- भावचित्रों में मोदी के संकल्प की जीवंतता: प्रभात झा
रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : राजधानी के कंस्टीट्यूशनल क्लब में सुखी परिवार फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘दिव्य भारत के निर्माता मोदी’ विषयक हस्तनिर्मित 75 भावचित्रों की प्रदर्शन का उद्घाटन भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री प्रभात झा ने किया। इस अवसर पर इन्हीं चित्रों से जुड़ी पुस्तक का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम आदिवासी संत गणि राजेन्द्र विजयजी के सान्निध्य में आयोजित हुआ, जिसमें महामंडलेश्वर शैलेशानंदजी, कारगिल युद्ध के नायक कर्नल डाॅ. राजेश अधाउ, सुखी परिवार फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री ललित गर्ग, जैन विश्वविद्यालय के बंगलोर के सीईओ श्री सतीश नारायण आदि ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. अविनाश काटे ने कैनवास पर ऐक्रेलिक रंगों का उपयोग करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 75 भावना-भरे चित्र बनाये हैं, जिनमें कला की गहनता, साधना, परिपक्वता और चित्र भावना प्रदर्शित हो रही है। नये भारत के निर्माता श्री मोदीजी के काम, भावनाओं और भारत माता के प्रति समर्पण के पहलुओं को प्रतिबिंबित करने वाले इन विविध चित्रों में असाधारण प्रतिभा प्रदर्शित हो रही है।
मुख्य अतिथि श्री प्रभात झा ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह अद्वितीय कलात्मक उपलब्धि विश्व स्तर पर अपनी तरह की पहली उपलब्धि है। किसी अन्य कलाकार ने विभिन्न रूपों में एक ही व्यक्ति के चित्रों की इतनी व्यापक श्रृंखला नहीं बनाई है। डॉ. अविनाश काटे ने इसे एक ध्यान प्रक्रिया के रूप में दिन-रात काम करते हुए तीन महीने के अथक परिश्रम से निर्मित किया है, जिससे इन भावपूर्ण चित्रों के निर्माण में एक आध्यात्मिक आयाम जुड़ गया है। यह चित्र नहीं चित्त साधना के अनूठे आयाम है।
इस विशेष प्रदर्शनी और चित्रों के बारे में जैन विश्वविद्यालय के शांतमणि कला केंद्र के डीन डॉ. अविनाश काटे ने कहा कि श्री मोदी का प्रेरक नेतृत्व और अटूट प्रतिबद्धता मेरे लिए प्रेरणा का निरंतर स्रोत रही है। यह 75 चित्रों का संग्रह उनकी भावनात्मक राष्ट्रीय यात्रा का चित्रण है।
सुखी फाउंडेशन परिवार के संस्थापक और आदिवासी जैन संत डॉ. गणि राजेंद्र विजय महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि ये चित्रकला का एक अद्भुत नमूना है, जिनमें नये भारत, सशक्त भारत की मोदी के चित्रों के माध्यम से प्रभावी प्रस्तुति हुई है। यह भारतीय चित्रकला का एक विलक्षण उदाहरण बनकर प्रस्तुत हुआ है। कार्यक्रम के संयोजक श्री ललित गर्ग ने कहा कि डॉ. काटे के ये चित्र उनकी कला साधना और कलात्मक दृष्टि के प्रमाण हैं। जो राष्ट्रीय एकता की भावना, राष्ट्र के प्रति प्रेम, वैश्विक मंच पर भारत के आशाजनक भविष्य के विश्वास एवं भारत को सशक्त और विकसित करने वाले महानायक के संकल्पों के साथ गुंजायमान है। विदित हो डाॅ. काटे का यह अनूठा प्रयास गिनीज बुक्स आॅफ वल्र्ड रिकार्ड में भी दर्ज है।
इस अवसर पर समाजसेवा, शिक्षा, साहित्य, पत्रकारिता, कला से जुड़ी विभिन्न प्रतिभाओं का सम्मान किया गया जिनमें श्री हरीश चैधरी, श्री अभिषेक जैन, श्री राजीव जैन, श्री गिरीश सिंघ, श्री रमेश काण्डपाल, पत्रकार मनीष सिंह, डाॅ. जितेन्द्र कश्यप सहित अनेक प्रतिभाओं को शाॅल एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। आभार ज्ञापन जैन विश्वविद्यालय के सीईओ श्री सतीश नारायण ने किया।