दीपक कुमार त्यागी
- प्रसिद्ध ‘एस. एस. बुक्स’ द्वारा प्रकाशित डॉक्टर बी.एल.गौड़ की आत्मकथा 88 वर्षों की जीवन-यात्रा, संघर्षों, चुनौतियों, विचारों और सपनों के सरकार होने का एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो देश के युवाओं का मार्गदर्शन करेगा।
- डॉक्टर बी.एल. गौड़ की आत्मकथा आने वाले कल के लिए, आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा पुंज का काम करेगी इसमें कोई संदेह नहीं है – डॉक्टर रमेश पोखरियाल ‘निशंक’
ग्रेटर नोएडा : गौड़ सिटी के गौड़ सरोवर प्रीमियर होटल के सभागार में साहित्य शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में लंबे समय से कार्यरत बी.एल.गौड़ फाउंडेशन के तत्वावधान में देश के सुप्रसिद्ध साहित्यकार-पत्रकार समाजसेवी डॉक्टर बी.एल.गौड़ की आत्मकथा ‘बीता सो अनबीता है’ तथा उन्हीं के व्यक्तित्व पर केंद्रित ‘शोध सरिता’ के विशेषांक का लोकार्पण किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि देश के पूर्व शिक्षा मंत्री व उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व साहित्यकार डॉक्टर रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ रहे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकारिता जगत की प्रसिद्ध दिग्गज शख्शियत और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष पद्मश्री रामबहादुर राय के द्वारा की गयी। कार्यक्रम में अतिथि अमेरिका से पधारे अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति अमेरिका के न्यासी एवं वरिष्ठ समाजसेवी इंद्रजीत शर्मा, वरिष्ठ गीतकार बालस्वरूप राही, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के डीन तथा राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक रहे प्रोफ़ेसर रमेश चंद्र गौड़, हंसराज कॉलेज की प्राचार्या डॉक्टर रमा, ‘ग्लोबल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी’ अमेरिका के कुलपति डॉक्टर सौरभ पांडेय, समाजसेवी परिन सोमानी भी रहे।
कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि आज के समय में इतनी निर्भीकता, निरपेक्षता और पारदर्शिता से कोई व्यक्ति कैसे अपने अतीत, वर्तमान और भविष्य से संवाद कर सकता है, डॉक्टर बी.एल. गौड़ की आत्मकथा यह सिखाती है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर बी.एल.गौड़ ने अपने जीवन और जीवन-यात्रा के दौरान विभिन्न कालखंडों में हुए व्यापक अनुभवों को उपस्थित श्रोताओं से विस्तार से साझा करते हुए अपने निजी जीवन, जीवन पथ पर भोगे गये यथार्थ के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक घटनाक्रमों और विसंगतियों को अपनी आत्मकथा का विषय क्यों बनाया इस पर विस्तार से प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में देश के वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री राम बहादुर राय ने कहा कि डॉक्टर बी.एल. गौड़ की आत्मकथा को आप जिस दृष्टि से चाहें उसे दृष्टि से पढ़ सकते हैं। आत्मकथा उनकी ज़िंदगी के विभिन्न चरणों के साथ-साथ उनकी चेतना उनके चिंतन का परिचय तो देती ही है, साथ ही आत्मकथा की एक विशेषता और है कि यह उनके जीवन काल में हुई बहुत सी ऐसी ऐतिहासिक घटनाओं और घटनाक्रमों का विवरण देने का कार्य भी करती है, यह इतिहास बोध और उसे समझने की शक्ति का एक नया रूप लेती है।
कार्यक्रम कवि एवं शिक्षाविद् डॉक्टर विवेक गौतम के सफल संचालन में संपन्न हुआ, इस भव्य समारोह में डॉक्टर बी. एल. गौड़ तथा शिक्षाविद् संतराम भारद्वाज को ‘ग्लोबल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी’ की तरफ से डी.लिट् की उपाधि भी प्रदान की गई।
कार्यक्रम में डॉक्टर बी.एल.गौड़ की आत्मकथा पर अपने विचार व्यक्त करने वाली प्रसिद्ध शख्शियत के रूप में डॉक्टर जगदीश व्योम, डॉक्टर रमा, डॉक्टर सौरभ पांडेय, इंद्रजीत शर्मा, बालस्वरूप राही, परिन सोमानी, डॉ.सुशील कुमार शर्मा डॉक्टर कीर्ति काले, डॉक्टर हरि सिंह पाल तथा डॉक्टर ओम निश्चल आदि मुख्य रूप से रहे।
इस कार्यक्रम का शुभारंभ ‘गौड़ गुरुकुलम’ और ‘गौड़ इंटरनेशनल स्कूल’ के बच्चों द्वारा अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ, जिसका निर्देशन निदेशक मंजू गौड़ ने किया और इस अवसर पर उन्होंने भी डॉक्टर बी.एल. गौड़ को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।
कार्यक्रम के अंत में ‘क्रेडाई’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रसिद्ध बिल्डर गौड़ संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मनोज गौड़ ने उपस्थित अतिथियों व गणमान्य नागरिकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस कार्यक्रम के देश के बहुत सारे गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें मुख्य रूप से शारदा गौड़, विपिन गुप्ता, ग़ज़लकार प्रेम भारद्वाज ‘ज्ञानभिक्षु’, राहुल गौड़, इंद्रजीत अरोड़ा, विशाल शर्मा, हेमा शर्मा, संजय शर्मा, सार्थक गौड़, सीमा सिंह, लेखिका डॉ .वीणा मित्तल, डॉ.विजय मिश्र, कनाडा से सरन घई, डॉक्टर सुधांशु शुक्ला, राजेंद्र कुमार, डॉक्टर एहसान अहमद डॉक्टर नारायण यादव, डॉक्टर शिखा दीप्ति, डॉक्टर रागिनी पांडेय, डॉक्टर स्मिता मिश्रा, सोम दत्त शर्मा, डॉक्टर अंजना सिंह सेंगर, डॉक्टर बेचैन कंडियाल, डॉक्टर राहुल देव, सुबोध शर्मा, डॉक्टर वेद प्रकाश, शैलेंद्र शुक्ल, अनंगपाल सिंह, अतुल प्रताप सिंह चौहान, सत्यभान सिंह, पंडित अखिलेश शुक्ला, देवेन्द्र नाथ राय ‘बबलु’ आदि मुख्य रूप से रहे।