रावेल पुष्प
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल और कवि दिवंगत पं.केसरी नाथ त्रिपाठी की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर ताज़ा टीवी के डायरेक्टर और छपते छपते दैनिक अखबार के संपादक विश्वंभर नेवर ने कहा कि केसरी नाथ त्रिपाठी एक जिंदा दिल लाट साहब थे. उनमें आत्मीयता झलकती थी. कई मरी हुई संस्थाएं उनकी प्रेरणा से पुनर्जीवित हो उठीं थीं । काव्य के प्रति समर्पित व्यक्तित्व थे. बंगाल के साहित्यकारों को उन्हीं की बदौलत राजभवन दर्शन का मौका मिला था। राजस्थान सूचना केंद्र में द वेक पोर्टल की ओर कार्यक्रम का आयोजन शकुन-मनोज त्रिवेदी ने किया था.
इस अवसर पर उनकी जीवनी पर शकुन त्रिवेदी निर्मित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म से कार्यक्रम की शुरुआत हुई.
इस अवसर पर कुसुम जैन, दुर्गा व्यास, प्रोफेसर प्रेम शंकर त्रिपाठी, रावेल पुष्प, हिंगलाज दान रतनू ने अपने संस्मरणों से उन्हें याद किया.
शकुन त्रिवेदी ने फिल्म के निर्माण और कुंभ मेला में स्वर्गीय त्रिपाठी जी के साथ मिले अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उनकी आत्मीयता ने उन्हें दंग कर दिया था. प्रोफेसर प्रेम शंकर त्रिपाठी ने कहा कि वह भले ही सात बार विधायक और पांच सालों तक राज्यपाल थे, लेकिन उनमें जरा भी दंभ नहीं था. उनके राज्यपाल बनने से पहले की कई घटनाओं को उन्होंने मंच से साझा किया।
साहित्यकार रावेल पुष्प ने अपने संस्मरण में उनके द्वारा किए गए एक रोचक फोन काल की घटना का जिक्र करते हुए उनकी सहज आत्मीयता की चर्चा की और आखिर में एक शेर के जरिए कहा कि – वो एक शख्स था,जो सारे शहर को वीरान कर गया। कुसुम जैन और दुर्गा व्यास ने त्रिपाठी जी के संस्मरणों में उनकी कुछ कविताओं का पाठ भी किया।
इस मौके पर द वेक की संपादक शकुन त्रिवेदी के कहानी संग्रह -आस्था की छांव का लोकार्पण भी हुआ।
इस अवसर पर श्रोता दीर्घा में डॉ कमलेश जैन, डॉ विभा द्विवेदी, सीताराम अग्रवाल, मुरली चौधरी, प्रेम कपूर, प्रदीप कुमार धानुक, रामनारायण झा, रेनू जैन, अदिति झा, शोभा गुप्ता, विशन सिखवाल, वी. अरुणा, आशुतोष चतुर्वदी, ब्रजलाल परमार, रामलाल गुप्ता, सुमन अग्रवाल, सुनीता निगम, सुशील कुमार पुरोहित, आर्यन राय, पंकज कुमार जायसवाल, राजेंद्र द्विवेदी, सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.