सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : सोहिनी चट्टोपाध्याय की अंग्रेजी में लिखी पुस्तक ‘ द डे आई बिकम ए रनर ने भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में हाल ही में सम्पन्न पांचवें एकाम्रा खेल साहित्य उत्सव में एकाम्राइ स्पोटर्स बुक ऑफ द ईयर का अवार्ड जीता। एकाम्रा खेल साहित्य उत्सव मे भारतीय फुटबॉल और लाखों डॉलर की खेल लीग के भविष्य और जाने माने अंतर्राष्ट्रीय लेखकों से साक्षात्कार भी किए गए। इस खेल उत्सव के पहले दिन बतौर क्रिकेट कोच श्रीलंका को 199६ में अपनी उस्तादी में वन डे क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले कोच डेव व्हाटमोर मौजूद श्रोताओं के सवालों का ऑस्ट्रेलियाई अंदाज में हाजिरजवाबी से जवाब देकर सभी का दिल जीत लिया।
2024 एकाम्रा खेल साहित्य उत्सव में अमृत माथुर की आत्मकथा ‘ द पिचसाइड-माई लाइफ इन क्रिकेट को ‘ऑटोबायोग्राफी ऑफ द ईयर और सुदिप्ता बिश्बास की ‘तुलसीदास बलराम-द बॉय, द टॉरमेंटेड फुटबॉलर की जीवनी को बायोग्राफी ऑफ द ईयर, आर. श्रीधर और आर कौशिक की ‘कोचिंग बियॉन्ड , माई डेज विद द इंडियन क्रिकेट टीम को क्रिकेट बुक ऑफ द ईयर का अवॉर्ड दिया गया। साल के सर्वश्रेष्ठ खेल पुस्तकों के प्रकाशकों का अवार्ड हार्पर कॉलिंस को मिल। वहीं स्पेशल जूरी का अवॉर्ड का ‘ग्रिट -द विश्वास स्टोरी बाय विश्वास केएस, वी आर फिरोज और श्रीराम जगन्नाथन ने जीता। दरअसल ग्रिट एक दिव्यांग तैराक की मुश्किलों से पार पाने के लिए उसके जज्बे को सलाम करने की कहानी है।
सोहिनी चट्टोपाध्याय की साल की खेल उत्सव में चुनी गई साल की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक ‘ द डे आई बिकम ए रनर में जिन आठ भारतीय महिला एथलीटों की कहानी और संघर्ष को बयां किया गया है और इसमें रियो ओलंपिक में महिलाओं की 3000 मीटर की स्टीपलचेज के फाइनल में पहुंचने वाली भारतीय धाविका ललिता बब्बर की दिल को छू देने वाली कहानी को बयां किया है। ललिता ने कहा, ‘यह किताब बतौर एथलीट मेरी जिंदगी को बहुत भावपूर्ण अंदाज में बयां करती है।’
जाने माने फिल्म निर्माता आर बाल्की ने इस खेल उत्सव में अभिषेक बच्चन को बतौर क्रिकेट कोच ले बनाई पनी नवीनतम फिल्म ‘घूमर’ पर चर्चा की। बाल्की ने बताया कि वह महरूम भारतीय क्रिकेट कप्तान मंसूर अली खान पटौदी पर बायोपिक बनाना पसंद करेंगे। बाल्की का मानना है कि मंसूर अली खान पटौदी के पास न केवल प्रतिभा और करिश्मा था बल्कि एक निश्चित धार भी थी, जिसे सहस्राब्दी पीढ़ी को जानने की जरूरत थी।
इस खेल उत्सव में गौरव गाला की किताब ‘अवेकनिंग द ब्ल्यू टाइगर्स’ में भारत के आज के परिप्रेक्ष्य में विश्व कप फुटबॉल के क्वॉलिफाई करने की संभावनाओं और इसकी कंटीली राह जैसे मुश्किल मुद्दों पर चर्चा हुई।