मेरा सपना ओलंपिक में भारत की नुमाइंदगी कर टीम को स्वर्ण पदक जिताना : संजय

My dream is to represent India in the Olympics and win the gold medal for the team: Sanjay

  • अन्य खिलाड़ियों की तरह ओलंपिक में खेलना मेरा भी सपना था
  • हॉकी थामने के साथ ही मैंने ओलंपिक और विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने का सपना देखा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : लंबे कद के नौजवान ड्रैग फ्लिकर संजय भुवनेश्वर में 2021 में एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में दो हैट्रिक सहित भारत के लिए सबसे ज्यादा आठ गोल कर सुर्खियों आए और जल्द ही सीनियर टीम में स्थान बनाने में कामयाब हो गए। तब संजय ने जूनियर हॉकी विश्व कप में सबसे ज्यादा गोल दागने में तीसरे स्थान पर रह कर भारत के भविष्य के हॉकी सितारे के रूप संभावनाओं को बता दिया था। हिसार के डाबड़ा गांव के संजय अब 27 अगस्त से पेरिस में भारतीय ओलंपिक टीम के लिए अपना पहला ओलंपिक खेलने जा रहे हैं। कप्तान हरमनप्रीत सिंह के बाद भारत के दूसरे सबसे कामयाब ड्रैग फ्लिकर वरुण कुमार के महिला शोषण के आरोपों चलते टीम से बाहर रहने और दक्षिण अफ्रीकी कोच क्रेग फुल्टन को प्रभावित कर संजय ने पेरिस ओलंपिक में शिरकत करने जा रही पिछले संस्करण की कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम में जगह जरूर बनाई लेकिन उन पर लगातार दूसरी बार भारत को पदक जिताने का दबाव होगा।

हरियाणा के छोटे से गांव डाबड़ा से आकर ओलंपिक जैसे दुनिया के सबसे मंच पर भारत की नुमाइंदगी करना वाकई संजय की मेहनत और संकल्प का प्रमाण है। पहली बार ओलंपिक में शिरकत करने की बाबत संजय कहते हैं, ’ मैं पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा बन सम्मानित महसूस कर रहा हूं। अन्य खिलाड़ियों की तरह ओलंपिक में खेलना मेरा भी सपना था। मैं खुश हूं कि मेरी मेहनत रंग लाई और पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाने में कामयाब रहा। मेरा सपना ओलंपिक में भारत की नुमाइंदगी कर टीम को स्वर्ण पदक जिताना है। मैं मैदान पर पूरे संकल्प और मेहनत से देश का नाम उंचा करने को प्रतिबद्ध हूं। ओलंपिक में खेलने का मौका मुझे कड़ी मेहनत करने और अपनी टीम की कामयाबी में योगदान करने को प्रेरित करेगा। मेरी निगाहें अब ओलंपिक जैसे दुनिया के सबसे बड़ी मंच पर हॉकी में भारत का गौरव बढ़ाने पर लगी हैं। जब मैंने अपने पेरिस ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम में अपने चुने जाने की परिवार से खबर साझा की तो वह फूला नहीं समाया। परिवार का आर्शीवाद और प्रोत्साहन मेरे लिए ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन उनका मान बढ़ाने का सबसे बड़ी प्रेरणा है।

संजय ने 2022 में सीनियर भारतीय हॉकी टीम के अंतर्राष्ट्रीय हॉकी करियर का आगाज कर उसे पहला एफआईएच हॉकी 5 टूर्नामेंट जिताने में अहम भूमिका अदा की। संजय ने भारत की जीत में योगदान खासा अहम रहा और बतौर ड्रैग फ्लिकर उनके कौशल ने भारत को अहम जीत दिलाई। संजय भारतीय हॉकी टीम अब तक 20222 में हांगजू में 19 वें एशियाई खेलों , 2023 में चेन्नै में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी स्वर्ण पदक जिताने में अहम भूमिका निभा चुके हैं। संजय को उनकी प्रतिभा का सम्मान करते हुए 2021 में हॉकी इंडिया के साल के उदीयमान खिलाड़ी (पुरुष अंडर 21 , 2021) से नवाजा जा चुका है। संजय कहते हैं, ’अब मेरा पूरा फोकस ओलंपिक पर है । मैं पेरिस ओलंपिक में एक समय केवल एक मैच पर ध्यान लगा इसमें पूरी शिद्दत से प्रदर्शन करने पर ध्यान लगा रहा हूं। मेरा मकसद पूरी तरह प्रतिबद्ध रह मैदान पर मिले हर मौके को भुना अपनी टीम की कामयाबी में योगदान करने पर है। मैने इस क्षण के लिए कड़ी मेहनत की है और मैं इसका पूरा लाभ उठाना चाहता हूं। हॉकी थामने के साथ मैंने ओलंपिक और विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतने का सपना देखा है। ‘

भारतीय पुरुष हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में अपना अभियान 27 जुलाई को पूल बी में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से करेगी।