गोपेन्द्र नाथ भट्ट
लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी चरण का चुनावी अभियान गुरुवार को शाम थम गया। अब 1 जून को सातवें चरण का मतदान होगा। इस चरण में आठ राज्यों की 57 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। इसी के साथ सातों चरण के चुनाव संपन्न हो जाएंगे। आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाराणसी सीट भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी के लोगों से बड़ी संख्या में मतदान की अपील की है। उन्होंने अपने एक संदेश में कहा, “मुझे याद है, मेरे नामांकन वाले दिन युवा पीढ़ी बहुत उत्साहित थी। अब यही उत्साह हर बूथ पर दिखे, मेरा यही आग्रह है। अब काशी के विकास को नई ऊंचाई देने का अवसर है, ये तभी हो पाएगा जब काशी के लोग 1 जून को अधिक से अधिक मतदान करेंगे। काशी के युवा, नारी शक्ति और किसानों से विशेष आग्रह है। आप लोगों का एक-एक वोट मेरी शक्ति को बढ़ाएगा, मुझे नई ऊर्जा देगा। आप लोगों को याद रखना है कि पहले मतदान फिर जलपान।”
लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को आठ प्रदेशों की कुल 57 सीटों पर वोटिंग होगी। प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा चुनाव में अपने प्रचार अभियान को खत्म करके कन्याकुमारी पहुंच गए हैं। वह वहां स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए गए विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान लगाएंगे। जहां पर वह 30 मई की शाम से लेकर 1 जून की शाम तक साधना में रहेंगे। कांग्रेस ने इस बात को लेकर चुनाव आयोग के पास शिकायत की है और इसे चुनावी स्टंट बताया है। 1 जून के बाद देश को अब 4 जून का इंतजार होगा। जब इन चुनावों के नतीजे सामने आएंगे और यह पता चलेगा कि आखिर कौन अगले 5 साल तक दिल्ली की गद्दी पर बैठेंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बाबा विश्वनाथ की शरण में हैं।
सातवें चरण में पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब और हिमाचल प्रदेश की 57 लोकसभा सीटों पर मतदान होना हैं। प्रचार केआखिरी दिन भी राजनैतिक बयान बाजी का दौर जारी रहा।
पश्चिम बंगाल में आखिरी चरण का रण भीषण हो चला है। नौ सीटों पर हो रही जंग में बीजेपी और टीएमसी हर दांव आज़मा रहे हैं। टीएमसी का गढ़ माने जाने वाला यह इलाक़ा बीजेपी के लिये भी इस बार नाक का सवाल बन गया है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने आख़िरी चरण में इस इलाक़े में आकर साफ़ संदेश दिया है कि मिशन बंगाल फ़तह करने के लिए शहरी इलाक़ों की यह सीटें बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के साथ ही जिन अन्य महत्वपूर्ण लोकसभा सीटों पर तगड़ी टक्कर है उनमें पश्चिम बंगाल की डायमंड हार्बर सीट, जहां से ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी मैदान में हैं और बिहार की पाटलिपुत्र सीट भी शामिल है, जहां से लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती चुनाव मैदान में हैं शामिल हैं। इस बीच अंतिम चरण का प्रचार थमने से पहले बाकी बचे घंटों में प्रचार को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा और कांग्रेस ने अपने सभी स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार रखा था। अंतिम चरण का यह चुनाव वैसे भी भाजपा की अगुवाई वाले राजग गठबंधन और कांग्रेस के नेतृत्व वाले आईएनडीआईए, दोनों के लिए ही काफी अहम है।
पिछले आम चुनाव 2019 में आठ राज्यों की इन 57 सीटों में एनडीए ने 32 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि तत्कालीन यूपीए ने नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी। बाकी सीटों पर दूसरे दलों ने विजय हासिल की थी। फिलहाल, दोनों ही गठबंधन इस बार अपनी जीत के आंकड़े को बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए है। हालांकि, इस बार सबसे रोचक चुनावी मुकाबला पंजाब में देखने को मिल रहा है, जहां चार प्रमुख दल यानी आप, भाजपा, कांग्रेस व अकाली दल मैदान में हैं। सभी इस बार अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
उधर, छह चरणों का चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने के बाद निर्वाचन आयोग का पूरा जोर सातवें चरण के चुनाव को भी शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने को लेकर है। इसे लेकर वह पूरी ताकत से जुटा हुआ है।
आयोग इस दौरान हर दिन की चुनावी गतिविधियों पर पूरी नजर रख रहा है। साथ ही चुनाव के दौरान फैलाए जाने वाले दुष्प्रचारों को लेकर न सिर्फ सतर्क है बल्कि ऐसे झूठ की तुरंत हकीकत भी सामने ला रहा है। आयोग ने पर्यवेक्षकों को भी अतिरिक्त सतर्क रहने का सुझाव दिया है।
उल्लेखनीय है कि पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल, दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल, तीसरे चरण के सात मई को, चौथे चरण के लिए 13 मई को, पांचवें चरण के लिए 20 मई को और छठे चरण के लिए मतदान 25 मई को हुआ था। चुनाव परिणाम 4 जून को आयेंगे जिससे 18 वीं लोकसभा के गठन का मार्ग प्रशस्त होगा।
अंतिम चरण के मतदान के बाद अब यह देखना शेष रह जाएगा कि भारत की जनता अगली लोकसभा के लिए किस पार्टी के किस उम्मीदवार की तकदीर लिखने जा रही है?