क्या राजस्थान विधान सभा में स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं का शुभारभ होगा?

Will healthy democratic traditions be inaugurated in Rajasthan Legislative Assembly?

क्या राजस्थान विधान सभा में अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा स्थापित की जारी स्वस्थ परम्पराओं का पक्ष और प्रतिपक्ष पर अनुकूल असर होगा और विरोध के लिए विरोध की परंपरा के स्थान पर लोकतंत्र के मंदिर में स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं का शुभारभ होगा?

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान बिधान सभा में अध्यक्ष वासुदेव देवनानी कई नवाचार लागू कर रहे है इस क्रम में उन्होंने शून्य काल शुरू करनेकी पहल की है। साथ ही पर्चियों के माध्यम से प्रश्न पूछने की बंद हो गई परिपाटी को भी आरम्भ किया है। विधानसभाध्यक्ष देवनानी ने संसद की भांति विधान सभा में भी लंच ब्रेक की परंपरा को शुरू कराया है। देवनानी ने इससे पहले संसद की तरह राजस्थान में भी विधान सभा सत्र से पहले सर्व दलीय बैठक का आयोजन कराने के साथ ही विधान सभा का यू ट्यूब टीवी चैनल की की शुरुआत भी कराई है । इसके अलावा विधान सभा के संग्रहालय को संसद की तरह आम लोगों के खोल विधान सभा दर्शन की शुरुआत कराई है।

आगामी 23 जुलाई तक चलने वाले विधान सभा सत्र में गुरुवार से सदन में बजट पर चर्चा शुरू हुई।

राजस्थान की वित्त मंत्री उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा बुधवार को पेश किए गए भजनलाल सरकार के पहले पूर्ण बजट पर विधानसभा में चर्चा के लिए विधानसभाध्यक्ष देवनानी ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए समय का निर्देशन भी कर दिया है। बजट पर कुल 16 घंटे सदन में बहस चलेगी। आगामी 16 जुलाई को बजट पर ही बहस का सत्ता पक्ष को ओर से जवाब दिया जाएगा। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी का प्रस्ताव सदन में रख इसका खुलासा किया है। अध्यक्ष देवनानी ने भाजपा को 9 घंटे 26 मिनट का समय दिया गया है जबकि कांग्रेस को 5 घंटे 25 मिनट का समय दिया गया है। इसके अलावा भारतीय आदिवासी पार्टी को 15 मिनट जबकि बहुजन समाज पार्टी को 10 मिनट वहीं लोकदल के लिए 5 मिनट का समय दिया है। निर्दलीय विधायकों के लिए 16 मिनट का और का समय तय दिया है।

राजस्थान विधान सभा के इस बजट सत्र भी भारी हंगामा होने के आसार हैं, क्योंकि विपक्षी पार्टियां पहले ही इस बजट को दिशाहीन करार दे चुकी हैं. राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जहां इस बजट को आंकड़ों व शब्दों का मायाजाल बताया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेट्रोल-डीजल के दाम कम न करने का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरा है।

विधानसभा की कार्यवाही बुधवार को जब शुरू हुई तो उस दौरान आदिवासी डी एन ए को लेकर मंत्री मदन दिलावर के बयानों पर विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ और पूरे विपक्ष ने वॉकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि जब तक दिलावर माफी नही मांगेंगे, तब तक उनका जवाब नहीं सुनेंगे।

उधर बजट पर बहस के दौरान पाली से कांग्रेस विधायक भीमराज भाटी और चौमूं से कांग्रेस विधायक ने बजट की कई घोषणाओं की जमकर तारीफ की । भाटी ने सीएम और डिप्टी सीएम के अलावा मंत्रियों की भी जमकर तारीफ की। भीमराज भाटी ने कहा कि पाली के सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री ने पैसा मंजूर किया है।उसके लिए दिल से आभारी हूं, मुझे कोई शर्म नहीं है, मैंने जिक्र किया था कि मैं इसके बारे में विधानसभा में खुले दिल से मुख्यमंत्री और दिया कुमारी का आभार प्रकट करना चाहता हूं ,मैं इस मौके पर दिया कुमारी को सैल्यूट करना चाहता हूं जिन्होंने महिला होते हुए और रहीस परिवार से होने के बावजूद तीन घंटे तक खड़े रहकर बजट भाषण दिया।भाटी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री को भी सैल्यूट करता हूं कि उन्होंने ऐसे वित्त मंत्री को इस राजस्थान की सरकार में जगह दी. पाली के डेयरी प्लांट के लिए पैसा मंजूर करवाने के लिए मंत्री जोराराम कुमावत का आभार व्यक्त करता हूं. कुमावत ने काफी प्रयास किया। पाली नगर परिषद के लिए घोषणाएं करने पर झाबर जी का मैं उनका आभारी हूं.

कांग्रेस विधायक शिखा मील बराला ने भी बजट की कुछ घोषणाओं की तारीफ की..चौमूं में हुए विकास कार्यों की तारीफ की सीएम भजन लाल शर्मा और डिप्टी सीएम दीया कुमारी का जताया आभार शिखा ने कहा कि बजट में महिलाओं के लिए बायो टॉयलेट्सकी घोषणा भी अच्छी है, जो स्वागत योग्य कदम है, एविएशन सेक्टर की योजना अच्छी है,सरकारी हासॅस्टल में मैस भत्ता बढ़ाना अच्छा कदम है. हालांकि दोनों ने कई मुद्दों पर सरकार का घेराव भी किया।

अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि राजस्थान विधान सभा में अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा स्थापित की जारी स्वस्थ परम्पराओं का पक्ष और प्रतिपक्ष पर अनुकूल असर होगा और विरोध के लिए विरोध की परंपरा के स्थान पर लोकतंत्र के मंदिर में स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं का शुभारभ होगा?