भारत है एआई का ग्लोबल लीडर, नए अवसरों के लिए युवा रहें तैयार : डॉ. राजेश्वर सिंह

India is the global leader of AI, youth should be ready for new opportunities: Dr. Rajeshwar Singh

रविवार दिल्ली नेटवर्क

लखनऊ : एआई यानी कृत्रिम बुद्धिमत्ता, 21 वीं सदी की सबसे क्रांतिकारी तकनीक है, संसार के सभी संस्थान अपनी प्रगति में एआई तकनीक को सहभागी बनाना चाहते हैं, यही कारण है भविष्य में करोड़ो नौकरियों का स्वरुप भी डिजिटल एजुकेशन और एआई के अनुरूप बदलने वाला है। इस संबंध में सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने ट्वीट कर एआई के बढ़ते प्रभाव के आंकड़े रखते हुए युवाओं को डिजिटल एजुकेशन और एआई में अपना भविष्य बनाने के साथ इस क्षेत्र में सरोजनीनगर में किये जा रहे प्रयासों को सामने रखा।

विधायक ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत AI अपनाने में अग्रणी है, माइक्रोसॉफ्ट और लिंक्डइन 2024 वर्क ट्रेंड इंडेक्स से पता चलता है कि कैसे इंडिया इंक तेज गति से एआई को अपना रहा है। विधायक ने आंकड़े रखते हुए बताया कि ⁠92% भारतीय नॉलेज वर्कर्स प्रतिदिन एआई का उपयोग करते हैं और ⁠72% अपने स्वयं के एआई उपकरण काम में लाते हैं जबकि इस क्षेत्र में वैश्विक औसत 78% ही है। 75% भारतीय नियोक्ता नई नियुक्तियों में एआई कौशल को प्राथमिकता देते हैं, इस क्षेत्र में वैश्विक औसत 66% है। 80% लीडर्स अनुभवी लोगों की तुलना में एआई-कुशल उम्मीदवारों को पसंद करते हैं, भारत में 5-6 साल के अनुभव वाले AI विशेषज्ञों के वेतन में 40% तक की बढ़ोतरी हुई है।

डॉ सिंह ने आगे लिखा कि पिछले साल एआई विशेषज्ञता की मांग 17% तक बढ़ी है, 91% लीडर्स का कहना है कि प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए एआई आवश्यक है, लेकिन तथ्य यह है कि 54% के पास एआई कार्यान्वयन के लिए स्पष्ट योजना का अभाव है। विधायक ने आगे जोड़ा कि मार्केटिंग डेटा और एनालिटिक्स फर्म कांतार द्वारा प्रकाशित एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि भारत में 10 में से 9 इंटरनेट उपयोगकर्ताओं द्वारा पहले से ही AI का उपयोग किया जा रहा है। एआई काम के भविष्य को नया आकार दे रहा है! तो तैयार रहें!!

बता दें कि सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह द्वारा लागतार डिजिटल शिक्षा और एआई को प्रोत्साहित करने के कार्य किए जा रहे हैं। सरोजनीनगर में विधायक द्वारा रण बहादुर सिंह डिजिटल शिक्षा एवं युवा सशक्तिकरण केन्द्रों की शुरुआत भी की गयी है। पहले चरण में 04 केन्द्रों की स्थापना हुई, आगे महीने फिर से 04 केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। डॉ. राजेश्वर सिंह का लक्ष्य सभी ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्र के वार्डों में इन केन्द्रों की स्थापना कर युवाओं को निःशुल्क डिजिटल शिक्षा उपलब्ध कराना है। डॉ. राजेश्वर सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रदेश में एआई नीति बनाने का अनुरोध भी किया है।