तीन दिसम्बर को कौन होंगा छूमन्तर, कांग्रेस या भाजपा ?

गोपेंद्र नाथ भट्ट 

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को फिर से कहा कि राजस्थान सहित पाँच प्रदेशों के विधान सभा चुनाव परिणामों के आज गुरुवार की शाम आने वाले एग्जीट पोल और तीन दिसंबर को आने वाले चुनाव नतीजों में इस बार कांग्रेस छूमन्तर हो जायेंगी और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से भारी बहुमत से केन्द्र की सरकार में लौटेंगीं।

इधर राजस्थान के मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने भी तेलंगाना चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया कि राजस्थान ही नही पाँचों चुनाव वाले प्रदेशों मध्य प्रदेश छत्तीस गढ़ तेलंगाना आदि में प्रदेशों में कांग्रेस भारी बहुमत से सत्ता में आयेंगी।

जयपुर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने भी प्रेस वार्ता आयोजित कर दावा किया कि हमारी सरकार फिर से सत्ता में आ रही है। प्रदेश के मतदाताओं ने गहलोत सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों में विश्वास रखते हुए इस बार भारी मतदान किया है। विशेष कर महिलाओं ने गहलोत सरकार की लोकप्रिय योजनाओं और गारण्टियों के कारण पार्टी के पक्ष में भारी मतदान हुआ है। विशेष कर महिलाओं ने पाँच सौ रु में गैस सिलेण्डर तथा फ्री मोबाईल एवं पच्चीस लाख रु तक निशुल्क केश लेस इलाज योजना तथा अन्य गारण्टियों के लिए कांग्रेस को वोट दिए हैं।ग्रामीण महिलाओं ने भी पार्टी के पक्ष में ही मतदान किया है।

इधर भाजपा विधान सभा चुनाव जीतने को लेकर बहुत अधिक आत्म विश्वास से भरी हुई दिखाई दे रही है । भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी ने कहा है कि तीन दिसम्बर को प्रदेश से कांग्रेस की विदाई तय और यहाँ डबल इंजन की सरकार बनेगी। पूर्व मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे,प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़, उप नेता डॉ सतीश पूनियाँ, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत,अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी आदि सभी एक स्वर में प्रदेश में कांग्रेस सरकार की विदाई को तय मान रहे हैं।

राजनीतिक पण्डितों के अनुसार प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, उनके चाणक्य केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और शीर्ष नेतृत्व का सबसे बड़ा निशाना मुख्य मंत्री अशोक गहलोत है जिनकी लोकप्रिय योजनाओं ने भाजपा की नीन्द उड़ा रखी है। वे चाहते है कि कांग्रेस के इस सबसे बड़े क्षत्रप को यदि सत्ता से नही हटाया गया तों अगले वर्ष आने वाले लोकसभा के आम चुनाव में इण्डिया गठबन्धन उनकी राइट टू हेल्थ और ओपीएस जैसी योजनाओं को देश व्यापी मुद्दा बना कर उन्हें परेशान कर सकते है। देखना है आज गुरुवार को शाम पाँच बजे आने वाले एग्जीट पोल और तीन दिसंबर को आने वाले चुनाव परिणाम क्या रंगत लेकर आते है।