स्वच्छता की मिसाल कायम करने वाले के के गुप्ता से राजस्थान की अन्य निकाय कोई सबक लेंगी?

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान के कई बड़े शहरों को बहुत पीछे छोड़ दक्षिणी राजस्थान का एक छोटा सा शहर डूंगरपुर प्रदेश का इकलौता ऐसा शहर बन गया है जिसने इस वर्ष भी स्वच्छता में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार हासिल किया है। दरअसल राजस्थान के डूंगरपुर नगर परिषद निकाय ने ओडीएफ प्लस और थ्री स्टार रेटिंग में पुरस्कार पाने की हैट्रिक हासिल कर ली है। प्रदेश के जयपुर,जोधपुर , अजमेर , कोटा ,बीकानेर , उदयपुर जैसे बाडेकशहरों को पीछे छोड़ राजस्थान के इस छोटे से शहर डूंगरपुर ने स्वच्छता में एक अनूठा रिकॉर्ड बनाया है।

डूंगरपुर नगर परिषद प्रदेश की एक मात्र ऐसी निकाय है जिसने यह करिश्मा कर दिखाया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करते हुए डूंगरपुर ने बिना आधुनिक सीवरेज सिस्टम के भी चार बार ओडीएफ, तीन बार ओडीएफ प्लस और तीन बार ओडीएफ डबल प्लस का ख़िताब दिला कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मध्य प्रदेश के इंदौर सहित स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर करने वाले शहरों को सम्मानित किया। स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट में इंदौर शहर को लगातार सातवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है,लेकिन यदि हम बात करें राजस्थान की तो राजस्थान के बड़े शहरों को पीछे छोड़ते हुए एक छोटे से शहर डूंगरपुर ने स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश के एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

डूंगरपुर नगर परिषद को इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के परिणाम से पहले शहरी विकास मंत्रालय एवं भारत सरकार ने डूंगरपुर निकाय को ओडीएफ डबल प्लस घोषित किया गया है। साथ ही थ्री स्टार रेटिंग गार्बेज फ्री सिटी का ख़िताब भी मिला है। थ्री स्टार रेटिंग गार्बेज फ्री सिटी का ख़िताब जीतने वाली डूंगरपुर प्रदेश की यह एक मात्र निकाय है। हालाकि इस सूची में एक एक स्टार के साथ उदयपुर और नाथद्वारा को भी शामिल किया गया है। साथ ही जयपुर नगर निगम हेरिटेज को भी एक इनाम मिला है। यूं तो राजस्थान के कई शहर पर्यटन की दृष्टि से दुनिया भर में मशहूर है लेकिन उन शहरों में साफ-सफाई की स्थिति कितनी अच्छी रहती है,यह बात किसी से छुपी हुई नही है। प्रदेश की राजधानी जयपुर और प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर जोधपुर भी इसका अपवाद नहीं हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इसे गौरवमयी क्षण बताते हुए अपने सोशल हैंडल एक्स पीआर लिखा है कि ‘स्वच्छता ही सेवा’ के भाव के साथ हमारे डूंगरपुर जिले ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 1 लाख से कम आबादी के जिलों में अव्वल स्थान हासिल किया है। शक्ति व भक्ति की पावन भूमि डूंगरपुर ने जन भागीदारी तथा जनसहयोग से स्वच्छता में नया कीर्तिमान स्थापित कर प्रदेश का मान बढ़ाया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर डूंगरपुर जिले की स्वच्छता प्रेमी जनता, जनप्रतिनिधियों, प्रशासन, स्वच्छता कर्मियों और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई एवम शुभकामनाएं।

डूंगरपुर निकाय के सभापति अमृत लाल कलासुआ और आयुक्त ने भी शहरवासियों को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने इसका श्रेय नगरपरिषद के सफाई कर्मचारी और तकनीकी अधिकारियों को दिया है,जिन्होंने जी-तोड़ मेहनत की है। बेशक इस उपलब्धि पर प्रदेश एवं नगर वासियों का गौरवान्वित होना कोई गलत बात नही है लेकिन डूंगरपुर में स्वच्छता की बुनियाद रखने वाले शख्स नगर परिषद के पूर्व सभापति के के गुप्ता को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इस बंदे ने डूंगरपुर को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए जिस तरह से अपनी प्रतिबद्धता संकल्प इच्छा शक्ति और समर्पण दर्शाया उसका कोई सानी नहीं है। उनके कार्यकाल में किसी गंदी नाली का फोटो भेजने वीके को इनाम दिया जाता था। उन्होंने नगरवासियों के हर वर्ग को स्वच्छता आंदोलन से जोड़ कर नागरिकों में गजब का जज्बा पड़ा किया।

गुप्ता ने डूंगरपुर को स्वच्छता के क्षेत्र के कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाए तथा उनकी सेवाओं से खुश होकर वसुंधरा और गहलोत सरकार के साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राज्य में स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर और सयोजक बनाया ।साथ ही भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की महत्वपूर्ण समिति का सदस्य बनाया तथा माननीय जिला न्यायालय ने हवेलियों के लिए विश्व प्रसिद्ध शेखावाटी के कुछ नगरों के लिए उन्हें न्याय मित्र बनाया। हाल ही राजस्थान सरकार ने उन्हें प्रदेश के गांवों के स्वच्छता के कार्य की जिम्मेदारी दी है। गुप्ता और उनकी टीम ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र गांधी नगर में उनके द्वारा गोद ली गई ग्राम पंचायतों में भी स्वच्छता का ऐसा बेमिसाल काम कर दिखाया कि ये गांव राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए चुने गए। राजस्थान में 200 से अधिक निकाय है और उनमें से कई निकाय तो ऐसी है जहा संसाधनों की कोई कमी नहीं हैं और न ही बजट की ही कोई कमी है पर संसाधनों और बजट की कमी के बावजूद भी प्रदेश के दक्षिण जिले की एक छोटी सी निकाय डूंगरपुर ने तीसरी बार ओडीएफ डबल प्लस और थ्री स्टार रेटिंग का ख़िताब अपने नाम किया है। यह अपने आपमें एक बड़ी उपलब्धि है और प्रदेश की सभी निकायों के लिए प्रेरणास्पद भी है। लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि स्वच्छता की मिसाल कायम करने वाले छोटे से शहर डूंगरपुर और उसके सूत्रधार के के गुप्ता से राजस्थान की अन्य निकाय कोई सबक लेंगी अथवा नही ? पर्यटन के लिए विश्व मानचित्र पर पहचाने वाले राजस्थान में स्वच्छता के अपने मायने है। इसे समझना बहुत जरूरी है। उम्मीद है प्रदेश की नई भाजपा सरकार और जनता के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की भावना के अनुरूप डूंगरपुर तथा मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की तरह राज्य के सभी शहरों में स्वच्छता को लागू करेगी। इससे राजस्थान के पर्यटन को भी नए पंख लगेंगे। देखना है प्रदेश सरकार और नए नगरीय विकास मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को सही अर्थों में अंजाम देने की दिशा में क्या पहल करते है?