विनोद तकियावाला
मै हुँ साल दो हजार तेईस
आप के मन में होगी टीस
दोस्तों मै लेता हूँ,अलविदा
दोस्तो मुझे क्षमा करना
,दिलों में मत रखना कोई टीस,I
तुम्हारी नफ़रत स्वाभाविक है,
मैने छीना जो है तुमसे बहुत कुछ, एक बच्चों से पिता को,
एक बहन से भाई को,
एक पत्नी से पति को,
मैने ना जाने कितने ,
रिश्तों से रिश्तों को,
तुम्हारा कारोबार,ऐशोआराम,
सुख चैन,ऑखे से नींद
तुम्हारी लिस्ट लंबी है,
द्वेष है,क्रोध है,नाराज़गी है,
मन दुःखीहै ‘ तुम्हारा
इच्छा यह सभी की है,
2023 बर्ष तुम कब जाओगे,
कब आएगी मुझे चैन की नींद,
दोस्तो मुझे क्षमा करना ,
मै हुँ साल दो हजार तेईस
अलविदा मै लेता हुँ ,अब विदा ।
माना कि मैने तुझसे छीना है ,
याद करो तुम मैने तुझे लौटाया भी है ,
तुम्हे मैने बहुत कुछ दिया
नदियों को साफ़ पानी,
पेड़ों को हरियाली,
पहाड़ों को झरने,
बेधर पशु-पक्षियों को घर,
हृदय धड़कनों को सांसें,
मानव जीवन को नयाअर्थ दिया
तुम्हारे रिश्तों को मघुर प्यार,
बगीये में फूलों की बहार,
पहाड़ को सर्दी की बर्फ़,
गर्मी को ठंडी हवाएं,
सूखे खेत को बरसात,
ज़िंदगी को मौसमी सौगात,
हे मानव तुम रखना याद
हर हार के बाद होती है एक जीत,
मै साल दो हजार वी तैईस
अलविदा मै लेता हूंँ,अब विदा
दोस्तो मुझे क्षमा करना ,
मै हुँ साल दो हजार तेईस
तुम मेरे दुखों को नहीं
मेरी खुशियों को याद रखना,
मिली है मुझसे जो तुम्हे सीख,
उसे तुम संभाल कर रखना,
प्रकृति से,अब और मत खेलना,
संसार सब का है,याद रखना,
ज़्यादा नहीं,थोड़े की जरूरत है,
लालच भरी ज़िंदगी बदलनी है।
खुशियों से भरा आने नया साल
2024 I
मै हुँ दो हजार तेईस
अलविदा मै लेता हूँ,
मै तुम सभी से विदा
दोस्तो मुझे माफ करना,
मैं सिमट गया तुम्हारे यादों में
नानी-काकी दादी की कहानी में
तुम यादें करोगे कल जब मुझे,
मै भी तुम्हे भुल ना पाऊँगा तुझे,
अलविदा — अलविदा –अलविदा