रविवार दिल्ली नेटवर्क
पौड़ी : प्रदेश में पलायन एक बड़ी समस्या है। पलायन का सबसे अधिक दंश सहने वाले जिलों में पौड़ी भी शामिल है। यहां कई गांव खाली हो चुके हैं। हालांकि यहां कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जिनमें पलायन का आंकड़ा न के बराबर है। इसका कारण है अच्छी खेती-बाड़ी। पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक का सीली मल्ली गांव इसका उदाहरण है। यहां पर खेती-बाड़ी एक व्यवसाय के रूप में की जाती है, जिससे लोगों की काफी अच्छी आमदनी होती है। ख़ासकर सेब के बागान इस गांव की पहचान बन गए हैं। यहां कई लोगों ने सेब के बागान लगाए हैं।
गांव में सबसे पहले सेब का बगीचा लगाने वाले ग्रामीण मंगल चौधरी कहते हैं कि उन्होंने कोरोना काल में यहां आधे हेक्टेयर में साढ़े बारह सौ सेब के पेड़ पर लगाए थे जो आज उनके लिए कमाई का जरिया बन गए हैं।
गांव के युवा बागवान वीरेंद्र सिंह कहते हैं कि उन्होंने अपने खेत में एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब का बाग लगाया है। वो गांव में ही रहकर खेती बाड़ी करते रहना चाहते हैं।
आकाश सिंह पटवाल भी कहते हैं कि कि जितनी मेहनत हम दूसरों के लिए करते हैं, अगर खुद अपने घर में अपनी माटी के लिए करें तो लाभ कई गुना अधिक होगा।