- मोदी 03 में भाजपा और एनडीए के सहयोगी दलों के 72 मंत्रियों ने शपथ ली, जंबो मंत्रिपरिषद का गठन
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
रविवार की उमस भरी शाम…राष्ट्रपति भवन के विशाल प्रांगण में जयपुर कॉलम के नीचे आठ हजार आमंत्रित अतिथियों के मध्य एक बार फिर से एक दमदार आवाज गूंजी “मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी….ईश्वर की शपथ लेता हूं” और भारत की राजनीति में एक नया इतिहास रच दिया गया। पहले तीन बार लगातार गुजरात का मुख्यमंत्री रहने और उसके बाद 2014 से अब तक लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बन कर नरेंद्र मोदी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के रिकार्ड की बराबरी की है। 73 वर्षीय मोदी पहली बार 2014 में प्रधानमंत्री बने और फिर 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बने। जवाहरलाल नेहरू के बाद वे लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। वे उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से लोकसभा के लिए तीसरी बार फिर से चुने गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारी करतल ध्वनि और मोदी-मोदी के नारे के मध्य निर्धारित समय पर शपथ ग्रहण के लिए राष्ट्रपति भवन में आए और वहां बनाए गए मंच पर चढ़ कर चहलकदमी करते हुए आगे बढ़े तथा उन्होंने देश विदेश से आए अतिथियों का शीश झुका कर अभिवादन किया। नीली जाकीट और सफेद कुर्ता एवं चूड़ीदार पजामा में चेहरे पर मुस्कराहट लिए मोदी का चेहरा आत्म विश्वास एवं जोश से भरा दिखाई दिया। वे शपथ लेने वाले मंत्रियों की कतार में पहले नंबर की कुर्सी पर राजनाथ सिंह की बगल में बैठे तथा राष्ट्रपति मुर्मू के आगमन तक राजनाथ सिंह से बतियाते दिखें। उसके बाद ठीक 7.15 बजे राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 72 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। प्रधानमंत्री मोदी की नई टीम में 30 कैबिनेट मंत्री,5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल किए गए हैं। मंत्रिमंडल में देश के 24 राज्यों के साथ-साथ सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व दिया गया है। जिसमें मंत्रालयों का नेतृत्व करने वाले रिकॉर्ड 18 वरिष्ठ मंत्री भी शामिल हैं। मंत्रिपरिषद में 11एनडीए सहयोगी दलों के मंत्री भी शामिल किए गए हैं। मोदी मंत्रिपरिषद में सभी सामाजिक समूहों 27 ओबीसी, 10 एससी, 5 एसटी, 5 अल्पसंख्यक को स्थान दिया गया है। मंत्रिपरिषद में कई पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल है तथा 43 मंत्री ऐसे है जो संसद में 3 या उससे अधिक कार्यकाल तक अपनी सेवाए दे चुके हैं। साथ ही 39 मंत्री ऐसे है जो पहले भी भारत सरकार में मंत्री रह चुके हैं। 34 मंत्री ऐसे भी है जो राज्य विधानसभाओं में अपनी सेवा दे चुके हैं तथा 23 राज्यों में मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं।
मोदी 03 मंत्रिपरिषद में कमोबेश टीडीपी और जेडीयू तथा एनडीए के सहयोगी दलों तथा कुछेक नए मंत्रियों को छोड़ कर 2019 में शपथ लेने वाले अधिकांश मंत्री शामिल थे। जिनमें राजनाथ सिंह,अमित शाह, नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण आदि प्रमुख थे। इस बार भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बतौर मोदी मंत्रिपरिषद के सदस्य शपथ ग्रहण की। हालांकि निवर्तमान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और नारायण राणे अजय भट्ट आदि शपथ लेते हुए नही देखे गए । दूसरी ओर बताते है कि प्रफुल पटेल ने राज्यमंत्री की शपथ लेने से इंकार कर दिया।प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार अपना जंबो मंत्रिपरिषद का गठन किया है जबकि 2014 में उन्होंने 46 और 2019 में 58 मंत्रियों को ही शपथ दिलाई थी।
लोकसभा आम चुनाव में भाजपा की अपेक्षा के अनुरूप उत्तरप्रदेश की तरह ही चुनाव परिणाम नही देने वाले राजस्थान से इस बार भी भूपेंद्र यादव,गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल के साथ एक नए चेहरे के रूप में अजमेर से दूसरी बार सांसद बने भागीरथ चौधरी को मोदी मंत्रि परिषद में शपथ दिलाई गई। इनसे पहले राजस्थान के कैलाश चौधरी मोदी मंत्रिपरिषद में कृषि राज्य मंत्री थे लेकिन इस बार वे सीमावर्ती बाड़मेर से सांसद का चुनाव हार गए।
शपथ ग्रहण समारोह में इस बार किंग मेकर की भूमिका में उभरे टीडीपी नेता चंद्र बाबू नायडू, जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ही पडौसू देशों के शासनाध्यक्ष, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र,मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी भी शामिल हुए। समारोह में ओम बिरला को लेकर भी चर्चा रही । विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि उन्हे पुनः लोकसभाध्यक्ष बनाया जा सकता है।समारोह में भाजपा के भावी अध्यक्ष का विषय भी काफी चर्चित रहा। जे पी नड्डा के केबिनेट मंत्री की शपथ लेने और अन्य चर्चित नामों शिवराज सिंह चौहान और भूपेंद्र यादव आदि के भी मंत्री बन जाने से अब किसे भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा यह चर्चा का विषय रहा क्योंकि नड्डा का कार्यकाल जून में ही समाप्त हो रहा है।
पीएम मोदी के शपथ समारोह में भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के शीर्ष नेताओं मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ इस समारोह में विशेष अतिथके रूप में मौजूद रहें।
इससे पहले प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी के एनडीए का नेता चुने जाने और उसके अमित शाह सीरेनी नेताओं पर हुई लम्बी बैठकों के कारण राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में सियासी घटनाक्रम तेजी से करवट लेता रहा और रविवार की सुबह होते होते मंत्री बनने वाले सांसदों को पीएम आवास और पार्टी कार्यालय से फोन किए जाने का सिलसिला शुरू हो गया और प्रातः साढ़े ग्यारह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित निवास पर सभी भावी मंत्रियों से चाय पर चर्चा की तथा उनके सामने 100 दिन का रोडमेप और भावी न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लागू करने के बारे में विस्तार से चर्चा की और सभी से बिना समय गंवाए सोमवार से ही अपने अपने कार्यभार संभाल कर काम शुरू करने की हिदायत दी।भाजपा पहली बार लोकसभा में अपने बलबूते पर बहुमत नहीं का पाई है और बहुमत से 32 सीटे दूर 240 सीटों पर ही अटक गई इसलिए अबकी बार प्रधानमंत्री मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार गठित करनी पड़ी है।
देखना है इस बार मोदी 03 सरकार में गठित जंबो मंत्रिपरिषद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अपेक्षाओं पर कितना अधिक खरा उतरता है?