गोपेन्द्र नाथ भट्ट
18 वीं लोकसभा के गठन के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश में सात चरणों में कराये जा रहे चुनावों की अब केवल दो चरणों के चुनाव होने बाकी है। इनमें छठे चरण का चुनाव 25 मई और सातवें एवं अंतिम चरण का चुनाव 1 जून को होगा और इसी दिन शाम 6 बजे बाद एक्जिट पोल के परिणामों की बाढ़ आने वाली है । वैसे ओपचारिक रूप से 4 जून को ईवीएम पर मतगणना पूरी होने के बाद ही चुनाव परिणाम घोषित होंगे।
चुनाव परिणाम से पहले निर्वाचन आयोग की अंकुश के बावजूद फलोदी का सट्टा बाजार और अन्य स्त्रोत चुनाव परिणामों का अंदाजा लगाने और अपनी राय रखने से नही चूक रहे हैं । इनमें प्रख्यात चुनाव विशेषज्ञ प्रशांत किशोर भी शामिल है जिन्होंने देश के एक बड़े न्यूज चैनल पर अपना आंकलन रखा है। इस आंकलन के अनुसार उन्होंने कमोबेश वही चुनाव परिणाम आने की बात कही है जो पिछले 2019 में आए थे। अलबत्ता उन्होंने उत्तर भारत में कांग्रेस और प्रतिपक्ष के दलों की कुछ सीटे बढ़ने तथा पूर्वी एवं दक्षिणी प्रदेशों में भाजपा को लाभ होने का अनुमान भी लगाया हैं।
देश में लोकसभा की कुल 543 सीटें हैं। जिनमें 412 सामान्य सीटें हैं जबकि 84 अनुसूचित जाति एवं 47 अनूसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व सीटें हैं । लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102, दूसरे चरण में 89, तीसरे चरण में 94, चौथे चरण में 96 और पांचवें चरण में 49 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुका है। ऐसे में अगर देखा जाए तो देश में आम चुनाव का काफी कुछ सफर समाप्त हो गया है और 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में से 26 राज्यों में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब छठे चरण में 7 राज्यों की 57 और सातवें चरण में 8 प्रदेशों की 57 लोकसभा सीटों पर मतदान होना बाकी है। जिनमें छठे चरण के बाद 2 और प्रदेशों में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी और इसके बाद सातवें और अंतिम चरण में एक जून को 8 प्रदेशों की 57 लोकसभा सीटों पर मतदान होने के साथ ही देश के सभी 36 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में लोकतंत्र का यह महोत्सव सम्पन्न हो जाएगा। फिर इंतजार रहेगा चार जून को चुनाव परिणामों का तथा आगामी 16 जून को 17 वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने से पहले नई सरकार के गठन का मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा।
छठे चरण के चुनाव में साथ जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में स्थगित हुआ चुनाव भी होगा। इस तरह इस चरण में 58 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में 8 राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों के 889 उम्मीदवारो के भाग्य का फैसला होगा। इनमें जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में स्थगित हुए चुनाव के लिए लड़ने वाले 20 उम्मीदवार भी शामिल होंगे। इस चरण में 7 राज्यों और एक केन्द्र-शासित प्रदेश की 57 संसदीय क्षेत्रों के लिए होने वाले मतदान हेतु कुल 1978 नामांकन-पत्र दाखिल किए गए थे। सभी 07 राज्यों एवं एक केन्द्र-शासित प्रदेश (जम्मू-कश्मीर के संसदीय क्षेत्र अनंतनाग-राजौरी में स्थगित हुए मतदान को छोड़कर) के लिए छठे चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 06 मई, 2024 थी जिसमें दाखिल किए गए सभी नामांकनों की जांच के बाद, 900 नामांकन वैध पाए गए। इसी प्रकार अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में तीसरे चरण में कुल 28 नामांकन दाखिल किए गए थे और 21 नामांकन वैध पाए गए थे।
छठे चरण में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव होने है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की 14, बिहार की 8, हरियाणा की 10, झारखंड की 4, ओडिशा की 6 और पश्चिम बंगाल की 8 लोकसभा सीटों पर भी चुनाव होंगे। इसके साथ ही जम्मू एवं कश्मीर की 1 लोकसभा सीट अनंतनाग-राजौरी में भी तीसरे चरण के दौरान स्थगित हुआ मतदान छठे चरण में ही होगा।
छठे चरण में, उत्तर प्रदेश के 14 संसदीय क्षेत्रों में सबसे अधिक 470 नामांकन-पत्र दाखिल किए गए। इसके बाद, हरियाणा के 10 संसदीय क्षेत्रों में 370 नामांकन-पत्र दाखिल हुए है। झारखंड के रांची संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 70 नामांकन-पत्र दाखिल किए गए। इसके बाद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में 69 नामांकन-पत्र दाखिल हुए है। छठे चरण के लिए एक संसदीय क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संख्या 15 है।
इधर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों विभिन्न टीवी चैनल्स और मीडिया समूहों को लगातार इंटरव्यू दे कर कांग्रेस सहित इंडी में शामिल दलों पर तगड़ा प्रहार कर रहे है तथा उन्हें घोर सांप्रदायिक वादी,परिवार वादी और भ्रष्टाचार में लिप्त दोगले चेहरे एवं चरित्र वाले नेता बता रहे है।साथ ही दृढ़ता के साथ कह रहे है कि भाजपा कभी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं करेगी क्योंकि हमारा एक ही नारा है कि सबका साथ, सबका विकास। गरीबों की सेवा चाहे वह किसी भी धर्म अथवा समुदाय का हो उनका कल्याण हमारी पहली प्राथमिकता हैं।
उधर प्रधानमंत्री के चाणक्य केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह,भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा,अन्य केंद्रीय मंत्री और नेताओं के साथ भाजपा के मुख्यमंत्री तथा एनडीए के नेता गण भी प्रचार अभियान को सिरे पर चढ़ाने में पीछे नहीं हैं । राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को देश के विभिन्न प्रदेशों में बड़ी संख्या में रहने वाले प्रवासी राजस्थानियों और प्रभावशाली मारवाड़ियों को साधने में लगा रखा है। सोमवार को रात्री शर्मा ने दक्षिणी दिल्ली की भाजपा प्रत्याक्षी बांसुरी स्वराज के पक्ष में प्रचार किया।
उधर कांग्रेस के नेता सोनिया गांधी,मलिकार्जुन खड़गे,राहुल गांधी,प्रियंका गांधी, ममता बनर्जी,शरद पंवार,उद्धव ठाकरे,अखिलेश यादव और दक्षिण के नेता भी अपनी पूरी ताकत झोंक भाजपा और एनडीए दलों को पटकनी देने के लिए लगा रहे है।
इस बार आग उगल रहे सूरज के साथ हो रहे लोकसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठता है और प्यासे लोगो की मृगतृष्णा किस प्रकार पूरी होती है, यह देखना दिलचस्प होगा?