गोपेन्द्र नाथ भट्ट
सोनिया गांधी के कांग्रेस संसदीय दल और राहुल गांधी को लोकसभा में प्रतिपक्ष का नेता पद के लिए चुने जाने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में शनिवार को सियासी गतिविधियाँ अपने चरम पर रही।इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरे बार प्रधानमन्त्री के तौर पर शपथ ग्रहण को लेकर और उनके संभावित मंत्रिपरिषद को लेकर दिन भर कयासों का बाजार गर्म रहा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में रविवार को सायं राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के भव्य और ऐतिहासिक राष्ट्रपति भवन के खुले प्रांगण में एनडीए गठबन्धन की मोदी-03 मन्त्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए विशेष रुप से आमन्त्रित विदेशी मेहमानों का नई दिल्ली आगमन शुरू हो गया है। राष्ट्रपति भवन द्वारा कैबिनेट सचिवालय के सहयोग से इस बार भी भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को अन्तिम रुप दिया जा रहा है और सभी सांसदों और विशिष्ट अतिथियों तथा उनके परिवार जनों के लिए निमन्त्रण कार्ड भेजने का काम तेज गति से किया जा रहा है। समारोह के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। मोदी-03 मन्त्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में इस बार पिछलें दो शपथ ग्रहण समारोह की तुलना में अलग ही दृश्य देखने को मिलेंगे। इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) के साथ साथ एनडीए के सहयोगी दलों के सांसदों को पूर्व के मुकाबले अधिक संख्या में शपथ लेते देखा जा सकेगा। कई अप्रत्यक्षित नाम भी शपथ ग्रहण करते देखे जा सकते है। राजस्थान से भी इस बार कुछ नए चेहरों को मंत्री परिषद में देखा जा सकता है।इनमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सी पी जोशी के अलावा एक-एक सांसद मूल ओबीसी और जाट को भी अवसर मिल सकता है। वैसे एनडीए के सहयोगी दलों को एडजस्ट करने के लिए राजस्थान और उत्तर प्रदेश के सांसदों का प्रतिनिधित्व कम होने का अंदेशा है। राजस्थान से आम चुनाव में जीत कर आने वालों में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव,केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत तथा केन्द्रीय क़ानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आदि प्रमुख सांसद शामिल है।ओम बिरला तीसरी बार चुने गये है जबकि अर्जुन राम मेघवाल लगातार चौथी बार सांसद बने है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के पुत्र दुष्यन्त सिंह भी लगातार पाँचवीं बार झालावाड से चुनाव जीत प्रदेश में सबसे सीनियर सांसद हो गये है। सी पी जोशी, गजेन्द्र सिंह शेखावत एवं पी पी चौधरी आदि लगातार तीसरी बार चुनाव जीत कर आने वालों में हैं।इनके अलावा भागीरथ चौधरी दूसरी बार के सांसद है।इसी प्रकार राज्य सभा में भी घनश्याम तिवाड़ी आदि वरिष्ठ सांसद है। इनमें से किसे मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिलेगी ? इस पर से पर्दा रविवार को सवेरे तक ही उठेगा, जब प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू को मन्त्रिपरिषद की सूची सौपेंगे।साथ ही प्रधानमंत्री आवास एवं भाजपा के केंद्रीय कार्यालय से मंत्री बनने वाले सांसदों को सूचना दी जाएगी। इस बार सहयोगी दलों के भी शामिल होने से शायद पहले जैसी गोपनीयता नहीं रह पायेगी और विभिन्न स्रोतों से नाम छँट कर बाहर आने की संभावना है।
ऐसा माना जा रहा है कि गृह, वित्त, रक्षा और विदेश जैसे महत्वपूर्ण विभागों के अलावा शिक्षा और संस्कृति जैसे दो मजबूत वैचारिक पहलुओं वाले मंत्रालय इस बार भी भाजपा के पास ही रहेंगे,जबकि उसके सहयोगियों को पांच से आठ कैबिनेट पद मिल सकते हैं। भाजपा में पार्टी के भीतर जहां अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गड़करी जैसे नेताओं का नए मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा है, वहीं लोकसभा चुनाव जीतने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जैसे शिवराज सिंह चौहान, बसवराज बोम्मई, मनोहर लाल खट्टर और सर्बानंद सोनोवाल आदि भी सरकार एवं मंत्रिपरिषद में शामिल होने के प्रबल दावेदार है। इधर, सबकी निगाहें मोदी के मंत्रिमंडल में विभाग आवंटन पर भी हैं। बीजेपी लोकसभा चुनाव 2024 में 272 सीटों का पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रही हैं, इसलिए वह इस बार अपने राजग सहयोगियों, विशेष कर जेडीयू और टीडीपी के समर्थन से सरकार बनाएगी।भाजपा के प्रमुख सहयोगियों की नजर कैबिनेट में प्रमुख हिस्सेदारी पर है और प्रधानमन्त्री मोदी के लिए विभागों का आवंटन एक मुश्किल मिशन होगा। सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ से भाजपा के विजयी उम्मीदवार निवर्तमान केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के केंद्रीय रक्षा मंत्री बने रहने की संभावना है। इसी प्रकार एस जयशंकर के विदेश मंत्री और निर्मला सीतारमन के वित्त मंत्री बने रहने की संभावना है। इधर कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी सरकार में कृषि विभाग में रुचि रखती है। सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह के निवास पर देर रात तक चली बैठक में उच्च स्तर पर एनडीए सहयोगियों के कई नेताओं को महत्वपूर्ण विभाग देने पर विचार किया गया है।इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और संगठन मंत्री बी सन्तोष भी मौजूद रहें। बैठक में हुए विचार विमर्श और सिफ़ारिशों से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को भी अवगत कराने की बात सामने आ रही हैं। सहयोगियों से बात करने के विशेषाधिकार से अन्तिम निर्णय प्रधानमन्त्री मोदी को ही लेना हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी रविवार को सायं अपने मंत्री परिषद में शपथ लेने के लिए किन किन सांसदों और गैर सांसदों के नाम पुकारते हैं?