रविवार दिल्ली नेटवर्क
- तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फार्मेसी विभाग की फैकल्टी श्री आशीष सिंघई भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड से हुए सम्मानित
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फार्मेसी विभाग के डी फार्मा प्रोग्राम के कॉर्डिनेटर श्री आशीष सिंघई को भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह कॉन्फ्रेंस शोध और ट्रेनिंग में संलग्न भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सहायक इकाइयों-एमएसएमई में रजिस्टर्ड संस्था आरबी साइंस की ओर से भोपाल में आयोजित की गई। कार्यक्रम में स्टेट फार्मेसी काउंसिल, मध्यप्रदेश के प्रेसिडेंट श्री संजय जैन और एलएनसीटी यूनिवर्सिटी, भोपाल के डीन प्रो. अखिलेश सिंघई ने स्मृति चिन्ह और सर्टिफिकेट देकर श्री सिंघई को सम्मानित किया। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी, भोपाल के कुलपति प्रो (डॉ.) सुनील कुमार, क्लीनिसोल कंपनी, हैदराबाद के फाउंडर और सीईओ श्री मुजीबुद्दीन, जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, भोपाल के डॉ. एन गणेश, आरबी सांइस की डायरेक्टर डॉ. ऋचा मिश्रा और डॉ. बृजेश मिश्रा और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे के एसोसिएट डीन डॉ. अनूप काले आदि की गरिमामयी उपस्थिति में यह अवार्ड प्रदान किया गया। फार्मेसी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अनुराग वर्मा से श्री आशीष सिंघई को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
उल्लेखनीय है, श्री सिंघई विभिन्न नेशनल और इंटरनेशनल शोध पत्रिकाओं में शोध लेखों के समीक्षक भी है। श्री आशीष के दो जर्मन के संग- संग दो भारतीय पेटेंट भी फ़ाइल हो चुके हैं। करीब तीन दर्जन शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं,जबकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में तीस से अधिक शोध पत्रों का वाचन कर चुके हैं। 2018 में नेपाल के प्रथम उपराष्ट्रपति की ओर से नई दिल्ली में इंडो नेपाल सांस्कृतिक सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय समरसता मंच के माध्यम से विभिन्न देशों के राजदूतों की उपस्थिति में शिक्षक श्री सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।
इसके अलावा श्री सिंघई ने सेपियन्स बायो एनालिटिकल रिसर्च लैब, भोपाल के निदेशक पद पर रहते हुए शोध के 70 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर कार्य किया है। लैब के माध्यम से पीएचडी के छात्रों का भी मार्गदर्शन किया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली और मध्यप्रदेश कॉउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भोपाल की ओर से प्रायोजित तीन सरकारी रिसर्च प्रोजेक्ट्स भी सफलतापूर्वक सम्पन्न कर चुके हैं। स्नातक स्तर पर 45 से अधिक और स्नातकोत्तर स्तर पर 15 से अधिक छात्रों का मार्गदर्शन कर चुके है। उन्होंने प्रायोगिक फार्माकोग्नॉसी एंड फाईटोकेमिस्ट्री विषय पर बीफार्मा एवम् बीएससी एग्रीकल्चर में पादप औषधियों पर प्रयोग के लिए उपयोगी तीन पुस्तकें भी लिखी हैं।