महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के नेतृत्व में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई “माँ बगलामुखी” की जयंती

The birth anniversary of "Maa Baglamukhi" was celebrated with enthusiasm under the leadership of Mahamandaleshwar Yati Narasimhanand Giri Maharaj

दीपक कुमार त्यागी

  • माँ बगलामुखी और महादेव की शरण में आकर ही सनातन धर्म और सम्पूर्ण मानवता की रक्षा का लक्ष्य सम्भव – महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी
  • शिवशक्ति धाम डासना के यति सन्यासी सम्पूर्ण विश्व को माँ बगलामुखी और महादेव के यज्ञ से पवित्र करेंगे – महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी

गाजियाबाद : विश्व प्रसिद्ध शिवशक्ति धाम डासना में आज महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी के नेतृत्व में माँ बगलामुखी की जयंती बहुत ही हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ मनाई गई। इस पावन पर्व के अवसर पर माँ बगलामुखी जयंती का शुभारंभ पारदेश्वर महादेव पर रुद्राभिषेक के साथ आरम्भ हुआ, सनातन धर्म के विधि विधान के साथ रुद्राभिषेक के संपन्न होने के बाद माँ बगलामुखी और महादेव का दिव्य महायज्ञ आरम्भ हुआ। आज महायज्ञ के मुख्य यजमान पंडित गंगाशरण शर्मा व उनकी धर्मपत्नी शशि शर्मा रही। इस दिव्य महायज्ञ में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लेकर माँ बगलामुखी और महादेव से सनातन धर्म की रक्षा की प्रार्थना की। इस अवसर पर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज व सनोज शास्त्री ने महायज्ञ की पूर्णाहुति सम्पन्न करवाई। आज के इस महायज्ञ के आयोजन में मुख्य भूमिका डॉक्टर उदिता त्यागी, हरिनारायण सारस्वत, अनिल यादव, शशि चौहान व बृजमोहन सिंह आदि की रही। आज के महायज्ञ के आचार्य पंडित सनोज शास्त्री थे।

माँ बगलामुखी जयंती के अवसर पर माँ बगलामुखी की शक्तियों के विषय मे बताते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने बताया कि भक्तगणों के लिये माँ बगलामुखी व महादेव का यह महायज्ञ कल्प वृक्ष के समान है यह महायज्ञ उनकी सभी सात्विक मनोकामनाओं की पूर्ति करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म मे माँ बगलामुखी को श्री, विजय और सद्बुद्धि की देवी माना जाता है। महादेव के साथ इनकी साधना से मनुष्य अपने हर तरह के शत्रुओं को पराजित करने योग्य बनता है और सद्बुद्धि, ऐश्वर्य, शक्ति और दीर्घायु सहित विजय को प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम इस पृथ्वी पर पहले साधक थे जिन्होंने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना करके दिव्य अलौकिक शक्तियां प्राप्त की। भगवान परशुराम ने माँ बगलामुखी साधना का रहस्य भगवान श्रीराम, योगेश्वर श्रीकृष्ण सहित पितामह भीष्म, आचार्य द्रोण व दानवीर कर्ण जैसे महान योद्धाओ को बताया। महापराक्रमी इंद्रजीत मेघनाथ सहित दशानन रावण और कुम्भकर्ण भी माँ बगलामुखी और महादेव के ही उपासक थे। सतयुग से लेकर कलयुग तक सभी सनातन धर्म के प्रमुख योद्धाओ ने माँ बगलामुखी और महादेव की साधना और भक्ति से ही स्वयंम को महान बनाया है।

उन्होंने यह भी कहा कि आज सनातन धर्म जिस तरह के संकट का सामना कर रहा है, उस संकट को आध्यात्मिक ऊर्जा के बिना समाप्त नहीं किया जा सकेगा। आज सनातन धर्म के मानने वालों को ऐसी ऊर्जा माँ बगलामुखी और महादेव की साधना से ही मिल सकती है।

महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि अब सभी हिन्दुओं को अपने हर तरह के व्यक्तिगत, जातिगत, संस्थागत, दलगत तथा राजनैतिक स्वार्थों और मतभेदों को भुलाकर सनातन धर्म की रक्षा के महायज्ञ अभियान में सम्मिलित होना चाहिये। हम सभी को समझना ही पड़ेगा कि सनातन धर्म की रक्षा से ही अब देश व दुनिया में मानवता की रक्षा होगी और मानवता की रक्षा से ही हम सबका अस्तित्व बचेगा। उन्होंने सभी हिन्दुओ से इस महान अभियान में तन, मन और धन से साथ देने और सहयोग करने का आह्वान किया। माँ बगलामुखी की जयंती पर यति निर्भयानंद व यति रणसिंहनन्द ने संकल्प लिया कि वो माँ बगलामुखी व महादेव के महायज्ञ के द्वारा सम्पूर्ण विश्व को पवित्र करेंगे।

आज महायज्ञ में सारस्वत ब्राह्मण सभा के महामंत्री हरिनारायण सारस्वत, जे पी कौशिक, अनिल राय दुबे, अनूप अहलूवालिया, आनंद त्यागी, अरविंद तिवारी, विष्णु कुमार शुक्ला, राजीव अग्रवाल, अंकित वर्मा, अंकुर जावला आदि भक्तगणों ने भाग लिया।