेरिका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, नेपाल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे कई देशों में फैला हुआ है।
काकाजी के नाम से थे प्रसिद्ध उनके पुत्र नवरतन अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि ‘काकाजी’ के नाम से प्रसिद्ध अग्रवाल के निधन से एक युग का अंत हो गया है, जिसने स्वाद को समृद्ध किया और अनगिनत लोगों के जीवन में अपनी जगह बनाई। समूह के प्रबंध निदेशक श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा, “काकाजी का जाना सिर्फ बीकानेरवाला संस्थान कीक्षति नहीं है, वरन यह पाककला के परिदृश्य में एक शून्य पैदा होना जैसा है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व हमेशा हमारी खानपान यात्रा का मार्गदर्शन करेगा।” केदारनाथ अग्रवाल ने अपना व्यावसायिक सफर दिल्ली से शुरू किया था।
बीकानेर के रहने वाले उनके परिवार के पास 1905 से शहर की गलियों में एक मिठाई की दुकान थी। उस दुकान का नाम बीकानेर नमकीन भंडार था और वह कुछ प्रकार की मिठाइयां और नमकीन बेचते थे। अग्रवाल बड़ी महत्वाकांक्षाओं के साथ 1950 के दशक की शुरुआत में अपने भाई सत्यनारायण अग्रवाल के साथ दिल्ली आ गए। वह अपने परिवार का नुस्खा लेकर आए थे।शुरुआत में दोनों भाई भुजिया और रसगुल्ले से भरी बाल्टियां लेकर पुरानी दिल्ली की सड़कों पर इन्हें बेचते थे। हालांकि, अग्रवाल बंधुओं की कड़ी मेहनत और बीकानेर के अनूठे स्वाद को जल्द ही दिल्ली के लोगों के बीच पहचान और स्वीकृति मिल गई। इसके बाद अग्रवाल बंधुओं ने दिल्ली के चांदनी चौक में दुकान शुरू कर दी, जहां उन्होंने अपना पारिवारिक नुस्खा अपनाया, जिसे अब पीढ़ी-दर-पीढ़ी बढ़ाया जा रहा है। आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में कंपनी का बिजनस फैला है।