अजय कुमार
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगे जिला बाराबंकी में अवैध तरीके से संचालित दिव्यांग अनाथालय में दो किशोरियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म व एक के अपहरण का मामला सामने आया है। 09 जुलाई को जब मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया तो यह सच्चाई सामने आई। इसके बाद पुलिस और प्रशासन सक्रिय हुआ और जांच टीम गठित की गई। फारेंसिक टीम ने भी अनाथालय में साक्ष्य जुटाए। बताते हैं कि अमर दिव्यांग सेवा संस्थान आश्रय गृह की संचालिका सुनीता देवी का आरोप है कि यह अनाथालय बाराबंकी के हैदरगढ़ में संचालित है, जिसका प्रबंधन सुलतानपुर निवासी राजेश कुमार रत्नाकर करते है। यहां मानसिक रूप से बीमार चार किशोरियां और एक प्रबंधक ने अपने साथी राम कैलाश के साथ 25 व 30 अप्रैल को संस्थान में लड़कियांे के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। इसकी शिकायत पुलिस और उच्च अधिकारियों से की गई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। 21 जून को राजेश कुमार, राम कैलाश और अमृता देवी के साथ सफेद कार से अनाथालय आये और तीन किशोरियों को ले गए। फिर उसी कार से पुलिस को साथ लेकर आश्रय गृह में पहंुचे और बच्चों की गिनती करवाई । कहा, एक लड़की गायब है। हैदरगढ़ के क्षेत्राधिकारी हर्षित चैहान ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म, अपहरण और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रबंधक समेत तीन आरोपित हैं। प्रबंधक को हिरासत में ले लिया गया है।
आश्रय गृह का पंजीकरण सुल्तानपुर में है। शाखा के नाम पर बाराबंकी में खोला गया है। बताया जा रहा है कि चार माह पहले इसका रजिस्ट्रेशन भी खत्म हो गया था। यहां 41 दिव्यांग, मानसिक मंदित लड़कियां पंजीकृत हैं। एक लड़की के अपहण की बात सुनीता देवी के पति केयरटेकर सालिगराम ने बताई। दो किशोरियांे को मेडिकल के लिए पुलिस ले गई थी, जबकि मौके पर एक ही लड़की थी। सवाल है कि 37 किशोरियों कहां गई, यह बात केयरटेकर नहीं बता सका। केयरटेकर ने बताया कि प्रबंधक ने ईसाई धर्म अपना लिया है। उसने हम लोगों को मतांतरण करा दिया।