अवैध खनन पर रोक के लिए राज्य सरकार गंभीर

State government serious about stopping illegal mining

  • वैध खनन को बढ़ावा देकर ही अवैध खनन पर अंकुश
  • पहली तिमाही में ही 218 माइनर मिनरल ब्लॉकों की सफल नीलामी

रविवार दिल्ली नेटवर्क

जयपुर : राज्य के खनिज विभाग ने अवैध खनन पर प्रभावी रोक के लिए मेजर और माइनर मिनरल के अधिक से अधिक प्लॉट तैयार कर ई-ऑक्शन पर फोकस किया है। अवैध खनन का मुख्य कारण वैध तरीके से रिसोर्स रिच एरिया खनिज बहुल क्षेत्रों में समय रहते ऑक्शन नहीं करना है। इसी कारण से प्राथमिकता से डेलिनियेशन कार्रवाई कर नीलामी की कार्रवाई की जा रही है। इसी रणनीति के तहत फील्ड अधिकारियों को अवैध खनन क्षेत्रों और माइनिंग लीज क्षेत्र के गैप एरिया को चिन्हित कर वहां डेलिनियेशन कर ऑक्शन के लिए ब्लॉक तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ डेलिनियेशन से प्लॉट तैयार होते ही उनकी ऑक्शन की कार्रवाई शुरु करते हुए अप्रेल से जून तक तीन माह में ही 218 माइनर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी हैं।

निदेशक माइंस एवं भूविज्ञान श्री भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि वैध खनन को बढ़ावा देकर ही अवैध खनन पर अंकुश लगाया जा सकता हैं। मेजर और माइनर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी का रोडमेप बनाते हुए नई सरकार के गठन के बाद से ही खनिज ब्लॉक तैयार कर चरणबद्ध तरीके से नीलामी की जा रही है। यही रणनीति मेजर मिनरल के ब्लॉकों को लेकर है और मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में भी राजस्थान को शीर्ष पर लाने के कदम उठाये जा रहे हैं। इससे वैध खनन को प्रोत्साहन और राजस्व व रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी हो सकेगी।

गौरतलब है कि राज्य सरकार अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही हैं और मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा जो स्वयं खान मंत्री भी हैं ने 11 जनवरी, 24 को आयोजित खान विभाग की पहली समीक्षा बैठक में ही 15 जनवरी से 31 जनवरी तक राज्यव्यापी संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत और खान सचिव श्रीमती आनन्दी लगातार राज्य स्तर पर अवैध खनन गतिविधियों पर कार्रवाई की मोनेटरिंग और अवैध खनन के कारणों की तह तक जाने के प्रयास करने के साथ ही जिला कलक्टरों से समन्वय बनाया जा रहा है। अवैध खनन क्षेत्रों के साथ ही लीज धारकों या अवैध खनन गतिविधियों में लिप्त तत्वों द्वारा माइनिंग लीजों के गैप स्थान पर भी चोरी छिपे अवैध खनन किया जाता है, यही कारण है कि उनके हित प्रभावित होने के कारण गैप एरिया में प्लॉट तैयार कर ऑक्शन कार्य में अवरोध पैदा करने के प्रयास किये जाते हैं।

अवैध खनन के प्रति सरकार की गंभीरता को इसी से समझा जा सकता है कि राज्य में अवैध खनन गतिविधियों को लेकर संवदेनशील क्षेत्रों में मेसेनरी स्टोन, बजरी और जिप्सम के साथ ही कुछ स्थानों पर क्वार्टज फेल्सपार, चाईना क्ले, सेंड स्टोन, कोटा स्टोन, गारनेट, बेन्टोनाईट के अवैध खनन गतिविधियों के संवेदनशील क्षेत्र है। सर्वाधिक अवैध खनन गतिविधियां बजरी और मेसेनरी स्टोन से जुड़ी हुई है। प्रदेश में अब इन क्षेत्रों में मिनरल ब्लॉक्स तैयार कर नीलामी पर फोकस किया जा रहा है।

निदेशक श्री कलाल ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को दिए गए निर्देशों मेें अवैध खनन प्रभावित क्षेत्रों में खनिज प्लॉटों का डेलिनियेशन कर प्रस्ताव के साथ अवैध खनन के माप और समय—समय पर की गई कार्रवाई की जानकारी ली जाती है। इसी तरह से लीजों के बीच के गैप एरिया में भी अवैध खनन गतिविधि रोकने के लिए प्लॉट तैयार कर भारत सरकार के ई पोर्टल पर ऑक्शन की कार्रवाई की जा रही है।