रविवार दिल्ली नेटवर्क
इंदौर : इंदौर में मोहर्रम की दस तारीख यानी यौमे आशूरा को परंपरा का निर्वहन करते हुए शहर भर से ताज़िए एवं अखाड़े निकलकर राजवाड़ा का चक्कर लगाते हुए करबला पहुंचे। या हुसैन, या हुसैन की गूंज के बीच जगह-जगह ताजियों और अखाड़ों का स्वागत किया गया। इंदौर में मोहर्रम पर निकलने वाला सरकारी ताजिया सबके आकर्षण का केंद्र रहा। इसे मन्नत का ताजिया भी कहा जाता है। होलकर रियासत काल से शुरू हुई सरकारी ताज़िए की परंपरा आज भी बदस्तूर जारी है।
मंगलवार को यौमे आशूरा इमामबाड़े से उठा सरकारी ताजिया राजवाड़ा का चक्कर लगाते हुए मोतीतबेला, कलेक्टर कार्यालय के सामने से होते हुए करबला मैदान पहुंचा। उसके पीछे अन्य ताज़िए और अखाड़े भी करबला पहुंचे। शहर काजी इशरत अली भी सरकारी ताज़िए के साथ चलते हुए लोगों का अभिवादन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे।