भारतीय रेलवे ने “हमारी भूमि, हमारा भविष्य” के अनुरूप मनाया विश्व पर्यावरण दिवस

Indian Railways celebrated World Environment Day in line with “Our Land, Our Future”

रविवार दिल्ली नेटवर्क

भारतीय रेलवे ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्व पर्यावरण दिवस मनाया, जो इस वर्ष के विश्व पर्यावरण दिवस के विषय “हमारी भूमि, हमारा भविष्य” के अनुरूप है। विश्व पर्यावरण दिवस 2024 का‍ विषय भूमि बहाल करना, मरुस्थलीकरण को रोकना और सूखे से निपटने के उपायों पर केंद्रित है। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ श्रीमती जया वर्मा सिन्हा और रेलवे बोर्ड के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की इस कार्यक्रम में गरिमामयी उपस्थित रही। रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ ने रेलवे अधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।

भारतीय रेलवे इस वर्ष, जून महीने के दौरान पर्यावरण पर व्यवहार संबंधी परिवर्तन के प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए और ‘मिशन लाइफ’ से लोगों को जोड़ने के उद्देश्‍य से प्रमुख आउटरीच और जागरूकता संबंधी गतिविधियों का भी आयोजन कर रही है। भारतीय रेलवे में अब तक 249 जागरूकता और 147 कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें 4921 प्रतिभागियों ने भाग लिया है। रेलवे ने कुल 4395 ‘मिशन लाइफ’ शपथ भी दिलाई हैं।

रेलवे पर्यावरण अनुकूल परिवहन का एक बड़ा साधन है। पर्यावरण संरक्षण के लिए य‍ह लगातार ऐसी पहल कर रहा है जिसका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिनमें प्रदूषण/जीएचजी उत्सर्जन को कम करना, संसाधनों और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना और स्थिरता में योगदान देना शामिल हैं। सतत प्रयास के लिए रेलवे द्वारा की गई कुछ प्रमुख नीतिगत पहल इस प्रकार हैं:

भारतीय रेलवे ने अप्रैल 2024 तक 63,456 रूट किलोमीटर (आरकेएम) का विद्युतीकरण किया है, जो भारतीय रेलवे के कुल ब्रॉड-गेज नेटवर्क का 96 प्रतिशत से अधिक है।

कुल 2637 स्टेशनों और सेवा भवनों में सौर रूफटॉप संयंत्र लगाए गए हैं, जिनकी कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 177 मेगावाट है।

रेलवे स्टेशनों और अन्य भवनों के पुनर्विकास के लिए ऊर्जा दक्षता दिशा-निर्देशों को सुपर-ईसीबीसी अनुपालन के साथ जारी किया गया है। इन सुपर ईसीबीसी दिशा-निर्देशों को जलवायु अनुकूल भवन डिजाइन और ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से ऊर्जा की मांग को कम करने के लक्ष्य के साथ विकसित किया गया है।

प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए भारतीय रेलवे ने पर्यावरण प्रबंधन योजना के रूप में दिशा-निर्देश प्रदान किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का क्षेत्रीय रेलवे में अनुपालन किया जाएगा, ताकि आस-पास के क्षेत्रों में निर्माण के प्रभाव को कम किया जा सके।
नीतिगत पहल के रूप में, भारतीय रेल ने अपने मालभाड़ा ग्राहकों के लिए कार्बन सेविंग पॉइंट्स आवंटित करने की अवधारणा शुरू की है, जिन्हें “रेल ग्रीन पॉइंट्स” कहा जाता है, जो कार्बन उत्सर्जन की अपेक्षित बचत का विवरण देते हैं। पर्यावरणीय प्रभाव का सृजन करने में ग्राहकों की भागीदारी की यह पहल भविष्य में रेल द्वारा अधिक से अधिक परिवहन प्रेरित करेगी।

भारतीय रेलवे ने व्यापक अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों को लागू किया है जो रीसाइक्लिंग, न्‍यूनीकरण और इसके जिम्मेदार निपटान पर जोर देती है। हरित क्षेत्र का निर्माण, खतरनाक अपशिष्ट पदार्थों का उचित निपटान और जलवाही स्‍तर को रिचार्ज करने से भूक्षरण को रोका जा सकता है।

भारतीय रेलवे ने अपनी उत्पादन प्रक्रिया में ऊर्जा दक्षता के लिए कुछ बड़े कदम उठाए हैं। वर्तमान में सभी 8 इकाइयां और 44 कार्यशालाएं आईएसओ-50001 प्रमाणित हैं, जो ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के प्रति रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए लगभग 700 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को आईएसओ 14001 प्रमाणित किया गया है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे ने लगभग 65 अपशिष्ट उपचार संयंत्र, 86 जल रीसाइक्लिंग संयंत्र, 90 सीवेज उपचार संयंत्र, 18 अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र, 186 अपशिष्ट से खाद और 32 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र स्थापित किए हैं। लगभग 208 स्टेशनों में कम्पोस्ट खाद बनाने वाले संयंत्र हैं और 193 रेलवे स्टेशनों पर सामग्री रिकवरी सुविधाएं उपलब्‍ध हैं।
प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर लगभग 826 प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीनें लगाई गई हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के एक हिस्‍से के रूप में, भारतीय रेलवे ने स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए कई पहल की हैं:
भारतीय रेलवे ने अपने सभी कोचों में बायो-टॉयलेट लगाना सुनिश्चित किया है, जिससे ट्रेनों से मानव मल के सीधे डिस्‍चार्ज होने की समस्या समाप्‍त हो गई है। शौचालयों में पानी की खपत को कम करने के उद्देश्य से एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारतीय रेलवे ने नए कोचों में बायो-वैक्यूम शौचालय लगाना शुरू कर दिया है।

वर्ष 2023-24 में रेलवे द्वारा लगभग 76 लाख पौधे लगाए जाएंगे।