नृपेन्द्र अभिषेक नृप
“कुछ ख़ुशियाँ कुछ आँसू दे कर टाल गया
जीवन का इक और सुनहरा साल गया”
गुजरा हुआ समय या यों कहें कि बीता हुआ साल जिंदगी में कई अलग-अलग उतार-चढ़ाव से भरा होता है, जिसमें अच्छी और बुरी दोनों ही यादें हमारे पास होती हैं। कभी सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत के लिए यह साल उपलब्धियों से भरा हुआ रहा। जहां एक तरफ, अंतरिक्ष में चंद्रयान-3 को दक्षिणी ध्रुव पर सफ़लतापूर्वक लांच किया और सूर्य मिशन यानी आदित्य एल 1 को भी सफलता पूर्वक लांच कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है तो वहीं इतिहास में पहली बार भारत ने जी 20 की बैठक को दिल्ली में सफलतापूर्वक आयोजित कर अपना लोहा मनवाया है। इस सबके साथ ही आर्थिक क्षेत्र में भी भारत ने कोरोना से पिछड़ी हुई अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की ओर कदम बढ़ाया है।
क्या रहा भारतीय राजनीति का हाल
हमेशा की तरह यह साल भी राजनीति के लिए दिलचस्प भरा रहा है। आज़ादी के अमृत महोत्सव में भारत लगातार इतिहास रच रहा है। इसरो के ऐतिहासिक चंद्रयान और सूर्ययान मिशन के बाद भारत ने जी-20 के 18वें शिखर सम्मेलन नई दिल्ली के भारत मंडपम में 9 और 10 सितंबर को पहली बार आयोजित कर इतिहास रच दिया है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है। ग्रुप ऑफ ट्वेंटी अर्थात जी-20, जिसकी स्थापना 1999 में हुई थी। यह अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जी-20 का शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है।
इस बैठक की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि भारत की अध्यक्षता में ही जी 20 में अफ्रीकी यूनियन को शामिल करने का एलान किया गया। अब इसके सदस्यों की संख्या 21 हो गई है जिसमें कि 19 देश और 2 संगठन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त नई दिल्ली घोषण पत्र को भी सभी सदस्य देशों ने भारत की अध्यक्षता में मंजूरी प्रदान कर दी है। साथ ही एक आर्थिक कॉरिडोर पर भी सहमति बनी। सभी महाद्वीपों में आर्थिक एकीकरण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप इकोनॉमिक गलियारे के लॉन्च की भी घोषणा हुई है।
G-20 की सफलता के बाद भारत में पी-20 समिट का आयोजन 13-14 अक्टूबर 2023 को किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के द्वारका के ‘इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर’ में किया गया था। पी-20 शिखर सम्मेलन में जी-20 देशों के संसद अध्यक्ष और सभापतियों ने हिस्सा लिया था। इस समिट में 25 देशों के प्रेजाइडिंग ऑफिसर और G-20 सदस्य देशों के 10 डिप्टी स्पीकर शामिल हुए थे।
इसी साल मार्च महीने में भारतीय राजनीति में एक बड़ा उलट-फेर हुआ और कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी को एक केस में सजा सुनाने के बाद उनकी सांसदी छीन ली गई। दरअसल, उसी महीने राहुल गांधी को सूरत अदालत द्वारा मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगा कर उनकी सांसदी को पुनः बहाल कर दिया था।
साथ ही, भारत के लिए एक गर्व का पल भी आया जब आजाद भारत में पहली बार देश ने अपना संसद भवन का निर्माण करवाया। 28 मई को ही भारत को उसका नया और अत्याधुनिक संसद भवन मिला। पीएम मोदी ने 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन किया। 971 करोड़ रुपये की लागत से बना यह भवन लोकसभा में 888 सांसदों और राज्यसभा में 300 सांसदों को समायोजित कर सकता है।
हमेशा की तरह इस साल में भी कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, जिसने राजनीतिक गर्मी को बढ़ाये रखा। कई राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए। इस साल कर्नाटक में जहां बीजेपी को कांग्रेस से हार मिली, वहीं मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत हुई।
सामाजिक स्तर पर चर्चित रहा यह साल
अब तक भारत जनसंख्या में चीन के बाद दूसरे स्थान पर था, लेकिन इस साल अप्रैल में जनसंख्या में प्रथम स्थान ला कर चीन को पीछे छोड़ दिया है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला बन गया है। भारत की आबादी 142.86 करोड़ पहुंच गई है, जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, भारत की जनसंख्या अगले तीन दशकों तक बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि, उसके बाद धीरे-धीरे इसमें गिरावट आने लगेगी।
इसी साल अप्रैल के मध्य में ही गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिस खबर ने काफी सुर्खियां बटोरी। दरअसल, मीडिया के सामने लाइव ही दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, मौके से ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।इसके बाद अप्रैल में कट्टरपंथी खालिस्तानी समर्थक वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल को भी एक महीने तक लगातार पीछा करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद अपने इस मिशन में कामयाबी हासिल की थी। फिलहाल, अमृतपाल को जेल में कैद रखा गया है।
साल का मई माह केंद्र सरकार के साथ-साथ मणिपुर के राज्य सरकार के लिए भी चुनौती भरा रहा। मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच भारी झड़प हुई थी। आगजनी, अपहरण और हत्याओं से पूरा मणिपुर जूझ रहा था और राजनीतिक गलियारे में भी इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा था। यहाँ से कुछ ऐसी वीडियो सामने आए, जिसने पूरे देश को दहला दिया। इस वीडियो में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न करके सड़क पर घुमाते हुए दिखाया गया तब ये वीडियो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना रहा। सड़क से संसद तक विपक्ष भी सरकार पर हमलावर रहा।
देश के लिए जून की शुरुआत बेहद दर्दनाक रही थी। दरअसल, 2 जून को ओडिशा में चेन्नई की ओर जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की भीषण टक्कर हो गई थी, जिसमें सैकड़ों लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में लगभग 300 लोग मारे गए थे और लगभग 850 लोग घायल हुए थे।
भारत एक ऐसा देश है जो कभी बाढ़ तो कभी सूखा से ग्रसित रहता है। इस साल भी बाढ़ ने देश के विभिन्न हिस्सों को अपने आगोश में लिया। लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों को बाढ़ ने इस बार काफी परेशान किया। जुलाई में हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण पूरे राज्य को विनाशकारी भूस्खलन और बाढ़ का सामना करना पड़ा था। इस आपदा ने पूरे पर्यटन स्थल की खूबसूरती को खत्म कर दिया था और करोड़ों की संपत्ति तबाह कर दी थी। सरकार के आकलन के मुताबिक, राज्य को लगभग 12,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इसके अतिरिक्त उत्तराखंड में भी एक भयंकर हादसा हुआ। उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग ढह जाने से 41 मजदूर उसी में फंस गए और एक-एक सांसों के लिए मोहताज हो गए थे। दरअसल, एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे 41 मजदूर रोजाना की तरह अपने काम पर गए, लेकिन दुर्भाग्यवश टनल का रास्ते पर पहाड़ धसने से सभी 41 मजदूर उसी में फंस गए।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए कैसा रहा यह साल?
इस साल भारत ने आर्थिक मोर्चे पर कई उपलब्धियां हासिल की है। साल 2023 में देश की अर्थव्यवस्था एक नए मुकाम की ओर बढ़ रही है। भारत को विकासशील देश से विकसित देश बनाने की यात्रा शुरू हो गई है। वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद जीडीपी और महंगाई के मोर्चे पर साल 2023 में भारत का प्रदर्शन सराहनीय रहा है।
वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के विशाल परिदृश्य में, भारत अपनी तीव्र वृद्धि और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के अटूट दृढ़ संकल्प के साथ खड़ा है। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और 1.4 अरब से अधिक लोगों की आबादी के साथ, भारत एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरा है, जो लगातार वैश्विक मंच पर अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। 2023 एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ है क्योंकि भारत की जीडीपी में बढ़ोतरी हुई है, जिससे वैश्विक आर्थिक दौड़ में अग्रणी के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हुई है। विश्व बैंक के ताजा भारत विकास अपडेट (आईडीयू) के अनुसार, चुनौतीपूर्ण वैश्विक वातावरण के मुकाबले भारत लगातार लचीलापन दिखा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर बैंक की अग्रणी छमाही रिपोर्ट, आईडीयू का मानना है कि महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, भारत वित्त वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में एक है। भारत की विकास दर जी-20 देशों के बीच दूसरे स्थान पर है और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं में औसतन लगभग दोगुनी है। इस लचीलेपन की वजह मजबूत आर्थिक मांग, मजबूत सार्वजनिक बुनियादी ढांचा निवेश और मजबूत वित्तीय क्षेत्र हैं। बैंक ऋण विकास वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही के 13.3 प्रतिशत की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में बढ़कर 15.8 प्रतिशत हो गया है। विश्व बैंक के अनुसार ही केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जीडीपी के 6.4 प्रतिशत से घटकर 5.9 प्रतिशत रहने के अनुमान के साथ विश्व बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय मजबूती जारी रहेगी। सार्वजनिक ऋण के जीडीपी के 83 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है।
ऐसा नहीं है कि भारत में आर्थिक रूप से चुनौती नहीं थी लेकिन इसके बाबजूद भी भारत ने साल 2023 में अपनी मजबूत वृद्धि दर बनाए रखने में सफल रहा है।जीडीपी पर रेटिंग एजेंसी एस एंड पी के आंकड़ों से सकारात्मक से भी संदेश मिला है। एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है जो कि एक सकारात्मक संदेश है। वर्ष 2024 के लिए भारत के आर बी आई ने मौजूदा और अगले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। सरकार के मुताबिक मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ी। भविष्य की बात करें तो विश्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर 6.3 प्रतिशत रहेगी। अपेक्षित नरमी मुख्य रूप से चुनौतीपूर्ण बाहरी स्थितियों और घटती मांग के कारण है। हालांकि, सेवा क्षेत्र की गतिविधियों के 7.4 प्रतिशत की विकास दर के साथ मजबूत बने रहने की उम्मीद है और निवेश वृद्धि भी 8.9 प्रतिशत पर मजबूत बने रहने का अनुमान है।
महंगाई एक ऐसा विषय है जिससे सीधे लोगों तक का संबंध रहता है। आकड़ों की बात करें तो महँगाई दर में कभी वृद्धि तो कभी कमी दिखती रही है। केंद्र सरकार और आरबीआई प्रतिबद्धता के साथ महंगाई दर को साल 2023 में अधिकतर समय पर आरबीआई के बैंड चार से छह प्रतिशत के बीच बनाए रखने में सफल रहा। मौसम की चुनौतियों के कारण खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण चिंता जरूर बढ़ी पर सरकार और आरबीआई के कदमों से इसे संतोषजनक दायरे में लाने में सफलता मिली। इन सबके बावजूद भी लोगों के लिए महंगाई बड़ा मुद्दा रही और लोगों ने सरकार की आलोचना करना जारी रखा।
आने वाला साल भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रहने की भी आशंका है। महंगाई को लेकर हमारी चिंताएं बरकरार हैं। उच्च खाद्य कीमतें, विशेष रूप से दालों और अनाजों में दोहरे अंक की वृद्धि, जिनकी सीपीआई खाद्य टोकरी में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है, चिंताजनक हैं। इसके अलावा, तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं। खाद्य और ईंधन की कीमतों से मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना है।
भारत में प्रतियोगी छात्रों में बेरोजगारी का मुद्दा काफी हॉट मुद्दा बना रहा है। वैसे तो सरकारी नौकरी में वैकेंसी के लिए इस साल भी प्रतियोगी परीक्षाओं में भीड़ रही है लेकिन इन सब के बावजूद सरकार आंकड़ों में बेरोजगारी दर कम करने में सरकार सफल रही। एनएसएसओ की ताजा आवधिक श्रम बल रिपोर्ट देश में 15 साल से अधिक उम्र के नागरिकों में बेरोजगारी दर 3.2 प्रतिशत दर्ज की गई यह छह साल में सबसे कम है। पिछले साल बेरोजगारी दर 4.1 प्रतिशत थी। वहीं 2020-21 में यह दर 4.2 प्रतिशत, 2019-20 में 4.8 प्रतिशत और 2018-19 में 5.8 और 2017-18 में 6 प्रतिशत थी। रिपोर्ट ने यह भी बताया कि गांवों में बेरोजगारी कम है। यहां 2017-18 में 5.3 प्रतिशत बेरोजगारी थी, 2022-23 में यह महज 2.4 प्रतिशत रह गई। शहरों में इसी दौरान बेरोजगारी दर 7.7 प्रतिशत से घट कर 5.4 प्रतिशत पर आई।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि दर्ज की गई। 15 दिसम्बर तक आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार कुल विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 615.971 अरब डालर हो गया है। यह विदेशी मुद्रा भंडार का 20 महीने का उच्च स्तर है। इसके साथ ही स्वर्ण भंडार 44.6 करोड़ डालर बढ़कर 47.577 अरब डालर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा बाजार में आरबीआइ के हस्तक्षेप और मूल्यांकन में बदलाव से विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावित हुआ है।
इसी साल भारत में पहली डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी आरबीआई की ओर से लॉन्च की गई है। देश के चुनिंदा शहरों कें सीबीडीसी की लॉन्चिंग के बाद इसके प्रति लोगों में उत्साह दिखा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) या ई-रुपये के सीमापार लेन-देन के उपयोग से लागत में दो से तीन फीसदी की बचत होती है। केंद्रीय बैंक ने डिजिटल रुपये के दो वर्जन – सीबीडीसी-थोक और सीबीडीसी-रिटेल जारी करने का प्रस्ताव दिया है। सीबीडीसी-थोक को चुनिंदा वित्तीय संस्थानों तक सीमित पहुंच के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि सीबीडीसी-रिटेल का उपयोग निजी क्षेत्र, गैर-वित्तीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों सहित सभी द्वारा किया जा सकता है।
अर्थव्यवस्था में भारत के लिए यह साल सकारात्मकता ले कर आया है क्योंकि कोरोना के बाद से जो लगातार दुनिया की अर्थव्यवस्था निचले पायदान पर चली गई थी, उसमें भारत भी शामिल था। लेकिन विश्व बैंक के अनुसार अन्य देशों के अपेक्षा भारत में तीव्र गति से अपने अर्थव्यवस्था को रिकवर किया है। पूरी संभावना है कि आने वाला साल भारत के अर्थव्यवस्था के लिए और भी बेहतर साबित होगा।
इस साल विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत-
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को दुनिया भर में जाना जाता है। भारतीय वैज्ञानिक प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं जिन्होंने अपने सफल वैज्ञानिक योगदान से दुनिया को चौंका दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां अनंत हैं। अंतरिक्ष हो या चिकित्सा, भारत के नवाचार की दुनियाभर में ख्याति है। यह साल भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए काफ़ी गौरवपूर्ण रहा।
भारत ने 14 जुलाई को एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। दरअसल, भारत ने अपना चंद्रयान मिशन-3 इसी दिन लॉन्च किया था, जिसे 23 अगस्त को भारत ने अपने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड कर के इतिहास रच दिया था। चांद की दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत इकलौता देश बन गया था। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद पूरे विश्व में भारत की वाहवाही होने लगी थी। हर किसी ने भारत की उपलब्धि पर बधाई दी थी। चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा पर संभावित पानी-बर्फ और संसाधनों के लिये उसके दक्षिणी ध्रुव के पास “स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों” की जाँच करना है।
भारत का अंतरिक्ष संगठन इसरो लगातार इतिहास रच रहा है। पहले मंगलयान, फिर चन्द्रयान-3 के द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना और अब आदित्य एल 1 के सफलतापूर्वक लांचिंग से इसरो ने इतिहास रच दिया है। इस मिशन के जरिए सूर्य का अध्ययन किया जाएगा। सूर्य हमारा निकटतम तारा है और अन्य तारों की तुलना में इसका अधिक विस्तार से अध्ययन किया जा सकता है। सूर्य एक अत्यंत गतिशील तारा है। हम जितना देखते हैं, यह उससे कहीं ज्यादा फैला है, जिसमें लगातार भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती रहती है। दुनिया में अब तक सूर्य पर कुल 22 मिशन भेजे जा चुके हैं। मिशन पूरा करने वाले देशों में अमेरिका, जर्मनी, यूरोपियन स्पेस एजेंसी शामिल हैं। सूरज पर सबसे ज्यादा 14 मिशन अमेरिकी एजेंसी नासा ने भेजे हैं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने साल 1994 में पहला सूर्य मिशन भेजा, तो उसने नासा का साथ लिया। नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने सबसे ज्यादा काम किया है। यह सूर्य के सबसे करीब पहुंचने वाला एकमात्र अंतरिक्षयान है।
2023 में भारत की खेल में उपलब्धि
खेलों में यह साल एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप के लिए काफ़ी चर्चा में रहा, लेकिन खेल जगत पर एक काला धब्बा तब लगा जब भारत की कई प्रतिष्ठित महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ काफी कड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया गया था। इस दौरान उनकी मांग थी कि बृजभूषण को उनके पद से बर्खास्त कर दिया जाए और मामले की जांच हो। इसके बाद सरकार ने कुश्ती संघ को बर्खास्त कर के फिर से चुनाव कराने का निर्णय लिया था। चुनाव तो दिसम्बर हुआ जिसमें बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह जीते लेकिन खिलाड़ियों के विरोध और कुछ अनियमितता के बाद सरकार ने उसे निलंबित कर दिया है।
इस साल के फरवरी माह भारतीय क्रिकेट के लिए ऐतिहासिक रहा। भारतीय टीम ने आईसीसी के टेस्ट टीम रैंकिंग में पहला स्थान हासिल करके क्रिकेट जगत में एक नया इतिहास रच दिया था। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक सुनहरा पल रहा था। भारतीय टीम क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में नंबर-1 टीम बन गई थी। भारतीय क्रिकेट इतिहास में यह पहला मौका है जब राष्ट्रीय टीम तीनों प्रारूपों में एक साथ शीर्ष पर काबिज़ हुई थी।
इसी साल 8 अक्टूबर को हांगझोऊ ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर स्टेडियम में हुई। चीन के हांगझोऊ शहर में हुए एशियन गेम्स 2022 में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया। 19वें एशियन गेम्स में भारत ने 107 मेडल के साथ अपना अभियान खत्म किया। भारत ने हांगझोऊ 2023 में 28 स्वर्ण, 38 रजत और 41 कांस्य समेत कुल 107 पदक जीते। सन 1951 के दौरान नई दिल्ली में पहली बार एशियाड हुए थे, तब हमने 15 गोल्ड जीतकर मेडल टैली में सेकेंड रैंक हासिल की थी। 15 गोल्ड के इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए देश को 68 साल का समय लग गया, जब 2018 में हमने 16 गोल्ड मेडल जीते। लेकिन अब 5 साल में ही इस रिकॉर्ड खिलाड़ियों ने सुधार कर 28 गोल्ड मेडल तक पहुंचा दिया।
इस साल क्रिकेट जगत का सबसे चर्चित एकदिवसीय क्रिकेट विश्व कप का आयोजन नवम्बर माह में भारत ने किया था, जिसके फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हरा कर विश्व कप जीत लिया था। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह काफी दुख भरा रहा था। दरअसल, वर्ल्ड कप सीरीज में भारत ने काफी सफलता हासिल की थी और 19 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल खेला। हालांकि, उस शाम देश के लगभग 1.4 अरब लोगों का दिल टूट गया था। 40 रातों तक अजेय की तरह आगे बढ़ने बाद 41वीं रात को भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा था। भारतीयों को पूरी उम्मीद थी कि 1983 और 2011 के बाद भारत विश्व चैंपियन बनेगा लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप 2003 की याद ताजा करते हुए एक बार फिर भारत को फाइनल में हरा दिया और इस तरह से एक सुंदर सपना टूट गया।
हमारे देश भारत के लिए बिता साल कुछ खट्टे तो कुछ मीठे पल ले कर आया। जब भारत ने चंद्रयान -3 में सफ़लता हासिल किया तो पूरा देश जश्न मनाया तो वहीं जब भारत क्रिकेट विश्व कप का फाइनल हार गया तो देश रोया भी और इसी साल में पहली बार भारत ने जी 20 सम्मेलन को सफलता पूर्वक आयोजित कर गौरवांवित भी किया। इन्हीं यादों के साथ आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं और हम सब नए साल का स्वागत करतें हैं-
“नया साल आया है ख़ुशियाँ मनाओ
नए आसमानों से आँखें मिलाओ।”