लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में उप राष्ट्रपति का मज़ाक़ उड़ाने वाले सांसद को मिले सजा

राजेन्द्र चंदेल एडवोकेट

लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में हाल ही में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के द्वारा उप राष्ट्रपति का मजाक बनाया गया था, जोकि उनका बेहद निंदनीय कृत्य है। इस ज्वलंत मसले पर समाजसेवी भाजपा के वरिष्ठ नेता व सर्वोच्च न्यायालय के एडवोकेट राजेन्द्र चंदेल कहते हैं कि उप राष्ट्रपति का मज़ाक़ उड़ाना एक अक्षम्य अपराध है। वैसे भी देखा जाए तो किसी भी शीर्ष संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का मज़ाक़ उड़ाना एक तरह से देश के संविधान का ही अपमान करना होता है। यह कृत्य टीएमसी नेता की लोकतंत्र के मंदिर में एक बेहद ओछी व छिछोरी हरकत है और उनकी ओछी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। जिस तरह से टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा में उपराष्ट्रपति के द्वारा कही गई बातों का मजाक उड़ाते हुए उनकी मिमिक्री की है वह उप राष्ट्रपति जैसे बेहद गरिमापूर्ण पद का अपमान करने का दुस्साहस है।

लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर में उप राष्ट्रपति के प्रति एक सांसद का यह कृत्य असंसदीय, अशोभनीय और अक्षम्य आचरण है, यह कृत्य अलोकतांत्रिक होने के साथ ही सांसद के कुसंस्कारों को भी दर्शाता है। संवैधानिक पद पर आसीन उप राष्ट्रपति के प्रति अहंकार और विद्वेष से परिपूर्ण सांसद बनर्जी का यह कृत्य अत्यंत ही शर्मनाक और संसदीय गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है, मैं इस शर्मनाक कृत्य की घोर निंदा करता हूं। राजेन्द्र चंदेल कहते हैं कि अफसोस की बात यह है कि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की इस ओछी हरकत पर उनको रोकने की जगह देश के दिग्गज राजनेता हंसते, ताली बजाते व वीडियो बनाते हुए नज़र आये, जो उन सांसदों की अपरिपक्वता को दर्शाता है। राजेन्द्र चंदेल एडवोकेट कहते हैं कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए बेहद जरूरी है कि टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की सदस्यता समाप्त करते हुए, उनको संवैधानिक पदों के गौरव व मान-सम्मान की अहमियत जल्द से जल्द बताई जाये।