इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली वाले झपटमारी/स्नैचिंग के जमकर शिकार हो रहे हैं। लोग झपटमारों/लुटेरों के आतंक से त्रस्त है। लेकिन दिल्ली पुलिस का दावा है कि पिछले साल की तुलना में इस साल राजधानी में झपटमारी/ स्नैचिंग की वारदात कम हुई हैं।
वैसे सच्चाई यह है कि पुलिस द्वारा दर्ज अपराध के आंकड़े हमेशा हकीकत से दूर ही होते हैं। पुलिस द्वारा आंकड़ों की बाजीगरी से अपराध कम दिखाने की परंपरा है। अपराध कम दिखाने के लिए लूट/स्नैचिंग के सभी मामलों को सही दर्ज न करना या हल्की धारा में दर्ज करने की परंपरा जारी है।
राज्य सभा में आम आदमी पार्टी के दिल्ली से सांसद सुशील कुमार गुप्ता ने दिल्ली की सड़कों पर झपटमारी की आम होती घटनाओं और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में तत्काल सुधार की आवश्यकता के बारे में सवाल पूछा।
राज्य सभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस सवाल के जवाब में बताया कि दिल्ली पुलिस द्वारा वर्ष 2023 (15 नवंबर तक) के दौरान स्नैचिंग के 6,958 मामले दर्ज किए गए, जबकि वर्ष 2022 की इसी अवधि में 7,498 मामले दर्ज किए गए थे। यह स्नैचिंग की वारदात में 7.20 फीसदी की गिरावट दर्शाता है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि स्नैचिंग की वारदात को रोकने के लिए, दिल्ली पुलिस ने स्नैचिंग के हॉटस्पॉट की पहचान और सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम आदि जैसे उपाय शुरू किए हैं। दिल्ली पुलिस कानून और व्यवस्था की स्थिति पर लगातार नजर रखती है और इसमें सुधार के लिए कई ठोस उपाय किए हैं जैसे, अपराध वाले क्षेत्रों की पहचान, पिकेट, पैदल गश्त, पीसीआर वैन, आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहन (ईआरवी) की तैनाती, पीसीआर कर्मचारियों और यातायात पुलिस के साथ स्थानीय पुलिस द्वारा एकीकृत गश्त करना शामिल है। यह लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।
दिल्ली और उसके पड़ोसी राज्य, विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपराधियों की अंतर-राज्यीय आवाजाही से निपटने के लिए, आपराधिक खुफिया जानकारी और संदिग्ध आतंकवादियों/समर्थक/पनाहगाहों के ठिकानों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर अंतर-राज्य पुलिस अफसरों की समन्वय बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाती हैं। इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों के जिलों के पुलिस अफसरों के साथ जिला डीसीपी स्तर पर भी ऐसी समन्वय बैठकें आयोजित की जाती हैं।