- इस बार का आकर्षण रहे उत्तर पूर्वी भारत के कवि
- प्रज्ञा मेल की स्वर्गीय अर्जून चन्द्र बर्मन सम्मान दिया गया
- दिवंगत डॉ.नवोजीत तालुकदार को श्रद्धांजलि
रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : प्रज्ञा मेल द्वारा आयोजित बहुभाषी राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन एवं सम्मान-समारोह 2023 (सीजन-2) एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम रविवार को राजधानी की दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित गांधी सभागार में आयोजित किया गया था। इस बहुभाषी राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में देशभर के करीब 50 कवियों ने भाग लिया। सबसे अधिक संख्या पूर्वोत्तर भारत से आए कवियों की थी।
रंगारंग कविता महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। पिछले वर्ष के कार्यक्रम में शामिल हमारे मेहमान कवि और हृदय चिकित्सक दिवंगत डॉ.नवोजीत तालुकदार की तस्वीर पर फुल अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई और एक मिनट का मौन रखा।इस अवसर पर दिवंगत नवोजीत तालुकदार की पत्नी डा.सोमा तालुकदार भी मौजूद थीं। उन्होंने पति को याद करते हुए एक सन्देश और छोटी कविता पढ़ी तथा बेहद भावुक हो गई।
प्रज्ञा मेल के काव्य महोत्सव में हिंदी-उर्दू के कवि दिलदार देहलवी, गुजराती कवियित्री माधवी व्यास, बांग्ला की अलका गोस्वामी, असमिया के डा.मृणमोय नाथ, नेपाली कवि अर्जून उप्रेती ‘अप्रतिम’आदि आकर्षण के केंद्र रहे। काव्य महोत्सव का केंद्र बिन्दू रहे असम के बाराक घाटी के बांग्ला के चर्चित कवि आशुतोष दास। जिनको प्रज्ञा मेल की ओर स्वर्गीय अर्जून चन्द्र बर्मन सम्मान दिया गया। उनकी अनुपस्थिति में सम्मान, अन्तर्राष्ट्रीय पत्रकार और प्रज्ञा मेल के राष्ट्रीय सलाहकार रत्नज्योति दत्ता ने ग्रहण किया।
सभी को वेदप्रकाश सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री, महामना मदनमोहन मालवीय मिशन ने प्रज्ञा मेल की ओर से सभी को प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर विशेष रूप से प्रज्ञा मेल की ओर उत्तरपूर्वी भारत की संचालिका काव्यमनी बोरा, काव्य महोत्सव के संयोजक एवं प्रख्यात बहुभाषी लेखक हितेश व्यास और गुवाहाटी की 50 वर्ष पुरानी मासिक पत्रिका रहस्य के सम्पादक डॉ.बाबू राभा को भी सम्मानित किया।
राष्ट्रीय सलाहकार दत्ता ने उपस्थित कवियों को संबोधित किया और राष्ट्रीय हित में लिखने को प्रोत्साहित किया।अन्त में प्रज्ञा मेल के सम्पादक अरूण कुमार बर्मन ने सभी कवियों, कलाकारों और उपस्थित जनसमूह का धन्यवाद किया।