राजस्थान के 14वें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शपथ ग्रहण से पहले बने श्रवण कुमार

गोपेंद्र नाथ भट्ट

राजस्थान के चौहदवें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उनके परिवार के लिए शुक्रवार का दिन एक सुनहरे सूरज का प्रकाश लेकर आया और उन्हें अपने जन्म दिवस के साथ ही देश के सबसे बड़े भू भाग वाले प्रदेश राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने की दोहरी ख़ुशियाँ और तौहफ़े देकर गया।यह ख़ुशी उस वक्त द्विगुणित हो गई जब शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने जयपुर के राम निवास बाग के ऐतिहासिक एलबर्ट हाल के सामने आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में विशेष रूप से मौजूद रहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन किया, तो मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई और आशीर्वाद के साथ शुभ कामनाएँ भी दी। समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री शर्मा के साथ दीया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा को भी डिप्टी सीएम के पद की शपथ दिलाई।

इसी प्रकार शासन सचिवालय में सीएम का पद भार ग्रहण करते समय केन्द्र सरकार में प्रदेश के मन्त्रियों, प्रादेशिक नेताओं और अधिकारियों के मध्य वहाँ मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने न केवल शर्मा का मुँह मीठा कराया वरन उनके सिर पर हाथ रख कर शुभाशिर्वाद भी दिया।ऐसा ही भावुक क्षण तब भी देखा गया जब दीया कुमारी ने अपना पद भार ग्रहण करते समय वसुन्धरा राजे के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।

शपथ ग्रहण समारोह में राजस्थान की राजनीति की और भी कई स्वस्थ परम्पराएँ देखने को मिली जब निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समारोह में पहुँचें और उनके सभी राजनीतिक प्रतिद्वंदियों ने उनका गर्म जोशी से स्वागत अभिवादन किया।इतना ही नही मंच पर बैठी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अशोक गहलोत काफी समय तक एक दूसरे के साथ हंसी-मजाक करते हुए भी नजर आए।

समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथसिंह, गृहमंत्री अमित शाह,सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वाणिज्य मन्त्री पीयूष गोयल, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं वसुंधरा राजे,केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी आदि मंच पर मौजूद रहे। भाजपा शासित मुख्यमन्त्रियों में उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, गुजरात के भूपेन्द्र भाई पटेल, हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, मप्र के नए सीएम मोहन यादव, महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे, उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी, अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू, असम के हिमंता बिस्वा सरमा, गोवा के प्रमोद सांवत, त्रिपुरा के माणिक साहा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह आदि मौजूद रहे।

इसके अलावा उप मुख्यमन्त्रियों में उत्तर प्रदेश के केशव प्रसाद मौर्या,अरुणाचल प्रदेश के चौना मीन, महाराष्ट्र के देवेंद्र फणनवीस, नागालैंड के यानथुंगो आदि मंच पर मौजूद रहे। समारोह स्थल पर पीएम नरेन्द्र मोदी की गारंटियों की भी झलक देखने को मिली। समारोह स्थल पर भाजपा के झंडों और होर्डिंग सहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कीयोजनाओं तथा गारंटियों वाले पोस्टर और बैनर भी लगाए गए थे।

शपथ ग्रहण से पहले भजन लाल शर्मा ने अपने जन्म दिवस पर सपत्निक श्रवण कुमार बनते हुए अपने माता-पिता गौमती देवी और किशन स्वरूप शर्मा के चरण धोएँ और उनकी कमल रज को अपने सिर पर चढ़ाया तदुपरान्त वे जयपुर के आराध्य देव गोविन्द देव जी के दर्शन करने गए और वहाँ काफ़ी देर तक पूजा अर्चना की।शर्मा ने शपथ ग्रहण से पहले आचार्य मृदुल शास्त्री जी का आशीर्वाद भी लिया।

रात 12 बजे काटा केक

शर्मा और उनके परिवार के लिए शुक्रवार का दिन दोहरी खुशियां लेकर आया। दरअसल, पन्द्रह दिसम्बर को उनका जन्मदिन भी था और उसी दिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ग्रहण की । संयोगवश ही सही, लेकिन देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी नेता ने अपने जन्मदिन के दिन मुख्यमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद क ज़िम्मेदारी संभाली है। शपथ लेने से पहले शर्मा ने अपने परिवारजनों,मित्रों और परिचितों के बीच ‘मिड नाइट बर्थडे’ सेलिब्रेट किया। इस दौरान उन्होंने बर्थडे केक काटा और जन्मदिन की शुभकामनाएं लीं। ये सेलेब्रेशन जयपुर के सहकार मार्ग स्थित चम्बल गेस्ट हाउस में रात करीब 12 बजे आयोजित हुआ।

प्रधानमंत्री और लोक सभा अध्यक्ष के सन्देश

उनके जन्म दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट किया और कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। वर्षों से एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता, उन्होंने राज्य भर में भाजपा को मजबूत करने के लिए सराहनीय प्रयास किए हैं। जैसे ही वह अपनी मुख्यमंत्री पद की यात्रा शुरू कर रहे हैं, मैं उन्हें लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शुभकामनाएं देता हूं।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने सन्देश में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और डॉ. प्रेमचंद बैरवा को बधाई देते हुए कहा, ‘विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व का लाभ मरुधरा को मिलेगा. सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित कर आप प्रदेश में विकास का नया इतिहास रचेंगे.’

सरपंच से शुरू किया राजनीति का सफर

नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भरतपुर जिले के नदबई विधानसभा क्षेत्र के अटारी गांव के रहने वाले हैं। वे एक साधारण परिवार से हैं। भजन लाल अपने पिता किशन स्वरूप शर्मा और माता गौमती देवी के इकलौती बेटे है। हालांकि उनकी तीन बहने भी हैं ।उनका जीवन काफी संघर्ष से भरा रहा। शुरुआती दौर में उन्होंने गोपालन का काम भी किया। इस दौरान वे दूध बेचने का काम भी करते थे। शर्मा का एक साधारण इंसान से मुख्यमंत्री तक पहुंचने का संघर्ष आसान नहीं रहा। उन्होंने अपने पिता के साथ कृषि कार्यों में भी हाथ बटाया।। शर्मा अपने गांव से निकलकर भरतपुर में किराए के मकान में भी रहें।

भजनलाल वर्ष 2000 में गांव के सरपंच चुने गए। इसके बाद भजनलाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह आगे बढ़ते रहे। 2003 में उन्होंने नदबई विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन इस चुनाव में उनकी हार हुई। इसके बाद भी भजनलाल भाजपा संगठन से जुड़े रहे और जिम्मेदारियां को निभाते रहे। वर्ष 2016 को उन्हें बीजेपी का प्रदेश महामंत्री बनाया गया, जो अब तक बने हुए हैं।इस बीच वे प्रदेश उपाध्यक्ष भी बने।

भजनलाल शर्मा और पीएम मोदी के संघर्ष की कहानी कुछ मिलती-जुलती है। पीएम मोदी ने अपने संघर्ष के दिनों में चाय बेची थी। ऐसे ही शर्मा ने अपने संघर्ष के दिनों में दूध बेचा था।

भजन लाल के पिता किशन स्वरूप बताते है कि उनकी इच्छा थी कि उनका बेटा सरकारी टीचर बने। इसलिए उन्होंने उन्हें बीएड की डिग्री भी दिलवाई, लेकिन भगवान को तो कुछ और ही मंजूर था। बेटे को नेतागिरी अच्छी लगी। इसलिए वह राजनीति में चला गया। मैंने उसे रोक टोक नहीं की, क्योंकि मैं जानता हूं की राजनीति में काफी मेहनत करनी पड़ती है। हमें उम्मीद नहीं थी कि वह राजस्थान का मुख्यमंत्री बन जाएगा। जब हमारे पास सूचना आई। तब ही हमें इसकी जानकारी लगी।

उन्होंने कहा हमने भले ही भजनलाल को जन्म दिया है लेकिन अब वह पूरी प्रदेश की जनता का लाल है। जनता के प्यार के कारण ही उसे मुख्यमंत्री का पद मिला है।उन्होंने कहा, उन्हें विश्वास है कि उनका बेटा मेहनत और ईमानदारी के साथ प्रदेश को विकास के पद पर अग्रसर कर ले जाएगा। उधर, भजन लाल की मां गोमती देवी ने भी कहा कि मेरा बेटा सीएम बन जाएगा। यह तो पता नहीं था। लेकिन यह उम्मीद जरूर थी कि बेटा कुछ ना कुछ जरूर बड़ा करेगा। गोमती देवी ने भजन लाल की सफलता के लिए भगवान गिरिराज धरण का धन्यवाद किया।

मुख्यमंत्री का पद सम्भालते ही शर्मा ने पहला प्रशासनिक फेरबदल करते हुए तीन आईएएस को मुख्यमंत्री सचिवालय में लगाया है। उन्होंने वरिष्ठ आईएस टी रविकान्त को अपना प्रमुख सचिव और आनन्दी को सचिव तथा डॉ सौम्या झा को सयुंक्त सचिव बनाया है। यें सभी अधिकारी अपने वर्तमान पदों प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग,सूचना और प्रौधोगिकी एवं संचार तथा मुख्य कार्यकारी एवं मुख्य परिचालन प्रबंधक राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद(आरजीएवीपी) पर भी यथावत कार्य करते रहेंगे।

नए मुख्य मन्त्री शर्मा के सामने आने वाले वक्त में देश के सबसे बड़े प्रदेश की सत्ता चलाने में अनेक राजनीतिक और प्रशासनिक चुनौतियाँ रहने वाली है । देखना है भजन सरकार उन चुनौतियों का सामना किस प्रकार निर्बाध ढंग से करती हैं?