प्रदेश के जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए चलेगा विशेष अभियान

Special campaign will be run for conservation and revitalization of water sources of the state

रविवार दिल्ली नेटवर्क

भोपाल : प्रदेश के सभी जिलों में जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए 5 जून से 16 जून तक विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। इस अभियान का संचालन ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नगरीय क्षेत्रों में नगरीय विकास एवं आवास विभाग करेगा।

अभियान के सफल व सुचारू संचालन के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव श्री नीरज मंडलोई द्वारा राज्य के सभी कलेक्टरों को संयुक्त दिशा-निर्देश‌जारी किए गए हैं। निर्देशों में कलेक्टरों से कहा गया है कि अभियान के दौरान जल संरचनाओं के उन्नयन कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर कराये जाए। जल संरचनाओं से मिलने वाले गंदे पानी के नाले अथवा नालियों को डायवर्सन के उपरांत शोधित कर जल संरचना में छोड़ा जाए। जल संरचनाओं को व्यवसाय व रोजगार मूलक बनाने के उद्देश्य से पर्यटन, मत्स्य पालन, सिंघाड़े का उत्पादन जैसी संभावनाओं का स्पष्टतः निर्धारण कर लिया जाए। चिन्हित जल संरचनाओं की मोबाइल ऐप से जियो टैगिंग भी की जाएगी। जल संग्रहण संरचना से निकाली गई मिट्टी एवं खाद का उपयोग स्थानीय कृषकों के खेतों में किए जाने को प्राथमिकता दी जाये। जल संरचनाओं के किनारे पर यथा संभव बफर जोन तैयार किए जाएंगे। इस जोन में अतिक्रमण से बचाने एवं नदी तालाबों के कटावों को रोकने के लिए हरित क्षेत्र पार्क का विकास जैसे कार्य किए जाएंगे। नगरीय क्षेत्र में जल संरचनाओं के जल की गुणवत्ता की जांच भी की जाएगी। जन-जागरूकता के उद्देश्य से 6 जून को प्रत्येक नगरीय निकाय में जल सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। 8 जून को जन भागीदारी से श्रमदान कर जल संरचनाओं की साफ सफाई की जाएगी। 9 जून को जल संरचनाओं के समीप कलश यात्रा का आयोजन किया जाएगा साथ ही 9 जून को ही जल संरक्षण विषय पर निबंध, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय छात्र-छात्राएं सहभागिता करेंगे। 10 से 16 जून तक योजनानुसार जीर्णोद्धार के साथ-साथ जल संरचनाओं की साफ-सफाई भी होगी। 15 व 16 जून को गंगा दशमी के अवसर पर प्रमुख जल स्रोतों के किनारे सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत गंगा आरती, भजन समारोह इत्यादि आयोजित किये जायेंगें। यह भी निर्देशित किया गया है कि जल स्रोतों के संरक्षण, जीर्णोद्धार व उन्नयन कार्यक्रम की मॉनिटरिंग प्रतिदिन की जायेगी। इस अभियान के दौरान नगरीय क्षेत्रों में निवासरत नागरिकों को रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के उपयोग के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।