रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर : राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष श्री शिखर अग्रवाल ने बताया कि भिवाड़ी में लम्बे समय से जल भराव एवं प्रदूषित जल की समस्या सामने आ रही थी. जिसको प्राथमिकता देते हुए समस्या के समाधान पर विभिन्न विभागों के संयोजन से कार्ययोजना तैयार कर सार्थक प्रयास किये गए। इस दौरान न केवल मंडल के अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर निरीक्षण किया गया बल्कि विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने हेतु समय समय पर मुख्यालय एवं जिला स्तर पर बैठकों का आयोजन किया गया। इस दौरान भिवाड़ी जिला प्रशासन, रीको, बीड़ा व् अन्य सम्बंधित विभागों को आवश्यक दिशा—निर्देश दिए गए। जिसके परिणाम स्वरूप बारिश के बाद ड्रेनेज के पानी की गुणवत्ता में कहीं हद तक सुधार हुआ है, जो यह इंगित करता है कि सार्थक रूप से किये जा रहे संयुक्त प्रयास सफलता की राह पर है। उन्होंने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में आदर्श राज्य बने और प्रदूषण मुक्त राज्यों की श्रेणी में शामिल हो इसके लिए मंडल द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
इस सम्बन्ध में मंडल के सदस्य सचिव श्री एन विजय ने बताया कि राज्य में आम जनता को प्रदूषण मुक्त वातावरण मिल सके एवं उद्योगों में सस्टेनेबल प्रैक्टिसेज को बढ़ावा देकर सुगम संचालन की राह को आसान किया जा सके, इस दिशा में लगातार वृहद स्तर पर प्रयास किये जा रहे है। भिवाड़ी न केवल राज्य के लिए बल्कि सम्पूर्ण देश में एक महत्वपूर्ण आद्योगिक नगरी है। प्रदूषण मुक्त भिवाड़ी की संकल्पना को संजोये मंडल मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय अधिकारीयों द्वारा हर संभव स्तर पर प्रयास किये गए। जिसके परिणाम स्वरुप जब बारिश के दौरान ड्रेनेज के पानी के सेम्पल लिए गए तो पानी की गुणवत्ता में अप्रत्याशित सुधार दर्ज किया गया।
भिवाड़ी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध
राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के भिवाड़ी क्षेत्रीय मंडल के क्षेत्रीय अधिकारी श्री अमित शर्मा ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि यहाँ लम्बे समय से जल प्रदूषण की समस्या सामने आ रही थी जिसको मध्यनजर रखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा गंभीरता से लिया गया। जिसके तहत सीईटीपी को 06 एम एल डी क्षमता के जेडएलडी में रूपांतरित किया गया। इस प्लांट में औद्योगिक इकाइयों के निकलने वाला ख़राब पानी को शोधित कर वापस औद्योगिक इकाइयों तक पहुंचा कर पुनरुपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्य के लिए भिवाड़ीआद्योगिक क्षेत्र में 60 किलोमीटर की लाइन गंदे पानी को लाने तथा 100 किलोमीटर की लाइन उपचारित पानी को पुनः सप्लाई हेतु बिछायी गयी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करने का काम भी वृहद स्तर पर पर किया गया, वहीं उक्त कार्य के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा 16 निगरानी दलों का निर्धारण किया गया है। अब सीईटीपी के जरिये अपशिष्ट उपचार लागत कम होगी साथ ही बेहतर सामूहिक अपशिष्ट उपचार प्रदान करने और एम एस एम ई औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी वही ऐसी इकाइयां जो व्यक्तिगत उपचार संयंत्रों का खर्च वहन नहीं कर सकती उन्हें भी अपशिष्ट उपचार की सुविधा उपलब्ध हो रही है।
उन्होंने बताया कि उद्योगों द्वारा दुसरे स्रोतों के जरिये खुले में पानी छोड़े जाने को लेकर सख्त कार्यवाही की जा रही है. इस दौरान 1006 उद्योगों के पानी छोड़ने के दुसरे आउटलेट्स बंद करवाए गए है.उद्योग दूषित पानी को किसी अन्य रास्ते से नालों में नहीं छोड़ सकें, इसके लिए ऐसे उद्योगों पर सख्त कार्यवाही करते हुए बिजली पानी के कनेक्शन तक काटे गए है।
इसी के साथ शहरी सीवेज लाइन तथा उपचार संयंत्रों के रखरखाव तथा संचालन को भी सुधारा गया है| वहीं बीड़ा (भिवाड़ी इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट अथॉरिटी) एवं स्थानीय प्रशासन के साथ संयक्त प्रयास के जरिए घरेलु एवं बारिश के जल भराव की समस्या से भी भिवाड़ी को शीघ्र ही मुक्त किया जायेगा। जिसके लिए कार्य योजना पर संयुक्त प्रयास किये जा रहे हैं।
वही राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा नगर परिषद् एवं बीडा को एसटीपी(सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) की कार्यप्रणाली में सुधार करने एवं सीवर लाइन में रुकावटों को सुपर सकर मशीन द्वारा साफ़ करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत प्रगति की गति के साथ कार्य किया जा रहा है ताकि जलभराव की समस्या से शीघ्र ही निजात पायी जा सके।
उल्लेखनीय है भिवाड़ी राज्य का एक वृहद एवं महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है एवं राज्य की अर्थव्यवस्था में भी भिवाड़ी का महत्वपूर्ण योगदान है। न केवल स्थानीय बल्कि देशी विदेशी उद्योगों ने भी भिवाड़ी को औद्योगिक नगरी के रूप में एक नए आयाम देने का कार्य किया है ऐसे में प्रदूषण मुक्त भिवाड़ी की संकल्पना को साकार करने के लिए राज्य सरकार एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा अभूतपूर्ण प्रयास प्राथमिकता से किये जा रहे है।