इंद्र वशिष्ठ
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल(बीकेआई), लॉरेंस बिश्नोई अपराध सिंडिकेट और अन्य की साजिशों और गतिविधियों से संबंधित तीन मामलों में कई राज्यों में छापेमारी की। छापेमारी में 2 पिस्तौल, 2 मैगजीन, कारतूस, 4.60 लाख रुपए नकद, दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए।
32 स्थानों पर छापेमारी-
गुरुवार सुबह शुरू हुए जबरदस्त ऑपरेशन के तहत एनआईए की टीमों ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में कुल 32 स्थानों पर छापेमारी की।
आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क-
जिन तीन मामलों में एनआईए ने आज छापेमारी की, वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बीकेआई और देश में सक्रिय आतंकवादी-गैंगस्टर नेटवर्क द्वारा की जा रही आतंकवादी गतिविधियों से संबंधित हैं।
ऐसी गतिविधियों में सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी, टेरर हार्डवेयर की तस्करी करना शामिल है।
एनआईए के अनुसार आतंकी संगठनों और संगठित आपराधिक सिंडिकेट के संचालकों/सदस्यों द्वारा टेरर हार्डवेयर का उपयोग देश के विभिन्न हिस्सों में बम विस्फोटों, लक्षित हत्याओं, जबरन वसूली, आतंकी संगठनों को आतंकी फंडिंग आदि को अंजाम देने के लिए जा रहा है।
गुरुवार की कार्रवाई में बीकेआई के प्रमुखों/सदस्यों की गतिविधियों से संबंधित मामले में 16 स्थानों पर छापे मारे गए। एनआईए ने 10 जुलाई 2023 को स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया था, जिसमें हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और लखबीर सिंह संधू उर्फ लांडा की पहचान पंजाब में आतंकी साजिश रचने के साथ-साथ हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी में शामिल प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक के रूप में की है। एनआईए की जांच के अनुसार, वे आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए विभिन्न एमटीएसएस चैनलों के माध्यम से अपने सहयोगियों को धन भी भेज रहे हैं।
माफिया शैली –
एनआईए ने यूएपीए कानून के तहत लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बरार और उनके सहयोगियों के निर्देश पर चलाए जा रहे संगठित अपराध सिंडिकेट के खिलाफ दर्ज मामले में कुल सात स्थानों पर छापेमारी की गई। इस सिंडिकेट ने ‘नामित व्यक्तिगत आतंकवादी’ हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा के साथ सक्रिय साजिश में अपने माफिया शैली के आपराधिक नेटवर्क को देश के कई राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी फैलाया है। ये नेटवर्क पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला , प्रदीप कुमार जैसे धार्मिक और सामाजिक नेताओं की हत्या के अलावा, व्यापारियों और पेशेवरों से बड़े पैमाने पर जबरन वसूली जैसे अनेक सनसनीखेज अपराधों में शामिल रहा है,
तीसरा मामला जिसमें नौ छापे मारे गए, भारत और विदेशों में स्थित विभिन्न प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों / आपराधिक गिरोहों से संबंधित है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में आतंक और आपराधिक साजिश रचने में शामिल रहे हैं।
एनआईए की यह कार्रवाई भारत में आपराधिक/आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में लगे आतंकवादी संगठनों और व्यक्तिगत आतंकवादियों के साथ-साथ उनके समर्थक नेटवर्क पर एनआईए की निरंतर कार्रवाई का हिस्सा है।