प्रो. नीलम महाजन सिंह
भारत के संविधान के कार्यान्वयन का जश्न मनाने के लिए मेरे प्रिय पाठकों को बधाई। डॉ. बी.आर. अम्बेडकर, इसकी प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। उन्हें भारतीय संविधान का मुख्य वास्तुकार माना जाता है जो ‘भारत की अद्वितीय सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक विविधता’ को ध्यान में रखते हुए देश को मार्गदर्शन और शासन करने के लिए एक व्यापक और गतिशील ढांचा प्रदान करता है। इसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 जो लागू हुआ। दूरदर्शन की वरिष्ठतम संपादक व पूर्व समाचार प्रभाग के अतिरिक्त महानिदेशक होने के नाते, मैं इस बहुप्रतीक्षित ‘राष्ट्रीय प्रसारण की लाइव-कवरेज’ के महत्व को जानती हूँ। इस कार्यक्रम को दुनिया भर के हमारे देशवासी देखते हैं।
यह वह दिन है जब आम आदमी यह सशक्त महसूस करता है कि यह ‘अंत्योदय’ है और प्रत्येक नागरिक भारत के संविधान द्वारा संरक्षित है। यह सम्मान की बात है कि महामहिम श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, पहली महिला राष्ट्रपति हैं, जो वायु सेना, थल सेना और नौसेना की सर्वोच्च कमांडर हैं, जिन्हें ‘गार्ड ऑफ ऑनर दिया’ जाता है। एक महिला के रूप में, मुझे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘सलामी पोडियम’ पर देखकर खुशी महसूस होती है। बेशक ‘लुटियनज़ ज़ोन’ को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, भगवे, हरे व सफेद रंग की विशेष तिरंगी रोशनी से खूबसूरती से सजाया गया है! मेरा आज का कॉलम हर भारतीय को समर्पित है। एक पत्रकार के रूप में मैं महिलाओं के सशक्तिकरण व प्रत्येक भारतीय के लिए, एकसमान सामाजिक न्याय के लिए 35 वर्षों से लिख रही हूं व टेलीविजन पर प्रसारित करती रही हूं। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर, 2015 को 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने के भारत सरकार के निर्णय को अधिसूचित किया। यह परंपरा है कि प्रत्येक गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार किसी विदेशी सरकार के राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करता है। गणतंत्र दिवस – 2024 के सम्मानित मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमानुएल मैक्रॉन की भारत यात्रा का क्या महत्व है?फ्रांस का लक्ष्य 2030 तक 30,000 भारतीय छात्रों को शामिल करना है, फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी व फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, की व्यक्तिगत मित्रता दोनों देशों के लिए लाभदायक है। राष्ट्रपति मैक्रोन का लक्ष्य फ्रांस और भारत के बीच शैक्षणिक संबंधों को बढ़ावा देना है।
उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक भागीदार के रूप में भारत के विशेष महत्व पर ज़ोर दिया व इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। फ्रांस भारतीय छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगा व फ्रेंच भाषा को बढ़ावा देने के लिए पहल करेगा। अपने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर उन्होंने कहा, “2030 में फ्रांस में 30,000 भारतीय छात्र। यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन मैं इसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हम इसे आपके व हमारे युवाओं के साथ हासिल करेंगे”, आदान-प्रदान व सहयोग में, विश्वास में, मित्रता में,” उन्होंने कहा (@EmmanuelMacron)। फ्रांस में अपनी शिक्षा प्राप्त करने वाले किसी भी पूर्व भारतीय छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगा। इससे फ्रांस की “सभी के बेहतर भविष्य के लिए फ्रेंच” पहल के साथ पब्लिक स्कूलों में फ्रेंच और हिंदी भाषाएं सीखने के लिए एक नया मार्ग शुरू किया है। दशकों तक भारत-फ्रांसीसी सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने एलायंसेस फ्रैंचाइज़’ ने अविश्वसनीय काम किया है व ‘इसके नेटवर्क का विस्तार’ भारत के विभिन्न शहरों में किया जाएगा। राष्ट्रपति मैक्रॉन ने कहा, “फ्रांस आने का मतलब उत्कृष्टता की तलाश करना है”! मैक्रॉन ने साझा किया कि ‘क्यू.एस. रैंकिंग’ (Q.S) में फ्रांस के 35 विश्वविद्यालय हैं और ‘टाइम्स’ पत्रिका की सर्वोच्च शिक्षा रैंकिंग में लगभग 15 विश्वविद्यालय हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 जुलाई, 2023 को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में पेरिस का दौरा किया था। इमानुएल मैक्रॉन 25 जनवरी को जयपुर पहुंचे, जहां पीएम मोदी ने उनका स्वागत किया व उन्हें ‘अयोध्या के राम मंदिर’ की प्रतिकृति उपहार में दी। दोनों नेताओं ने ‘चाय पर चर्चा’ की तथा सुरक्षा, व्यापार, रक्षा और स्वच्छ ऊर्जा में रणनीतिक सहयोग को और मज़बूत करने पर बातचीत की। ‘राफेल फाइटर विमान’ आज भारतीय वायु सेना (आईएएफ) में शामिल होने से एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिसने भारतीय रक्षा बलों की क्षमताओं को मज़बूत किया है। निश्चित रूप से यह हर तरह से ‘गेम चेंजर’ है। भारतीय वायु सेना में राफेल विमान का मतलब है, भारत का उन देशों के बीच प्रमुख स्थान हासिल करना जो बेहतर लड़ाकू विमानों का दावा करते हैं।
पाकिस्तान और कई अन्य दक्षिण एशियाई देशों की वायु शक्ति के साथ तुलना करने पर, ‘राफेल’ ने भारत की क्षमता को काफी ऊपर उठा दिया है। फ्लाईपास्ट में भारतीय वायुसेना ने ‘राफेल’ विमान उड़ाए। गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस के एक खास बैंड और सेना की टुकड़ी ने हिस्सा लिया। ‘राफेल’ को चुनौती देने के लिए दो F16 को एक साथ मिलना पड़ता है! चूंकि अमेरिकी जेट के पास बेहतर रडार और मिसाइलें हैं, इसलिए पाकिस्तान में F16 में से एक से लड़ने के लिए दो ‘Su 30MKI’ को जोड़ने की ज़रूरत है। अंतत: आशा की जाती है कि भारत आने वाले वर्षों में ‘विश्व राष्ट्रों के समुदाय का नेतृत्व करेगा’। जहां तक फ्रांसीसी राष्ट्रपति की बात है, मैं कहना चाहती हूं, “जे तै-मे राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन” (“Je t’aime Président Emmanuel Macron”/ I Love You President Emanuel Macron!) मैं आपसे प्यार करती हूँ राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन)! भारत लोकतांत्रिक गणराज्य की संवैधानिक गारंटी को बनाए रखने के लिए ज़ोरदार उदाहरणार्थ रहेगा। बधाई हो भारत! जय हिन्द!
प्रो: नीलम महाजन सिंह
(वरिष्ठ पत्रकार, राजनैतिक विश्लेषक, दूरदर्शन व्यक्तित्व, सॉलिसिटर फॉर ह्यूमन राइट्स संरक्षण व परोपकारक)