विनोद कुमार सिंह
जागरूक मतदाता की पहचान, उंगली पे हो स्याही के निशान आपने उंगली पर लगवाई चमत्कारी स्याही के निशान, प्रजातंत्र की है यह प्राण
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में भारत में राष्ट्रीय महापर्व के रूप लोकसभा साधारण चुनाव 24 के छठे चरण के पूरे होने के बाद अन्तिम सातवें चरण पहुँच गया है।आजकल आप को सभी ओर एक फोटो दिख रहा है।चाहे आम आदमी हो या खास,मंत्री हो या संतरी,जवान – बुर्जग,अमीर हो या गरीब,सभी लोग लोकतंत्र के महायज्ञ में अपनी मतदान की आहुति डाल दिया है।इसका सबसे बड़ा प्रमाण उनके बाये हाथ के तर्जनी उंगली पर लगी स्याही के निशान है।जिससे इन दिनों सभी लोग-फोटो,शोसल मीडिया पर तेजी से शेयर कर यह बताने की कोशिस कर रहा है कि चुनाव में उन्हे अपना वोट दे दिया है,आपने भी अपना मतदान कर दिया होगा या सातवे चरण में करने वाले होगे। जागरूक मतदाता की पहचान,उंगली पे हो स्याही के निशानआपने उंगली पर लगवाई चमत्कारी स्याही के निशान ,प्रजातंत्र की है यह प्राण
आज हम आप के समक्ष चुनाव आयोग द्वारा मतदान केंद्र में मतदाताओं को वोट देने से पूर्व उनके बाये हाथ की एक उंगली पर स्याही का निशान जाता है। उस स्याही के बारे में बताने जा रहे है।वह कोई साधारण स्याही नहीं है,बल्कि चमत्कारी स्याही है।इस स्याही का निशान केवल भारत में ही नहीं लगाया जाता बल्कि दुनिया के कई अनेक देशों के चुनाव में इसी स्याही का निशान लगाया जाता है।विश्व के कई देशों भारत से ही निर्यात की जाती है।
आपकी तर्जनी उंगली पर स्याही लगाने का सीधा अर्थ होता है कि आपने अपना वोट डाल दिया है। यह स्याही ऐसी होती है कि उसका निशान मिटाया नहीं जा सकता है।प्रारम्भ मे स्याही बैगली रंग की दिखती है,जो कुछ समय साथ ही यह काली पड़ जाती है। इसे इंडेलिबल इंक के नाम से जाना जाता है।
आपके मन में सवाल उठना स्वाभाविक है किbआखरिकार यह स्याही बनती कहां है।तो मै आप को स्पष्ट कर दुँ कि तेलंगाना के हैदराबाद की रायुडू लेबोरेटरी व कर्नाटक के मैसूर के मैसूर पेंट्स और वार्निश लिमिटेड कंपनी में इसका उत्पादन किया जाता है।मैसूर पेंट्स और वार्निश लिमिटेड में बनी स्याही का इस्तेमाल भारत का चुनाव आयोग करता है जबकि रायुडू लेबोरेटरी में बनी स्याही दुनिया के दूसरे देशों में भेजी जाती है।दुनिया के कऱीब 90 देशों में इस स्याही का इस्तेमाल होता है। इसमें से 30 देशों में स्याही की आपूर्ति मैसूर पेंट्स और वार्निश लिमिटेड कंपनी भी करती है।शुरुआती दिनों में इस स्याही को छोटी बोतलों में भरकर निर्यात किया जाता था।रायुडू लेबोरेटरी के सीईओ शशांक रायुडू के मुताबिक़ आधुनिकतम तकनीकों के चलते 2014 के बाद से इस अमिट स्याही से बने मार्कर का निर्यात किया जा रहा है। चुनाव के दौरान बैंगनी रंग की इस स्याही को बाएं हाथ की तर्जनी पर लगाया जाता है।चुनावी स्याही में 10 से 18 प्रतिशत मात्रा सिल्वर नाइट्रेट केमिकल की होती है।जब चुनाव अधिकारी इसे उंगली पर लगाता है तो यह हमारे शरीर में मौजूद नमक के साथ प्रतिक्रिया कर के सिल्वर क्लोराइड बनाता है।चूंकि सिल्वर क्लोराइड पानी में घुलता नहीं है तो यह हमारी त्वचा से जुड़ा रह जाता है। उंगली पर लगने के सेकेंड भर बाद ही यह अपना निशान बना लेता है और 40 सेकेंड में पूरी तरह सूख भी जाता है।खास बात यह है कि पानी के संपर्क में आने के बाद इसका रंग काला हो जाता है। आप चाहे जितना भी साबुन, पाउडर या तेल रगड़ लें,ये छूटेगा नहीं। इसका निशान कम-से-कम 72 घंटे तक त्वचा से मिटाया नहीं जा सकता।
चुनाव आयोग के मुताबिक़ 2014 के आम चुनाव के दौरान 21 लाख बॉटल स्याही का ऑर्डर दिया गया था,जो 2019 के आम चुनावों में बढ़कर 26 लाख तक पहुंच गया था।इसका इस्तेमाल 1960 के दशक से हो रहा है। चुनाव आयोग की ओर से मार्च 2015 में जारी हुए एक आदेश के मुताबिक़ स्याही बाएं हाथ की तर्जनी उंगली के नाखून के आखऱिी सिरे से प्रथम जोड़ के नीचे तक ब्रश से लगाई जाएगी।जिस ब्रश से यह स्याही लगाई जाती है,उसका निर्माण भी मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड ही करता है।लोकसभा साधरण चुनाव 24 के छठे चरण में एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैने भी प्रजातंत्र के महायज्ञ में आहुति के रूप अपना दक्षिणी दिल्ली स्थित एक मतदान केन्द्र में अपना मतदान करने स्वर्णिम अवसर प्राप्त हुआ।वही पोलिंग बूथ के मतदान अधिकारी जो ईवीएम कंट्रोल यूनिट के प्रभारी होते हैं, उनका काम यह सुनिश्चित करना होता है कि कंट्रोल बैलेट का बटन दबाने से पहले मतदाता(मुझे)मेरे बायें हाथ की तर्जनी उंगली पर स्याही का निशान पूरी तरह से लगाई गयी।जो आप के उंगली लगाई हो,जब आप अपना मतदान करेंगे तो लगाई जायेगी।एक सवाल यह भी उठता है कि अगर किसी मतदाता के हाथ पर पिछले चुनाव की स्याही का निशान लगा हो तो स्याही कहां लगाई जाएगी।इस सवाल का जवाब चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को मार्च 2021 में लिखे एक पत्र में दिया है।
आयोग ने इस पत्र में लिखा है, बाएं हाथ की तर्जनी पर अगर पिछले चुनाव की स्याही लगी हो और उसके निशान दिख रहे हों तो स्याही बाएं हाथ की तर्जनी की जगह मध्यमा या बीच की उंगली में लगाई जाएगी।चुनाव आयोग का कहना है कि अगर स्याही मध्यमा पर भी लगी हो तो अनामिका उंगली में लगाई जाएगी।इसके लिए ज़रूरी है कि वर्तमान चुनाव और पूर्व चुनाव के बीच का अंतर दो महीने से अधिक का न हो।अब आप जरूर समझ गये होंगे। भारतीय लोकतंत्र के इस महापर्व के सातवें व अन्तिम चरण 1 जुन व 4 जुन 24 को ईवीएम मशीन में डाले गए मत के नतीजे घोषित किये जायेंगें।जिनका सभी भारतीय व विदेशी राजनीतिक पंडितयों को इंतजार है।फिलहाल आप सभी से यह कहते हुए विदा लेते है कि ना ही काहुँ से दोस्ती,ना ही काहुँ से बैर।खबरीलाल तो माँगे सबकी खैर॥ फिर मिलेगें,तिरक्षी नजर से तीखी खबर के संग।तब तक के लिए अलविदा।