रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली: Apple iPhone मोबाइल को अच्छी प्रतिष्ठा मिली है। एप्पल फोन का होना प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है। हालांकि आरोप है कि इन एप्पल फोन की सप्लाई करने वाली फॉक्सकॉन कंपनी में शादीशुदा महिलाओं को नौकरी नहीं दी जाती है। भारत सरकार के केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस मामले में तमिलनाडु सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इस संबंध में मंडल मुख्य श्रमायुक्त से भी रिपोर्ट मांगी गयी है। मंत्रालय ने भारत के श्रम अधिनियम, 1976 का हवाला देते हुए कहा कि कानून कहता है कि रोजगार में पुरुषों और महिलाओं के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। कंपनी चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदूर में फॉक्सकॉन की मुख्य फैक्ट्री में विवाहित महिलाओं को काम पर रखने से इनकार कर रही है। इसके स्थान पर एकल महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है। क्योंकि शादीशुदा महिलाओं पर अविवाहित महिलाओं की तुलना में अधिक जिम्मेदारी होती है। वे अधिक छुट्टियाँ लेते हैं और उन पर पारिवारिक जिम्मेदारियाँ भी अधिक होती हैं, यही वजह है कि कंपनी विवाहित महिलाओं को काम पर रखने से हिचकती है।
कंपनी के इस भेदभाव को उजागर करने के बाद तमिलनाडु सरकार ने भी इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालाँकि, जब Apple और फॉक्सकॉन से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि 2022 में भर्ती प्रक्रिया में कुछ त्रुटियाँ थीं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने इन त्रुटियों को दूर करने का प्रयास किया। हालाँकि,लगाए गए आरोप 2023 और 2024 के हैं। और उन्होंने इस बारे में चुप्पी साध रखी है।
2022 में जब पहली बार भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठे तो हमने तुरंत कार्रवाई की। और आपूर्तिकर्ताओं के साथ मासिक ऑडिट भी किया। एप्पल का कहना है कि फॉक्सकॉन समेत उसके सभी आपूर्तिकर्ता विवाहित महिलाओं को रोजगार देते हैं। फॉक्सकॉन ने यह भी कहा है कि वह लिंग, धर्म या जाति के आधार पर नौकरियों को अस्वीकार नहीं करता है।