- अभिषेक व जुरेल को कर सकते हैं टी २० अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज
- भारत को सिकंदर रजा के साथ बैनेट व मुजरबानी, चौकस रहने की जरूरत
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : रोहित शर्मा की अगुआई में भारत के १७ बरस के बाद टी २० क्रिकेट विश्व कप जीत की खुमारी अभी क्रिकेट को शिद्दत से चाहने वाले फैंस के जेहन में लंबे समय तक रहेगी। रोहित शर्मा,विराट कोहली, रवीन्द्र जडेजा के भारत के टी २० विश्व कप २०२४ खिताब जीतने के तुरंत बाद टी २० अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद भारत ने शुभमन गिल की अगुआई में भविष्य के क्रिकेट तलाशने की कोशिश में नवोदित खिलाड़ियों से सज्जित टीम हरारे में मेजबान जिम्बाब्वे के खिलाफ पांच टी अंतर्राष्ट्रीय मैचों की सीरीज के लिए भेजी है। खुद कप्तान शुभमन व उनके पंजाब के ही अभिषेक शर्मा, रिंकू सिंह, विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल, ऋतुराज गायकवाड़ , रवि बिश्नोई , चोट के चलते टीम इंडिया में रहने की बजाय उससे बाहर रहने वाले आलराउंडर वाशिंगटन सुंदर और सई सुदर्शन भविष्य की भारतीय टीम में पक्का स्थान बनाने के मकसद से जिम्बाब्वे के खिलाफ अपनी छाप छोड़ अपनी मजबूत दावेदारी पेश करेंगे। भारत ने जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने पिछले पांच में से तीन मैच जीते हैं। शुभमन गिल की अगुआई में भारत मौजूदा सीरीज का आगाज मेजबान जिम्बाब्वे से हरारे में शनिवार को पहला टी २० मैच जीत कर ही करना चाहेगा। भारत की दूसरी पंकित के खिलाड़ियों से सज्जित खिलाड़ियों टीम को रोकना जिम्बाब्वे के लिए खासी बड़ी चुनौती होगा। अभिषेक शर्मा के साथ बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जुरेल को भारत के लिए टी २० अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर शुरु करने का मौका मिल सकता है। भारत को जिम्बाब्वे के कप्तान बल्लेबाज सिकंदर रजा के साथ ब्रायन बैनेट व तेज गेंदबाज ब्लेसिंग मुजरबानी, तेंदेई चतारा और ल्यूक जोंगवी से चौकस रहने की जरूरत होगी।
विराट और रोहित के टी २० क्रिकेट को अलिवदा कहने के बाद बतौर सलामी बल्लेबाज सबसे मजबूत दावा शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल का है लेकिन यशस्वी जायसवाल शुरू के दो टी २० मैचों के बाद ही टीम इंडिया से जुड़ेंगे। बावजूद इसके बाएं हाथ के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज बतौर हाथ के स्पिनर गेंदबाजी की क्षमता के कारण यशस्वी के लिए बराबर चुनौती पेश करेंगे। स्पिन ऑलराउंडर के रूप में अभिषेक खासतौर टी २० खासे कारगर रहेगे। मध्यक्रम मे रिंकू सिंह अपनी तूफानी बल्लेबाजी से किसी भी गेंदबाज को ध्वस्त करने और फिनिशर के रूप में उपयोगिता के कारण जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत की तुरुप का इक्का साबित हो सकते हैं।