रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : सभ्यता शुरू होने के बाद अब तक दुनिया भर में करीब 46% पेड़ काटे जा चुके हैं, दुनिया में प्रति 6 सेकेंड में एक फुटबॉल मैदान जितनी भूमि पर पेड़ों का कटाव हो रहा है, वृक्षों के कटान के कारण वर्ष 2022 में 2.28 करोड़ हेक्टेयर भूमि नष्ट हो गई। पेड़ सालाना वैश्विक उत्सर्जन का 30% हिस्सा अवशोषित करते हैं। स्थितियां यही रहीं तो वर्ष 2050 तक वन हानि में 3.5 से 4% तक वृद्धि हो जाएगी, इस समयावधि में पर्यावरण में 200 करोड़ टन ग्रीन हाउस गैसें भी बढ़ जायेगीं।
बढ़ते तापमान और प्रचंड गर्मीं के बीच ये पेड़ों की कटान को लेकर ये चेतवानी देने वाले आंकड़े प्रस्तुत कर पर्यावरण संरक्षण की अपील की हैं सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने। शनिवार को विधायक ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पेड़ो का महत्व छायादार स्थानों से कहीं अधिक है, वे हमारे शहरों को ठंडा करने, उत्सर्जन को अवशोषित करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण घटक हैं।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने आगे लिखा कि वृक्ष हवा को 25°F तक ठंडा करते हैं जबकि 1 पेड़ प्रति वर्ष 11,000 गैलन पानी प्रवाहित करता है। बड़े वृक्षों की जड़ें बाढ़ और भूस्खलन को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, वर्ष 2023 में रिकॉर्ड गर्मीं हुई थी जबकि इस बार तापमान 2023 से भी अधिक होने वाला है, आज गर्मीं से बचाव के लिए शहरों में 40% अधिक कैनोपी जगहों की आवश्यकता है जिसे वृक्षारोपण से ही प्राप्त किया जा सकता है। डॉ. सिंह ने आगे लिखा आइए तथ्यों का सामना करें: वनों की हानि जलवायु परिवर्तन का कारक बन रही है, भविष्य में परिणाम और अधिक गंभीर होने वाले हैं। अब कार्रवाई करने का समय आ गया है। यह समय पौधे लगाने, उनकी सुरक्षा करने और वृक्षों को संरक्षित करने का समय है।